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Ganpati Utsav in Indian Cinema: कमलोग जानते हैं "गणपति उत्सव" को पब्लिक प्लेटफॉर्म तक लाने में सिनेमा उद्योग की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है

इनदिनों "गणपति" उत्सव का पर्व ना सिर्फ सितारों की नगरी मुम्बई में बल्कि पूरे देश में और विदेशों में भी धूम धाम से मनाया जारहा है। 27 अगस्त 2025 से शुरू हो चुके गणपति पर्व के अदभुत नजारे अगले 10 दिनों तक बॉलीवुड नगरी में मनोहारी रूप में सामने आरहे हैं।

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Ganpati Utsav in Indian Cinema
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इनदिनों "गणपति" उत्सव का पर्व ना सिर्फ सितारों की नगरी मुम्बई में बल्कि पूरे देश में और विदेशों में भी धूम धाम से मनाया जारहा है। 27 अगस्त 2025 से शुरू हो चुके गणपति पर्व के अदभुत नजारे अगले 10 दिनों तक बॉलीवुड नगरी में मनोहारी रूप में सामने आरहे हैं। जिस सितारे से बात करो जवाब मिलेगा- "गणपति के बाद मिलते हैं न !" मतलब ये है कि सिनेमा नगरी मुंबई में आम आदमी से लेकर खास- बड़े बड़े सितारों तक सबकी व्यस्तता में गणपत महोत्सव का शेड्यूल शामिल हैं।(Ganpati Utsav history)

Ganesh-Festival-Mumbai

ganpati

गणपति उत्सव: तिलक की सोच से सिनेमा तक – परंपरा, स्वतंत्रता संग्राम और बॉलीवुड का अनोखा संगम

वैसे तो, गणपति पर्व की परंपरा का इतिहास हमारे देश मे आदिकाल से है। कहते हैं कैलाश पर्वत से भगवान गणेश अपनी मां गौरी के साथ धरती पर आए थे, तब से ही यह पर्व आरम्भ हुआ है। (Ganpati Utsav cinema connection) आधुनिक युग मे ब्रिटिश काल मे गणपति पर्व मनाए जाने का उल्लेख है। अंग्रेजों के समक्ष शक्ति प्रदर्शन की सोच के साथ बाल गंगाधर तिलक ने सार्वजनिक गणेश मण्डलों की शुरुवात करवाया था। (Bollywood and Ganpati festival)  स्व. बाल गंगाधर तिलक को गणपति उत्सव शुरू करने का श्रेय जाता है। तिलक की सोच थी कि अंग्रेजी सत्ता को समझना होगा कि वे हमारे देश मे बाहरी हैं और हमारी संख्या उनसे बहुत ज्यादा है। इसी सोच के तहत भारतीयों  को जगह जगह बड़ी संख्या में कैसे जुटाया जाए, पूजा का प्रावधान बना। स्व. बाल गंगाधर तिलक ने पहलीबार पूना(महाराष्ट्र) में गणेश जी की पूजा का आरंभ किया। मतलब था कि संख्या बल का प्रदर्शन हो सके। पूजा के नाम पर भारतीय मानस में एक भक्ति होती है और वे दर्शन करने जाते ही जाते हैं। जगह जगह पंडाल बनाकर गणपति स्थापना की जाने लगी। किंतु चमत्कारिक भीड़ जैसा नजारा नहीं बन रहा था जिसकी खबर समाचार पत्रों में छपकर लंदन में बैठे अंग्रेज हुक़ूमवारों के कानों तक पहुचे।(Ganpati festival in films)

ganpati tilka

फिल्मवालों ने समझा तिलक को:

तिलक की इस सोच का स्वागत सबसे पहले फिल्मकारों ने किया। व्ही. शांताराम, शशधर मुखर्जी, राज कपूर, नाडियाडवाला, एस मुखर्जी जैसे फिल्मकारों ने अपने अपने स्टूडियोज में गणपति पंडाल बनाकर पूजा करने की शुरुआत किया। उनलोगों ने इस संध्या पूजन में अपनी फिल्म यूनिट्स के सभी कलाकारों, तकनीशियनों आदि को शामिल होने का निमंत्रण देना शुरू किया। इस सांध्य पूजन में कई यूनिट के हीरो -  हीरोइन भी सपरिवार शामिल होने आने लगे। आम आदमी पूजा के समय अंदर आए इसके लिए स्टूडियोज के गेट खोल कर रखे जाने लगे।(Bollywood traditions and festivals) 

ganpati

बॉम्बे टाकीज, राजकमल स्टूडियोज, फिल्मालय स्टूडियोज, आर के स्टूडियो, मेहबूब स्टूडियो, आशा स्टूडियो, फिलिस्तान स्टूडियो, ज्योति स्टूडियोज में निर्माताओं की मंत्रणा के तहत पंडाल बनाकर गणपति की मूर्ति के सामने सामूहिक पूजा का आयोजन आरंभ हो गया। भीड़ बढ़ती चली गयी। एक मूक संदेश का प्रतिसाद इतना व्यापक हुआ कि आम आदमी, सामाजिक संस्थाएं सभी ने गणपति पर्व मनाना शुरू कर दिया। लोग अपने अपने घरों में गणपति बैठाने लगे। वही शांताराम, बॉम्बे टाकीज, शशधर मुखर्जी, राज कपूर जैसे फिल्मकारों ने पुणे और कोल्हापुर के फिल्मकारों को उनके स्टूडियोज में गणपति आयोजन करने के लिए प्रेरित किया।(Ganpati visarjan in movies)

गणपति के गीत और दृश्य का फिल्मांमन :

Ganpati_Songs

यह फिल्म वाले ही थे जो गणपति के भजन और श्लोको को अपनी फिल्म का दृश्य बनाकर पेश किए और वो भजने पॉपुलर होती गयी।फिर वो गीत हर पूजा के कार्यक्रम और देवालयों में बजाए जाने लगे। (Bollywood contribution to Ganpati Utsav) फिल्म 'टक्कर' में संजीव कुमार और जितेंद्र पर फिल्माया गया गीत ' मूर्ति गणेश की'  पॉपुलर हुआ। फिल्म 'दर्द का रिश्ता' में सुनील दत्त ने  कैंसर पीड़ित बच्ची के लिए  गणेश याचना का मर्मान्तक रूप पिक्चराइज किया था।(Role of cinema in Ganpati festival)

ganpati

फिल्म 'अग्निपथ'(अमिताभ अभिनित) का गीत 'गणपति अपने गांव चले'  या 'अग्निपथ'( हृतिक रोशन अभिनित) का गीत 'देवा श्री गणेशा' के गीत सीधे दिमाग पर बैठते हैं।ये गीत और दूसरे गणपति को लेकर फिल्माए गए गीत जैसे- 'देवा ही देवा गणपति देवा', 'और तुम्हारे भक्त जनों में हमसे बढकर कौन', 'तेरा ही जलवा', गा गा गा... गणपति बप्पा मोरिया', 'श्री गणेशाय धिमहि' आदि गीत फिल्मी गीत ना होकर भजन बन चुके हैं। यही गीत गणपति फेस्टिलज के दौरान सर्वाधिक बजते हैं। ये गीत नहीं बजें ऐसा होता ही नही है। सच यह है कि गणपति पूजा में सारे देश मे बजने वाले गीत और भजन अधिकांश फिल्मों से ही होते हैं।(Ganesh Chaturthi Bollywood songs)

एबीसीडी-डांस  गणपति से ही आया

किसी को नृत्य (नाचना) आता हो या ना आता हो ई फर्क नही होता। गणपति पर्व पर हर कोई नाच सकता है। यह एक उन्मुक्त भजन, पूजन और नाचने गाने का पर्व बन चुका है। जहां  सारी नियमावली एक तरफ गणपति पर्व का धमाल एक तरफ।
शायद यही वजह है गणपति फिल्म वालों का सर्वाधिक पसंद पर्व है।जिसमे पूजा के साथ नाच गाना और डांस भी है।इसमें भीड़ भी है और अभिव्यक्ति का स्कोप भी। आर के स्टूडियो की गणपति एक मिसाल होती थी। जिसे देखने के लिए लोग चेम्बूर से चौपाटी तक खचाखच भरे रहते थे। दूसरे शब्दोंमें कहें तो यह पर्व फिल्म वालों द्वारा ही फैलाया और पुष्पित किया गया है। तभी तो बॉलीवुड के अधिकांश सितारे अपने घरों में गणपति बैठाते (स्थापित करते) हैं और विसर्जन पर भाव विह्वल हो  भावुक होकर पुकार लगाते हैं...(Ganpati festival cultural history) 

"गणपति बप्पा मोरिया! अगले बरस तू जल्दी आ।"

FAQ

Q1. गणपति उत्सव को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर लाने में किसकी भूमिका रही?9Who played a role in bringing Ganpati festival to the public platform?)
A1. गणपति उत्सव को जन-जन तक पहुँचाने में सिनेमा उद्योग और फिल्मों ने बड़ी भूमिका निभाई।

Q2. बॉलीवुड में गणपति उत्सव किस तरह दिखाया गया है?(How is Ganpati festival depicted in Bollywood?)
A2. बॉलीवुड फिल्मों में गणपति स्थापना, आरती और विसर्जन के दृश्य अक्सर दिखाए गए हैं, जो इस त्योहार की भव्यता और भावनाओं को दर्शाते हैं।

Q3. क्या गणपति उत्सव पर आधारित गाने भी बॉलीवुड में बने हैं?(Are songs based on Ganpati festival also made in Bollywood?)
A3. हाँ, कई मशहूर गणपति गाने जैसे "देवा श्री गणेशा", "सत्ता-सत्ता गणपति बप्पा मोरया" आदि ने दर्शकों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।

Q4. सिनेमा ने गणपति उत्सव की लोकप्रियता पर क्या असर डाला?9What impact did cinema have on the popularity of Ganesh Utsav?)
A4. फिल्मों और गानों के जरिए गणपति उत्सव देशभर में और भी लोकप्रिय हुआ और यह लोक-उत्सव से राष्ट्रीय उत्सव बन गया।

Q5. आज गणपति उत्सव इतना भव्य क्यों मनाया जाता है?(Why is Ganesh Utsav celebrated so grandly today?)
A5. सामाजिक, सांस्कृतिक और सिनेमा के प्रभाव ने मिलकर इस उत्सव को बड़े स्तर पर मनाने की परंपरा को मजबूत किया।

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Tags : about Ganesh Chaturthi | ambani ganesh chaturthi | Bollywood Ganpati Celebration | Cinema and Ganpati Festival | Lokmanya Tilak Ganpati Utsav

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