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Madhubala Birth Anniversary: वैलेंटाईन डे के दिन जन्मी मधुबाला का हर प्रेम अधूरा रह गया

Madhubala Birth Anniversary: जब हवा में प्यार की खुशबू बिखरी होती है और मधुमास का वसंत खिला रहता है तो याद आ जाती है वो हर प्यार की कहानी जो एक बार नहीं, बार बार और हजार बार सुनने पढ़ने के बावजूद...

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By Sulena Majumdar Arora
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Madhubala every love born on Valentine Day remained incomplete

Madhubala Birth Anniversary

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Madhubala Birth Anniversary: जब हवा में प्यार की खुशबू बिखरी होती है और मधुमास का वसंत खिला रहता है तो याद आ जाती है वो हर प्यार की कहानी जो एक बार नहीं, बार बार और हजार बार सुनने पढ़ने के बावजूद, वो हमेशा हरा हरा रहता है जैसे भारतीय सिनेमा में मधुबाला (Madhubala) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के बीच रोमांस की कहानी. बॉलीवुड इतिहास में यह प्रसिद्ध कहानी इनटेंस प्रेम, पारिवारिक कलह और सामाजिक दबावों द्वारा रेखांकित है. दिलीप कुमार और मधुबाला का वो प्रेम, वो रिश्ता, जो लगभग नौ साल तक अपनी पूरी शिद्दत से महक रही थी आखिर मुरझा ही गई. कब शुरू हुई और कब दफन हुई यह प्रेम कहानी?

Madhubala dilip kumar

1951 में मात्र 18 साल की मधुबाला (Madhubala) फ़िल्म 'तराना' के सेट पर जब पहली बार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के सामने आई तो दिलीप 29 साल के गबरू जवान थे. मधुबाला पहली नज़र में दिलीप पर दिल हार चुकी थी और दिलीप कुमार भी उनपर फिदा थे. एक दूसरे के लिए उनके शुरुआती सहयोगो से स्पष्ट था कि आग दोनों के दिल में बराबर लगी हुई थी. दशकों ने उनकी जोड़ी को 'तराना' में खूब पसंद किया.

मधुबाला (Madhubala) बहुत बिंदास लड़की थी. दिलीप कुमार (Dilip Kumar) शर्मिले थे. मधु ने अपने जीवंत व्यक्तित्व से दिलीप कुमार को उनके संकोच और शर्म के दायरे से बाहर निकाला था.

एक दिन, शॉट खत्म होने के बाद, जब दिलीप अपने मेकअप रूम में थे तो मधुबाला ने कथित तौर पर दिलीप कुमार को एक लाल गुलाब की अधखिली कली थमा दिया और उस दिन से शुरू हुआ उनके रोमांस की कहानी .

मधुबाला (Madhubala) के करीबी लोग याद करते हैं कि वह यूसुफ, (दिलीप कुमार के असली नाम) के मात्र नाम के उल्लेख पर ही खिल उठती थी.

मधुबाला (Madhubala) के पिता, अताउल्लाह खान, मधुबाला के जीवन में एक धुरी की तरह थे. वे मधु के करियर और वित्त का पूरा प्रबंधन अपने हाथ में रखते थे. मधु को इससे कोई एतराज नहीं था. बल्कि वो अपने पिता की बहुत इज़्ज़त भी करते थे और लिहाज भी करते थे. शायद थोड़ा डरते भी थे.

madhubala father

नौ साल के प्रेम प्रसंग को तब एक झटका लगा जब फ़िल्म 'नए दौर' के लिए दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के साथ मधुबाला को लेने की बात उठी. उनके रिश्ते के इस मोड़ को अक्सर 'नया दौर' केस के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.अताउल्लाह खान को तब तक दिलीप कुमार और मधुबाला के प्रेम की भनक लग चुकी थी. वो अब बेटी को हर पल नज़र नज़र में रखते थे और दोनों को मिलने का मौका ही नहीं देते थे. इससे दिलीप कुमार परेशान थे. मधुबाला भी दुखी थी पर पिता की खिलाफत करने का साहस उसमें नहीं था. जब फ़िल्म 'नया दौर' में मधुबाला को कास्ट किया गया था तो उनके पिता फ़िल्म के आउट डोर शूटिंग से असहमत थे. बी आर चोपड़ा ने मधुबाला के पिता को अडवांस में काफी पेमेंट किया था. दस दिनों की शूटिंग भी हो चुकी थी. ऐसे में अताउल्लाह का बेटी मधुबाला को आउटडोर शूटिंग के लिए जाने से मना करना बी आर चोपड़ा को खल गया और उन्होने अताउल्लाह के खिलाफ कोर्ट केस कर दिया. दिलीप कुमार को भी अताउल्लाह का इस तरह से अड़ंगा लगाना बहुत बुरा लगा. जब गवाही की बात उठी तो दिलीप कुमार ने अताउल्लाह और मधुबाला के खिलाफ अदालत में गवाही दी, जिससे उनके और मधुबाला के बीच दरार पैदा हुई.

बी आर चोपड़ा ने भी मधुबाला को फ़िल्म से हटा कर वैजयंती माला को साइन कर लिया.

अब दुनिया की नज़रों से छिप कर दोनों मिलते रहे. जब दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच शादी की बात छिड़ी तो दोनों अपनी अपनी शर्तों पर अड़ गए. मधुबाला चाहती थी कि दिलीप कुमार उनके नाराज पिता अताउल्लाह से माफी मांग ले जबकि दिलीप की शर्त थी कि वो अपने पिता को हमेशा के लिए भूल जाए. 

इन शर्तों के चलते दो प्यार भरे दिल अलग हो गए. ना वो माना ना ये मानी. दोनों के रास्ते हमेशा हमेशा के लिए अलग हो गए. 
मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने कई बार यह खुलासा किया कि उसकी बहन मधुबाला कभी भी दिलीप कुमार को नहीं भूल पाए.

madhubala sister मधुर भूषण

वक्त बिता. दिलीप अपनी दुनिया में खो गए. उनके जीवन में एक सुंदर परी की तरह साएरा बानो आ गई जिनकी उम्र दिलीप कुमार से लगभग आधा थी और उनका दिल भी सिर्फ और सिर्फ दिलीप कुमार के लिए धड़कता था. दोनों की धूमधाम से शादी हो गई. वक्त बीतता गया. इस बीच कब मधुबाला भयंकर रूप से बीमार पड़ी, कब उसे इलाज के लिए विदेश ले जाने हेतु किशोर कुमार को मधुबाला से शादी करना पड़ा. वो सब अलग किस्सा है.

निकाह के बाद एक दिन जब दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो को लेकर मद्रास गए हुए थे, तो अचानक उन्हे मधुबाला का एक मेसेज मिला, जिसमें मधु ने उन्हे अर्जेंटली मिलने की गुजारिश की थी. दिलीप कुमार ने अपनी नई नवेली पत्नी से यह बात शेअर की. कोई और होती तो झगड़ा शुरू कर देती लेकिन बड़ी दिल वाली सायरा ने पति से तुरंत मुंबई लौटकर अपनी एक्‍स से मिलने की हिदायत दे दी.

madhubala kishore kumar

और जब दिलीप अपनी पुरानी प्रेमिका मधुबाला से मिलने गया तो उसकी हालत देख दंग रह गया. सुंदरता की वो देवी एकदम कमजोर, दुबली और मरणासन्न दिख रही थी. वो बोली, "शहज़ादे, आपको अपनी शहज़ादी मिल गई न." उनके चेहरे में जो मुस्कुराहट और नटखट हंसी थी, वो उनके भयंकर बीमारी के कारण जबर्दस्ती ओढ़ी हुई लग रही थी. बताया जाता है कि मधुबाला को कुछ लीगल मैटर्स में दिलीप कुमार की राय लेना था क्योंकि वो उनपर बहुत विश्वास करती थी. लेकिन असल बात यह बताई गई कि मधुबाला मरने से पहले अपने शहज़ादे को एक लास्ट बार देखना चाहती थी और अपनी मुहब्बत की दास्तान का एक सटीक क्लोज़र चाहती थी. इस मुलाकात के कुछ दिनों बाद मधुबाला की डेथ हो गई.

 madubala

बताया जाता है कि मधुबाला की मृत्यु के बाद, दिलीप कुमार ने कब्रिस्तान में भी उनके लिए प्रार्थना करने गए और उनके परिवार ने सम्मान के संकेत के रूप में तीन दिनों के लिए मधुबाला के परिवार को भोजन भेजा.

दुखद अंत के बावजूद, उनकी प्रेम कहानी बॉलीवुड के सबसे अधिक चर्चित रोमांसों में से एक है, जो जुनून, संघर्ष और चिरस्थाई यादों से भरी हुई है.

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