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ग्रैमी-नामांकित भारतीय-अमेरिकी रैपर, सिंगर और सॉन्गराइटर राजा कुमारी को 68वें वार्षिक ग्रैमी अवॉर्ड्स (2026) में एक बार फिर नामांकन मिला है, इस बार कम्पोज़र-प्रोड्यूसर सिद्धांत भाटिया के साउंड्स ऑफ कुंभा में फीचर्ड आर्टिस्ट के रूप में। यह एल्बम बेस्ट ग्लोबल म्यूज़िक एल्बम श्रेणी में नामांकित हुआ है। (Raja Kumari Grammy nomination 2026)
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नवंबर 2025 में रिलीज़ हुआ साउंड्स ऑफ कुंभा एक ऐसा आध्यात्मिक और उत्कृष्ट संगीत अनुभव है, जिसकी प्रेरणा सदियों पुराने महाकुंभ पर्व से ली गई है—एक ऐसा उत्सव जो दिव्यता और मानव एकता का प्रतीक है। सिद्धांत भाटिया द्वारा परिकल्पित और निर्देशित इस एल्बम ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को एक साथ लाकर एक ऐसी ध्वनि-यात्रा रची है, जो प्राचीन भारतीय आध्यात्मिकता की पवित्र अनुगूँज को आधुनिक वैश्विक संगीत की ऊर्जा से जोड़ती है।
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राजा कुमारी के लिए यह नामांकन अत्यंत व्यक्तिगत महत्व रखता है। भारतीय शास्त्रीय जड़ों को हिप-हॉप और पॉप संगीत के साथ अनोखे रूप में जोड़ने के लिए विश्वभर में पहचानी जाने वाली कलाकार हाल के वर्षों में अधिक आध्यात्मिक और भावनात्मक अभिव्यक्ति की ओर अग्रसर हुई हैं—विशेष रूप से उनके 2024 के आध्यात्मिक एल्बम काशी टू कैलाश के माध्यम से। साउंड्स ऑफ कुंभा इसी यात्रा का एक विस्तार बन गया, जिसमें उन्होंने लय, गति और भक्ति को एक सामूहिक संगीत में पिरोया, जो उनके लिए बेहद निजी अनुभूति जैसा था। (Sounds of Kumbh Siddhant Bhatia)
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कलाकार याद करती हैं कि उन्होंने अपने वोकल्स की रिकॉर्डिंग कुंभ मेले की यात्रा पर निकलने से ठीक पहले की थी—यह एक संयोगपूर्ण पल था। इसी सृजन और आत्मचिंतन के दौर में उनकी मुलाकात सिद्धांत भाटिया से हुई, और यह सहयोग एक साझा श्रद्धा और उद्देश्य पर आधारित बना। वह कहती हैं, “मुझे याद है मैंने सिद्धांत से कहा था कि कुंभ मेरे लिए कभी खत्म नहीं होता। यह एल्बम उसी आत्मा को लेकर बना है—बिना किसी अपेक्षा, बिना किसी लगाव, सिर्फ भक्ति के साथ। इसका ग्रैमी तक पहुँचना इस बात का संकेत है कि आस्था से बना हर कार्य अपनी राह खुद बना लेता है।”(Best Global Music Album Grammy nomination)
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यह राजा कुमारी का दूसरा ग्रैमी नामांकन है। उनका पहला नामांकन इग्गी अज़ेलिया के लिए गीतकार के रूप में मिला था। यह सम्मान उनके संगीत सफर के उस महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है, जहाँ वह अपनी कला को एक नए अध्यात्मिक और कथात्मक रूप में ढाल रही हैं। एक ऐसी कलाकार के रूप में जिनकी यात्रा शास्त्रीय नृत्य से शुरू होकर वैश्विक हिप-हॉप मंचों तक पहुँची, साउंड्स ऑफ कुंभा उनके लिए एक पूर्ण चक्र जैसा क्षण है—जड़ों की ओर वापसी, मगर नए अनुभवों से समृद्ध। (Raja Kumari featured artist Sounds of Kumbh)
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जैसे ही वह काशी टू कैलाश को NMACC जैसे सांस्कृतिक मंचों पर प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही हैं, यह नामांकन उनके इस समर्पण को और मजबूत करता है कि वह संगीत, आध्यात्मिकता और कहानी कहने के संगम को लगातार खोजती रहें—वही स्थान जहाँ राजा कुमारी भारत की आत्मा और विश्व के मंच के बीच एक सेतु बनाती रहती हैं।
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