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हैपी बर्थडे अनुग्रह योगेश लखानी

मुंबई के पॉश गगनचुंबी इमारतों या बंगलों की चमकदार रोशनी के बीच अमीरों के बच्चों की परवरिश बहुत ठाट से होती है उनके जन्मदिन या किसी भी जश्न पर पानी की तरह पैसा बहाया जाता है.

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मुंबई के पॉश गगनचुंबी इमारतों या बंगलों की चमकदार रोशनी के बीच अमीरों के बच्चों की परवरिश बहुत ठाट से होती है उनके जन्मदिन या किसी भी जश्न पर पानी की तरह पैसा बहाया जाता है. लेकिन उन्ही अमीर परिवारों में एक ऐसा परिवार भी है जिसने अपने एकलौते नन्हे से बेटे को वो संस्कार सिखाए हैं जिसने बच्चे के कोमल मन में दया प्रेम करुणा सम्मान और दान की भावना कूट कूट कर भर दी है. मैं बात कर रही हूँ विश्व प्रसिध्द आउटडोर एडवर्टाइजिंग एंड प्रमोशनल कंपनी ब्राइट आउटडोर मीडिया लिमिटेड के संस्थापक डॉक्टरयोगेशलखानी के एकलौते बेटे मास्टर अनुग्रहयोगेशलखानी की जो इतने धनवान घर के एकलौते वारिस होने के बावजूद एक बहुत ही संस्कारी रहम दिल दया और करुणा से ओत प्रोत नन्हा सा बच्चा है जो अपने आस - पास की दुनिया में गर्मजोशी और करुणा का स्पर्श जोड़ता है.

अनुग्रहयोगेशलखानी एक होनहार बच्चा है जिसका दिल उतना ही उदार है जितना उसका हँसता खेलता वजूद है. अनुग्रह जनवरी को अपना दसवां जन्मदिन मना रहे है.

24 जनवरी 2016  के शुभ दिन में ब्राइट आउटडोर मीडिया लिमिटेड के दूरदर्शी संस्थापक सी एम डी डॉक्टरयोगेशलखानी और उनकी पत्नी जागृतियोगेशलख़ानी को जो पुत्र रत्न प्राप्त हुआ उसका नाम अनुग्रह रखा गया. अनुग्रह का अर्थ है कृपा अनुकंपा ग्रेस और यह बिल्कुल सही है क्योंकि लखानी दंपत्ति का मानना है कि उन्हे ईश्वर की असीम कृपा और अनुकंपा से संतान धन की प्राप्ति हुई. बंडल ऑफ जॉय अनुग्रह का जन्म लखानी परिवार में एक अलौकिक खुशी ले कर आया. उसके पैदा होते ही उनके घर में आनंद उत्सव और प्रकाश का एक उत्सव का माहौल बन गया. नन्हे अनुग्रह की किलकारियाँ लखानी परिवार के लिए खुशियों की सौगात ले कर आया. समय के साथ धीरे धीरे अनुग्रह बड़ा होता गया. अनुग्रह के प्रथम जन्मदिन से लेकर आज उनके दसवें जन्मदिन पर, यह दिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन यह बर्थडेज़ सिर्फ सेलिब्रेशन की धूमधाम फाइव स्टार होटल में जश्न पार्टी खेलकूद खाना पीना तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे भी आगे बहुत अनोखे और पवित्र तरीके से मनाया जाता है यह जन्मदिन और देखा जाय तो हर दिन लखानी परिवार अनुग्रह को इस वातावरण में पाल पोस रहें हैं कि इस छोटी सी उम्र में अनुग्रह खुशी और दयालुता का प्रतीक बन गए हैं. प्रेम सम्मान और सहानुभूति के मूल्यों द्वारा निर्देशित अनुग्रह का पालन - पोषण उनके जन्मदिन मनाने के अनोखे और हृदयस्पर्शी तरीके को दर्शाता है.

इस वर्ष जनवरी को अनुग्रह का नौवां वर्ष पूरा होकर वो दसवें वर्ष में कदम रख रहा है. अनुग्रह के इस जन्मदिन उत्सव में हर साल की तरह इस साल भी बहुत कुछ स्पेशल होने वाला है. उसने अपने पिता के साथ बहुत ही खास तरीके से पारंपरिक जन्मदिन की पार्टी के बजाय कम भाग्यशाली लोगों की मदद के लिए अनाथालयों वृद्धाश्रमों और अस्पतालों का दौरा करने का फैसला किया है. यह सिर्फ एक जन्मदिन उत्सव नहीं है यह एक सार्थक संकेत है जो जरूरतमंद लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की परिवार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

अनुग्रह की बात करूं तो यह सिर्फ जन्मदिन समारोह के बारे में नहीं है यह उनके परिवार के साथ साझा किए गए बंधन का प्रमाण है. रुस्तमजी स्कूल में सेकंड स्टैंडर्ड में पढ़ने वाला अनुग्रह एक प्रतिभाशाली और मेधावी छात्र है. अनुग्रह न केवल शैक्षणिक रूप से बहुत उत्कृष्ट और होशियार है बल्कि विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में भी वो सक्रिय रूप से भाग लेता है. अनुग्रह का खुशमिजाज़ जॉली स्वभाव उनके पिता जैसा दिखता है अपनी मां की तरह वो भावुक भी है और साथ में उसकी वो खिलखिलाती हंसी और प्यार से भरा चेहरा एक जीवंत माहौल बनाता हैं.

अनुग्रह पढ़ाई के साथसाथ मस्ती में भी सबको पछाड़ देता है. वो खूब आउटडोर गेम्स खेलता भी है और शरारत करने में भी वो किसी से पीछे नहीं है. वह अपने पिता की तरह बड़ा हंसमुख नेचर का है. वो अपने मातापिता को जितना प्यार करता है उतनी ही उनके के साथ खूब मस्ती भी करता है. वह अपने पैरेंट्स के साथ पार्क में जाकर खूब मजे में खेलता है. वह प्ले ग्रुप्स में भी जाता है और क्रिकेट में भी रुचि रखता है. अनुग्रह बाकायदा यह खेल सीख रहा है. वह अपने माता पिता दोस्तों रिश्तेदारों को बेहद चाहता है. कई प्रकार के गेम में भी उसकी दिलचस्पी है.

शैक्षणिक गतिविधियों से परे अनुग्रह की रुचियां और भी कई दायरे में फैली हुई हैं. अपने माता - पिता के साथ पार्क में खेलने से लेकर प्लेग्रुप में भाग लेने और विभिन्न खेलों में भाग लेने तक वह जबर्दस्त ऊर्जा और जिज्ञासा का भंडार है. उनकी हर शाम अपने माता पिता से मासूम सवालों की पूछताछ की धुन से भरी होती हैं. हर रोज़ वो तब तक नहीं सोता है जब तक पापायोगेशलखानी घर नहीं आ जाते हैं. जब से अनुग्रह थोड़ा बड़ा हुआ है तब से हर रात वो अपने पिता की वापसी का बेसब्री से इंतजार करता है और रात होते ही फ़ोन करके पूछता है , " पापा आप कहां पहुंचे जल्दी घर आओ. "

सामाजिक सरोकारों के प्रति लखानी परिवार की यह प्रतिबद्धता उनकी जीवनशैली में गहराई से समाई हुई है. अनुग्रह अपने पिता के परोपकारी प्रयासों का एक अभिन्न अंग होने के नाते किसी भी स्पेशल डे में वो भूखों को खाना खिलाने में अपने पिता के साथ सक्रिय रूप से योगदान देते हैं. भारतीय सभ्यता और संस्कृति से परिवार का जुड़ाव बड़ों के प्रति उनके सम्मान और कम भाग्यशाली लोगों की सहायता के प्रति उनके समर्पण में झलकता है.

अनुग्रह का हर दिन हर जन्मदिन बेहद अद्वितीय और मील के पत्थर की तरह यादगार बन गई है. बोरीवली के एक शानदार होटल में मनाए गए उनके पहले जन्मदिन से लेकर सितारों से सजे दूसरे जन्मदिन जिसमें शाहरुख खान ऋतिक रोशन रणबीर कपूर और रणवीर सिंह जैसे बॉलीवुड दिग्गज शामिल हुए और आज भी उनका हर जन्म दिन जीवन की खुशियों के क्षणों और यादगार अनुभवों से बुना हुआ एक जीवन कैनवास है. रणवीर सिंह ने अनुग्रह के बर्थडे पार्टी में आकर अनुग्रह को अपनी गोद मे उठाकर खूब मस्ती भी की थी. अनुग्रह ने गणेश आचार्य के साथ डांस भी किया था.

साल में दो बार लखानी का पूरा परिवार देश विदेश टूर पर जरूर निकलते हैं. हर साल विश्व के किसी न किसी देश जैसे श्रीलंका मालदीव और दुबई की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं ने अनुग्रह के मानसिक क्षितिज को व्यापक बनाया है और भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों की उनकी यात्राओं ने उनकी सांस्कृतिक समझ में समृद्ध परतें जोड़ी हैं. इन सबके साथ इन अनुभवों के बीच करुणा विनम्रता और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना के मूल मूल्य अनुग्रह के चरित्र में गहराई से निहित हैं.

चाहे ब्राइट आउटडोर मीडिया के संस्थापक डॉक्टरयोगेशलखानी का बर्थडे हो चाहे या उनकी धर्मपत्नी जागृतियोगेशलखानी का जन्मदिन हो चाहे उनके इकलौते पुत्र अनुग्रह का जन्मदिन हो वह इसी तरह परोपकार दान धर्म के साथ ही हर साल मनाया जाता है.

इस वर्ष भी अनुग्रह अपना 10 th जन्मदिन मुंबई के कई अनाथालय, वृद्धाश्रम, गरीब बस्ती, मंदिर के सामने हर जगह जाकर गरीब अनाथ लाचार वृद्ध वृद्धाओं को खाना खिलाने मिठाई जरूरी सामान गरम कपड़े दवाइयाँ बांटने जाने वाले हैं. वो अपने पिता के साथ भिवंडी के आदिवासी गांवों में भी जाकर सैकड़ों लोगों को खाना खिलाएंगे बोरीवली मुम्बई में फूड डिस्ट्रीब्यूट करेंगे. वह भारतीय सभ्यता संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है जहां बड़ो का सम्मान और गरीबो व जरूरतमंद की मदद करना शामिल है. हर साल की तरह इस वर्ष भी उनका जन्मदिन समारोह सिर्फ एक उत्सव नहीं है यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए एक सुंदर बालसुलभ प्रयास है. अपने माता पिता दादा दादी की तरह वो भी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है. अनुग्रहयोगेशलखानी का बालपन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धियों की कहानी नहीं है यह सभी के लिए एक प्रेरणा है हमें याद दिलाती है कि छोटे बच्चे द्वारा किया गया प्रयास भी मानवता के विशाल समुद्र में सकारात्मक बदलाव की लहर पैदा कर सकते हैं.

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