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टेलीविजन और ओटीटी की दुनिया में लंबे समय से सक्रिय अभिनेता पारस अरोड़ा (Paras Arora) इन दिनों अपने नए सुपरनैचुरल कॉमेडी शो ‘घर वाली पेड़ वाली’ (Ghar Wali Ped Wali) को लेकर चर्चा में हैं. जो ज़ी5 (Zee5) पर स्ट्रीम हो रहा है और जल्द ही एनटीवी (NTV) पर भी प्रसारित होगा. इस शो में पारस एक ऐसे किरदार में नजर आ रहे हैं, जो न सिर्फ दर्शकों को हंसाएगा बल्कि उनसे गहराई से जुड़ाव भी बनाएगा. मायापुरी मैगज़ीन की पत्रकार शिल्पा नालमवार से हुई खास बातचीत में पारस ने शो, अपने किरदार और कॉमेडी को लेकर दिलचस्प बातें साझा कीं. आइए जाने उन्होंने शो के बारे में क्या कुछ कहा....
‘घर वाली पेड़ वाली’ से जुड़ने की सबसे बड़ी वजह क्या रही?
जब मैंने शो का लुक टेस्ट दिया, तभी मुझे इसकी कहानी और स्क्रिप्ट बहुत पसंद आ गई थी. उस वक्त ही मैंने तय कर लिया था कि चाहे कोई भी आए या जाए, मुझे यह किरदार करना है. इसका ब्रीफ बिल्कुल अलग था और जिस तरह से मैंने इसे अपने तरीके से अपनाया, टीम को भी वह काफी पसंद आया.
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इस शो को लेकर आप इतने उत्साहित क्यों हैं? इसमें ऐसा क्या ख़ास है?
देखिये, कॉमेडी में आपको अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर खुद को परखने का मौका मिलता है. यह शो बहुत लंबे प्रोसेस से गुज़रा है. मैंने इसे काफी पहले साइन किया था और इतनी मेहनत किसी शो के लिए पहले कभी नहीं हुई इसलिए मैं चाहता हूं कि यह मेहनत दर्शकों तक पहुंचे.
इस शो में आप ‘जीतू’ का किरदार निभा रहे हैं, इसके बारे में हमें थोड़ा बताये.
जीतू का दुख असली दुख नहीं है. जितना वह परेशान होता है, उतना ही लोगों को हंसने का मौका मिलता है. लोग अक्सर दूसरों की परेशानियों में मज़ा लेते हैं और यही जीतू के साथ हो रहा है. वह हर परिस्थिति को संभालने की कोशिश करता है और वहीं से कॉमेडी पैदा होती है. वो सबका मन रखने की कोशिश कर रहा है. लोग एक पत्नी नहीं संभाल पाते, यहां तो दो हैं. यह स्थिति अपने आप में बहुत परेशान करने वाली है. लेकिन जीतू हर किसी को खुश रखना चाहता है.
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आज के दौर में फैमिली और कॉमेडी शोज़ की क्या अहमियत है?
पहले परिवार एक साथ बैठकर ऐसे मनोरंजक कार्यक्रम देखते थे, लेकिन आज यथार्थवाद के नाम पर अधिकांश कंटेंट एक ही दिशा में सिमट गया है—जहां केवल ड्रामा, रोमांस और घरेलू कलह दिखाई जाती है. ऐसे माहौल में कुछ हटकर और नया शो बनाना निश्चित रूप से एक बड़ा जोखिम होता है. अगर दर्शक इस तरह के अलग और ताज़ा कंटेंट को अपनाएं और उसका समर्थन करें, तभी निर्माता और चैनल भी नए प्रयोग करने का साहस जुटा पाएंगे.
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को-स्टार्स प्रियंवदा कांत (Priyamvada Kant) और सीरत कपूर (Seerat Kapoor) के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
प्रियंवदा को मैं पहले से जानता हूं, हम दोस्त हैं, इसलिए बॉन्डिंग पहले से थी. सीरत शो में थोड़ी देर से आई हैं, लेकिन वह भी बहुत प्यारी और स्वीट हैं. कॉमेडी शो होने की वजह से सेट पर सभी का सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार है और ऑफ-स्क्रीन बहुत मज़ा रहता है.
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कहते हैं जो कॉमेडी कर सकता वो कुछ भी कर सकता है? क्या कहेंगे आप इसपर?
बिल्कुल. सही टाइमिंग पर पंच मारना सबसे कठिन होता है. इमोशनल सीन में आप बैकग्राउंड या सिचुएशन का सहारा ले सकते हैं, लेकिन कॉमेडी में ऐसा नहीं होता. इसलिए यहां सही टीम का होना बहुत ज़रूरी है.
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आप अपने फैंस को क्या संदेश देना चाहेंगे?
मैं बस यहीं कहना चाहूँगा कि लंबे इंतज़ार के बाद ‘घर वाली पेड़ वाली’ अब स्ट्रीम हो चुका है. आपने हमेशा मेरे किरदारों को प्यार दिया है. इस बार भी उतना ही प्यार दीजिए, मैं आपको पूरी तरह एंटरटेन करूंगा.
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FAQ
Q1. अहान पांडे ने फिल्मों से अपना पहला परिचय कैसे पाया?
अहान पांडे ने बताया कि यह अनुभव उनकी दादी के जरिए हुआ।
Q2. उनका बचपन का मूवी नाइट अनुभव कैसा था?
पूरा परिवार आरामदायक लिविंग रूम में एकत्र होकर पॉपकॉर्न के साथ फिल्में देखता था, जिसे अहान पांडे किसी त्योहार से भी बड़ा मानते थे।
Q3. यह अनुभव उनके लिए क्यों महत्वपूर्ण था?
इसने उन्हें सिनेमा और अभिनय के प्रति लगाव और समझ दी, जो उनके करियर की प्रेरणा बनी।
Q4. क्या अहान पांडे का परिवार फिल्मी पृष्ठभूमि से था?
हाँ, वह एक फिल्मी परिवार में बड़े हुए, जिससे उन्हें फिल्मों का परिचय बचपन में ही मिला।
Q5. मूवी नाइट अनुभव ने उनके करियर पर क्या असर डाला?
इन यादों ने अहान पांडे में सिनेमा के प्रति जुनून पैदा किया और उनके अभिनय करियर की नींव रखी।
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Ahan Pandey | bollywood actor | Childhood Movie Memories | Film Family | Nostalgic Movie Nights not present in content
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