/mayapuri/media/media_files/2025/10/25/jaspal-bhatti-king-of-comedy-2025-10-25-14-56-34.jpg)
Jaspal Bhatti King of Comedy: जसपाल भट्टी (Jaspal Bhatti), एक ऐसा नाम जिसने हास्य और व्यंग्य के जरिए न केवल लोगों को हंसाया, बल्कि समाज और व्यवस्था की खामियों को भी बेबाकी से उजागर किया. उन्हें 'किंग ऑफ कॉमेडी' और 'किंग ऑफ सटायर' के नाम से जाना जाता था. उनकी अनूठी शैली और हल्के-फुल्के अंदाज में गहरी बातें कहने की कला ने उन्हें आम आदमी की आवाज बना दिया. टेलीविजन से लेकर फिल्मों तक, जसपाल भट्टी ने अपनी प्रतिभा से हर क्षेत्र में छाप छोड़ी. साल 2012 में एक सड़क हादसे ने इस हंसमुख शख्सियत को हमसे छीन लिया. आइए, उनके जीवन और योगदान पर एक नजर डालें. (Jaspal Bhatti King of Comedy)
जन्म और नॉनसेंस क्लब
जसपाल भट्टी का जन्म 3 मार्च 1955 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. लेकिन इंजीनियरिंग से ज्यादा, उनकी रुचि हास्य और कला में थी. कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने 'नॉनसेंस क्लब' बनाया और नुक्कड़ नाटकों के जरिए अपनी प्रतिभा दिखानी शुरू की. उनके नाटक और हास्य प्रस्तुतियां दर्शकों को खूब पसंद आईं. यहीं से जसपाल भट्टी का वह सफर शुरू हुआ, जो उन्हें भारतीय टेलीविजन और मनोरंजन जगत का सितारा बना गया.
/mayapuri/media/post_attachments/assets/images/2020/10/23/l_1603422889-572455.png?w=414&dpr=1.0&q=80)
/filters:format(webp)/mayapuri/media/media_files/2025/10/25/olvbgzt5ah471-2025-10-25-15-40-40.webp)
टेलीविजन पर किया धमाल
जसपाल भट्टी ने अपने करियर की शुरुआत 'द ट्रिब्यून' अखबार में कार्टूनिस्ट के रूप में की थी. उनके कार्टून भी उनकी तरह ही चुटीले और विचार करने वाले थे, जो पाठकों को हंसाते और समाज पर टिप्पणी करते थे. 80 के दशक में दूरदर्शन पर उनका पहला धारावाहिक 'उल्टा-पुल्टा' प्रसारित हुआ, जिसने उन्हें रातोंरात मशहूर कर दिया. इस शो में जसपाल भट्टी ने व्यवस्था की खामियों पर तीखा व्यंग्य किया, जो दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ सोचने पर मजबूर करता था. इसके बाद 90 के दशक में 'फ्लॉप शो' आया, जो उनकी सबसे चर्चित कृतियों में से एक है. इस शो ने उनकी हास्य अभिनेता की छवि को और मजबूत किया. 'फ्लॉप शो' में उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को हास्य के तड़के के साथ पेश किया, जो दर्शकों के दिलों को छू गया. इसके अलावा, 'फुल टेंशन', 'हाय जिंदगी बाय जिंदगी', और 'थैंक्यू जीजाजी' जैसे शो ने भी उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया. (Jaspal Bhatti King of Satire)
/bollyy/media/post_attachments/images/images/2022/jan/jaspal-bhatti-cover_l_d-903162.jpg)
फिल्मी सफर
टेलीविजन पर सफलता के बाद, उन्होंने फिल्मी दुनिया में भी कदम रखा. 'फना', 'कुछ मीठा हो जाए', 'कुछ ना कहो', 'कोई मेरे दिल से पूछे', 'हमारा दिल आपके पास है', 'आ अब लौट चलें', 'इकबाल', और 'कारतूस' जैसी फिल्मों में उन्होंने सहायक भूमिकाएं निभाईं. भले ही ये किरदार छोटे थे, लेकिन जसपाल भट्टी ने अपनी अनूठी शैली से हर किरदार को यादगार बना दिया.
/mayapuri/media/post_attachments/article/104473-hxoutgpwwm-1540998016-664708.jpg)
/bollyy/media/post_attachments/50071b01-dfb.jpg)
किन मुद्दों पर दिया जोर
हास्य कलाकार जसपाल भट्टी ने भ्रष्टाचार, मुद्रास्फीति और कन्या भ्रूण हत्या जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करने के लिए हास्य और व्यंग्य का सहारा लिया. उन्होंने स्ट्रीट थिएटर भी किया और 'नकली प्रेस कॉन्फ्रेंस' को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने अधिकारियों की विफलताओं का जमकर तंज किया. (Indian comedian and satirist)
/bollyy/media/post_attachments/b9fd2fdd-d52.jpg)
दुखद निधन और विरासत
25 अक्टूबर 2012 को जसपाल भट्टी अपनी फिल्म 'पावर कट' के प्रचार के सिलसिले में भटिंडा से नाकोदर जा रहे थे, जब उनकी कार का एक सड़क हादसा हो गया, जिसमें उनका निधन हो गया. उस वक्त वह खुद कार चला रहे थे. इस हादसे ने भारतीय मनोरंजन जगत को एक बड़ा झटका दिया. उनकी मृत्यु के बाद, चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें 2013 में अपने ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुना, ताकि लोगों को सीट बेल्ट के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके. पुलिस का मानना था कि अगर जसपाल ने सीट बेल्ट पहना होता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी.
/bollyy/media/post_attachments/images/M/MV5BMzYwYTZjYzAtMGVjYi00YzE1LWJjZDAtMjRkYjU1OWY0NTk4XkEyXkFqcGc@._V1_-404143.jpg)
/mayapuri/media/post_attachments/assets/images/2019/03/03/jaspal-bhatti_1551587321-391417.jpeg?q=80&w=700&dpr=1)
Homebound Film Success: ईशान खट्टर एक-एक बिलबोर्ड के साथ दुनिया जीत रहे हैं
सम्मान
साल 2013 में उन्हें पद्म भूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार सिविलयन अवार्ड से सम्मानित किया गया (Social satire in Indian television)
जसपाल भट्टी के जीवन ने हमें सिखाया कि कला और प्रतिभा किसी भी क्षेत्र में आपको बुलंदियों तक पहुंचा सकती है. एक इंजीनियर से हास्य कलाकार बनने तक का उनका सफर प्रेरणादायक है. उन्होंने दिखाया कि हास्य के जरिए भी समाज की कमियों को उजागर किया जा सकता है और लोगों को जागरूक किया जा सकता है. उनकी हंसी और व्यंग्य आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है.
![]()
‘मायापुरी’ परिवार की ओर से जसपाल भट्टी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि. उनके हास्य और सामाजिक संदेश हमेशा हमारे बीच रहेंगे. उनकी कमी को कभी भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन उनकी कला हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी.
/bollyy/media/post_attachments/wp-content/uploads/Jaspal-Bhatti-And-Wife-Savita-In-Nach-Baliye-TV-Show-301834.jpg)
Exclusive Interview Vikas Kapoor: अब टीवी खत्म हो गया
FAQ
प्रश्न 1. जसपाल भट्टी कौन थे?
जसपाल भट्टी एक प्रसिद्ध भारतीय हास्य अभिनेता, निर्देशक और लेखक थे, जिन्हें 'किंग ऑफ कॉमेडी' और 'किंग ऑफ सटायर' के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न 2. जसपाल भट्टी की खासियत क्या थी?
उनकी खासियत यह थी कि वे हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज और व्यवस्था की खामियों को बेबाकी से उजागर करते थे।
प्रश्न 3. जसपाल भट्टी ने किन माध्यमों में काम किया?
उन्होंने टेलीविजन, फिल्मों और मंचीय प्रस्तुतियों में अपनी प्रतिभा दिखाई।
प्रश्न 4. जसपाल भट्टी को आम आदमी की आवाज क्यों कहा जाता है?
उनकी अनूठी शैली और हल्के-फुल्के अंदाज में गहरी बातें कहने की कला ने उन्हें आम आदमी की आवाज बना दिया।
प्रश्न 5. जसपाल भट्टी का निधन कब हुआ?
जसपाल भट्टी का निधन साल 2012 में एक सड़क हादसे में हुआ।
Jaspal Bhatti Awards 2018 | Jaspal Bhatti birthday special | Jaspal Bhatti birthday | King of Comedy Rajendra Nath | JOHNNY LEVER ऐसे बने कॉमेडी के बादशाह | King of Satire | indian comedian | Indian comedians on Broadway | Indian Comedian Rohan Joshi | social satire project not present in content
Follow Us
/mayapuri/media/media_files/2025/10/24/cover-2664-2025-10-24-21-48-39.png)