/mayapuri/media/media_files/2025/12/23/nbh-2025-12-23-15-39-19.jpg)
राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ उनके दिल का सबसे गहरा, सबसे दर्दभरा और सबसे ईमानदार हिस्सा था । यह वही फिल्म है, जिसे बनाते-बनाते राज कपूर खुद अंदर से टूट गए, कर्ज में डूब गए, मगर फिर भी अपने सपने से पीछे नहीं हटे। 18 दिसंबर 1970 को मुंबई में रिलीज हुई यह फिल्म उस दौर में आई, जब एक ही महीने में देव आनंद की ‘जॉनी मेरा नाम’, दिलीप कुमार की ‘गोपी’ और राज कपूर की ‘मेरा नाम जोकर’ जैसी बड़ी फिल्मों की चर्चा पूरे देश में थी। लेकिन किसे पता था कि जो फिल्म आज क्लासिक मानी जाएगी, वही उस वक्त ‘फ्लॉप’ कहकर नकार दी जाएगी।
/bollyy/media/post_attachments/images/M/MV5BODAwNWQ1ZjgtZTRiOC00MTcwLTg2ZjEtNjRhNzI5ODFkZjNlXkEyXkFqcGc@._V1_FMjpg_UX1000_-665931.jpg)
‘मेरा नाम जोकर’ की कहानी एक ऐसे इंसान की कहानी है, जो सबको हँसाता है, लेकिन खुद दिल ही दिल में रोता है। राज कपूर खुद इस फिल्म में राजू नाम के एक जोकर बने हैं, जिसकी पूरी जिंदगी सर्कस, स्टेज और तालियों के बीच गुजर जाती है। बचपन से जवानी तक, और फिर बुढ़ापे की तरफ बढ़ता यह जोकर , ताउम्र अपनी राह में आने वाले हर शख्स के साथ, हर मोड़ पर सिर्फ प्यार करता है, भरोसा करता है, लेकिन बदले में उसे तन्हाई ही मिलती है। उसकी जिंदगी तीन बड़े दौर में बंटी है, और हर दौर में एक औरत आती है, उसे कुछ सिखाती है, और फिर किसी मजबूरी में उसे छोड़कर चली जाती है।
/bollyy/media/post_attachments/stories/Mera_Naam_Joker-389673.jpg?tr=w-1200,h-900)
पहला प्यार स्कूल के दिनों का है, जब एक टीचर ‘मेरी’ उसकी जिंदगी में आती है। यह किरदार सिमी गरेवाल ने निभाया। मासूमियत, शर्म और एक अधूरा प्यार, इस हिस्से की आत्मा है। दूसरा दौर है जवानी का, जहां राजू को सर्कस की दुनिया में काम करते हुए एक रूसी कलाकार ‘मरीना’ से प्यार हो जाता है, जिसे केसेनिया रायबिंकिना ने निभाया है। यह प्यार काफी जुनूनी है, लेकिन हालात फिर दोनों को अलग कर देते हैं। तीसरा और आखिरी दौर है राजू की शादीशुदा जिंदगी का, जहां उसकी पत्नी बनकर मीना (पद्मिनी) आती हैं। यहां प्यार तो है, लेकिन समझ नहीं है। पत्नी को लगता है कि राजू अब भी स्टेज, सर्कस और लोगों की तालियों से ज्यादा जुड़ा है।
फिल्म का सबसे कड़वा और सबसे सच्चा संवाद है, जब राजू कहता है, “शो मस्ट गो ऑन।” चाहे दिल टूट जाए, चाहे आंखों में आँसू हों, जोकर को मंच पर जाकर मुस्कुराना ही होता है।
/bollyy/media/post_attachments/acf3050b-eec.jpg)
इस फिल्म को राज कपूर ने खुद प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया था। यह उनके करियर की सबसे महंगी फिल्म थी। इसे बनने में करीब छह साल लगे। शूटिंग भारत के अलावा रूस में भी हुई। उस जमाने में विदेश में शूट करना आसान नहीं था, लेकिन राज कपूर को कहानी के लिए यह जरूरी लगा। उन्होंने अपनी आर.के. स्टूडियो की लगभग पूरी कमाई इस फिल्म में लगा दी। कहते हैं कि ‘मेरा नाम जोकर’ बनाते-बनाते उन्हें अपनी दूसरी हिट फिल्मों से कमाए पैसे भी झोंकने पड़े।
फिल्म में कलाकारों की फेहरिस्त भी कमाल की थी। राज कपूर के अलावा धर्मेंद्र, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, ओम प्रकाश, राजेन्द्रनाथ,आगा जैसे कलाकार भी सशक्त भूमिकाओं में नजर आए। सिमी गरेवाल के करियर में यह फिल्म बहुत अहम मानी जाती है।
/bollyy/media/post_attachments/media/Dl13m9lXcAIQPlr-502747.jpg)
संगीत की बात करें तो शंकर-जयकिशन का दिया हुआ म्यूजिक आज भी दिल को छूता है। ‘जीना यहाँ मरना यहाँ’, ‘जाने कहाँ गए वो दिन’, ‘तीतर के दो आगे तीतर’, ‘अंग लग जा बालमा’ जैसे गाने सिर्फ सुने नहीं जाते, आत्मसात किए जाते हैं। ‘जीना यहाँ मरना यहाँ’ तो जैसे खुद राज कपूर की जिंदगी का बयान बन गया। मुकेश की आवाज़ और राज कपूर का चेहरा, दोनों मिलकर गाने को अमर बना देते हैं।
जब यह फिल्म रिलीज हुई, तब इसे दो इंटरवल के साथ दिखाया गया। उस वक्त यह बहुत बड़ा प्रयोग था। फिल्म की लंबाई करीब चार घंटे थी। दर्शक इतने लंबे और गंभीर सिनेमा के आदी नहीं थे। ऊपर से उसी समय ‘जॉनी मेरा नाम’ जैसी एंटरटेनर फिल्म चल रही थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी थी। नतीजा यह हुआ कि ‘मेरा नाम जोकर’ को फ्लॉप घोषित कर दिया गया। थिएटरों में सीटें खाली रहने लगीं। मजबूरी में दूसरे हफ्ते फिल्म को काटकर एक इंटरवल वाला बना दिया गया।
इस नाकामी ने राज कपूर को अंदर से तोड़ दिया। कहा जाता है कि वह इस सदमे से काफी समय तक बाहर नहीं आ पाए। कर्ज इतना बढ़ गया कि आर.के. स्टूडियो पर भी खतरा मंडराने लगा। बाद में राज कपूर ने खुद माना कि अगर ‘बॉबी’ जैसी फिल्म उन्होंने इसके बाद न बनाई होती, तो शायद उनका सब कुछ खत्म हो जाता।
पर्दे के पीछे की बात करें तो इस फिल्म में राज कपूर ने अपनी निजी जिंदगी के कई रंग भर दिए थे। राजू का किरदार कहीं न कहीं खुद राज कपूर का ही अक्स था। जीवन रूपी सर्कस, जिंदगी का मंच, शोहरत,भीड़, तालियां और अकेलापन, यह सब उन्होंने खुद महसूस किया था।
/bollyy/media/post_attachments/ibnkhabar/uploads/2021/12/Untitled-design-7-21-924437.jpg)
फिल्म की कई भावनात्मक सीन को शूट करते वक्त राज कपूर सच में रो पड़े थे। कलाकारों और तकनीशियनों ने बताया है कि कई बार सेट पर सन्नाटा छा जाता था।
एक दिलचस्प सच्चाई यह भी है कि इस फिल्म को बाद में जब टीवी और दोबारा सिनेमाघरों में दिखाया गया, तब जाकर दर्शकों ने इसे समझा। वक्त के साथ ‘मेरा नाम जोकर’ को कल्ट क्लासिक का दर्जा मिला। जो फिल्म अपने समय से आगे थी, वह अपने समय में नाकाम रही, लेकिन आने वाली पीढ़ियों ने उसे सिर आंखों पर बैठाया।
/bollyy/media/post_attachments/04ccfc65-964.jpg)
/bollyy/media/post_attachments/318fdbc5-857.jpg)
आज जब हम ‘मेरा नाम जोकर’ देखते हैं, तो वह सिर्फ एक कहानी नहीं लगती, बल्कि एक कलाकार की कुर्बानी, उसका दर्द और उसका कुचला हुआ सपना नजर आता है।
मेरा नाम जोकर की कुछ और जानी अनजानी बातें,
राज कपूर ने फिल्म में अपना पैसा लगाया और अपना घर भी गिरवी रख दिया, फिल्म को पूरा होने में 6 साल लगे और यह एक बड़ा नुकसान था।
यह राज कपूर की दूसरी फिल्म थी जिसमें दो इंटरवल थे। ' संगम' पहली फिल्म थी।
16 सितंबर 2017 को चेंबूर (मुंबई) में राज कपूर के आरके स्टूडियो में शूट होने वाले एक डांस रियलिटी के सेट पर भीषण आग लग गई। आग की घटना में आरके फिल्मों की कई कीमती चीजें नष्ट हो गईं, जैसे कॉस्ट्यूम, राज कपूर द्वारा पहना गया जोकर मास्क, जूता।
/bollyy/media/post_attachments/a9249c4e-973.jpg)
सिमी ग्रेवाल का सीन, जिसमें वह ब्रा और पैंटी उतारकर नहाती है, और उसका किशोर छात्र छुपकर उसे नग्न नहाते देखती है, वो अपने समय से बहुत आगे का दृश्य था और बहुत बोल्ड माना जाता था।
'मेरा नाम जोकर' के बाद, राज कपूर ने बड़े बड़े स्टार के साथ एक रोमांटिक फिल्म बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन फिल्म में भारी नुकसान होने के कारण वह बड़े स्टार के साथ फिर कभी फिल्म नहीं बना सके।
/bollyy/media/post_attachments/7d04540a-8e8.jpg)
इसलिए उन्होंने अपने बेटे ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया को अपनी इस रोमांटिक फिल्म 'बॉबी' 1973 में लॉन्च करने का फैसला किया ताकि फिल्म की सफलता , राज कपूर के सभी कर्ज उतार सके। यह फिल्म ऋषि कपूर की टीनएज कलाकार के रूप में पहली फिल्म थी।
दिल्ली का रीगल सिनेमा 30 मार्च 2017 को बंद हो गया। आरके फिल्मों को श्रद्धांजलि के रूप में और फैंस के अनुरोध पर सिनेमा हॉल मैनेजमेंट ने आखिरी दिन थिएटर में आखिरी दो फिल्मों के रूप में रात 09:00 बजे संगम और शाम 06:00 बजे ''मेरा नाम जोकर दिखाई। क्योंकि रीगल सिनेमा ने पहले कई आरके फिल्मों का प्रीमियर दिखाया था।
/bollyy/media/post_attachments/6f818fa1-4b7.jpg)
जब राज कपूर मनोज कुमार के सीन शूट कर रहे थे, तो मनोज कुमार ने अपने डायलॉग्स खुद लिखे और राज कपूर को दिखाए जिससे शोमैन बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने मनोज कुमार से अपने डायलॉग्स का इस्तेमाल करने और अपने दूसरे सीन के लिए और डायलॉग्स लिखने को कहा।
'मेरा नाम जोकर' और 'कल आज और कल' आर.के. फिल्म्स के लिए उनकी आखिरी फिल्म थी।
/bollyy/media/post_attachments/6a246a8b-dba.jpg)
साधना और शर्मिला टैगोर 'मेरा नाम जोकर' के दूसरे भाग की कास्ट का हिस्सा बनने वाली थीं। लेकिन फिल्म बंद कर दी गई।
Also Read: ‘Dhurandhar’ की गूंज हर तरफ, Aditya Dhar का दमदार निर्देशन बना फिल्म की सबसे बड़ी ताकत
बताया जाता है कि पहले मुमताज इस फिल्म में सिमी का रोल करने वाली थीं। लेकिन बहुत बोल्ड सींस के कारण मुमताज ने फिल्म नहीं की।
/bollyy/media/post_attachments/e6fc07bd-26e.jpg)
गीतकार योगेश गौड़ को राज कपूर ने इस फिल्म के सिलसिले में बुलाया था l लेकिन कपूर के चौकीदार ने योगेश को यह कहकर लौटा दिया कि वह कवि जैसे नहीं दिखते। योगेश चुपचाप चले गए।
मुकेश को अमेरिका के डेट्रॉइट में एक स्टेज शो पर, 'जाने कहां गए वो दिन', गाते समय दिल का दौरा पड़ा था। गाने को बिना रोके, उन्होंने अपने बेटे नितिन मुकेश को इसे पूरा करने के लिए बुलाया और बैकस्टेज चले गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अगले दिन, 27 अगस्त, 1976 को उनका निधन हो गया।
/bollyy/media/post_attachments/vi/AusAoVQSCWg/maxresdefault-716407.jpg)
![]()
लता मंगेशकर का "संगम" (1964) के बाद राज कपूर से किसी बात को लेकर अनबन हो गई। इसलिए इस फिल्म में लता ने नहीं गाया। यह राज कपूर की उन कुछ फिल्मों में से एक थी जिसके लिए उन्होंने गाना नहीं गाया था।
' यह फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी की आखिरी ज्ञात हिंदी फिल्म है।
about RAJ KAPOOR | actor raj kapoor | Bollywood History not present in content
ALso Read:कार्तिक आर्यन और अनन्या पांडे ने दिल्ली में बढ़ाया फिल्म ‘तू मेरी, मैं तेरा’ का प्रमोशनल उत्साह
Follow Us
/mayapuri/media/media_files/2025/12/19/cover-2672-2025-12-19-19-56-51.png)