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राजन शाही (Rajan Sahi) भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री के एक प्रमुख प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं, जिनकी कंपनी डायरेक्टर्स कट प्रोडक्शंस (DKP) ने 'अनुपमा', 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' और 'सपना बाबुल का... बिदाई' जैसे सुपरहिट शोज़ दिए हैं. उनकी यात्रा फिल्मी परिवार की विरासत से शुरू होकर टीवी की दुनिया में सफलता की मिसाल बन गई. नाना जी की सलाह पर टीवी में कदम रखने वाले राजन आज क्रिएटिव प्रोडक्शन के प्रतीक हैं, जहां परिवार की तीन पीढ़ियां – मां दीपा शाही और बेटी इशिका शाही – सक्रिय हैं. हाल ही में मायापुरी परिवार से उन्होंने आपने संघर्ष और प्रेरणादायक कहानी के बारे में बात की.आइये जानते हैं उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी.....
टीवी इंडस्ट्री में आपकी शुरुआती यात्रा कैसी रही? क्या कोई ऐसा चुनौतीपूर्ण अनुभव है जिसे आप साझा कर सकते हैं. (Rajan Sahi Directors Cut Productions shows)
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ये कहानी शुरू होती है मेरे नाना जी पी. जयराज (P. Jairaj) से. वो फिल्म इंडस्ट्री से थे और उनका डेब्यू 1929 में हुआ था. वो साइलेंट एरा के हीरो थे. इसके बाद उन्होंने लगभग 70 साल तक इस इंडस्ट्री में बतौर एक्टर काम किया. उन्हें 1981 में राष्ट्रपति जी द्वारा दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला और 1952 में फिल्मफेयर अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. (Ye Rishta Kya Kehlata Hai production story)
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बात करें मेरे पिता की तो उनका फिल्मों से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल से पढ़ाई की — वही स्कूल जहाँ शाहरुख़ खान (Shah Rukh Khan) हमारे सीनियर थे, करीब छह साल सीनियर. शाहरुख़ स्कूल और थिएटर दोनों में बहुत एक्टिव थे, और सच कहूँ तो हम सबके हीरो थे, आज भी हैं. उनके ड्रामा देखना हमारे लिए गर्व की बात होती थी. फिर मैंने हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन की और उसके बाद मुंबई आ गया. 1990 के दशक में मैंने असिस्ट करना शुरू किया, क्योंकि बचपन से ही नाना जी के करीब था, लेकिन तब तक वो रिटायर हो चुके थे. कॉलेज की छुट्टियों में मैं शूट पर असिस्ट करने लगा. उस दौर में मैंने गुलज़ार साहब, संजय ख़ान, लेख टंडन (Lekh Tandon) जैसे दिग्गजों के साथ काम किया.
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1993 में मैंने आधिकारिक रूप से काम शुरू किया — बतौर प्रोडक्शन बॉय और असिस्टेंट डायरेक्टर. मेरा सपना अपनी खुद की फिल्में बनाने का था. मेरे नाना जी का बंगला टाटा रोड पर था, लेकिन मैंने वहाँ रहना सही नहीं समझा.
मैंने नाना जी के बंगले में न रहकर अंधेरी में रहना चुना, ताकि मेरे अंदर संघर्ष करने और अपने दम पर टिके रहने की क्षमता बनी रहे. इसलिए मैं अंधेरी में छह लड़कों के साथ एक 1BHK फ्लैट में छह साल रहा. मैंने 30 से ज़्यादा विज्ञापनों में बतौर जूनियर आर्टिस्ट काम किया, प्रोडक्शन बॉय रहा, लेकिन दिल हमेशा डायरेक्शन में लगा रहा. उसी दौरान नाना जी ने मुझे एक ऐसा सुझाव दिया जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी — उन्होंने कहा, “टीवी में जाओ, क्योंकि ये आनेवाला कल है.” (Sapna Babul Ka... Bidaai creator)
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Rajan Shahi for Casting: राजन शाही के नाम का इस्तेमाल करने वाले धोखेबाज को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा...
लोग तब टीवी को छोटा माध्यम मानते थे, लेकिन मैंने उनकी बात मानी और रवि राय के साथ जुड़ गया. उनके कई सीरियल्स (थोड़ा है थोड़े की जरूरत है में बतौर एसोसिएट डायरेक्टर काम किया. वहीं से मुझे मेरा पहला इंडिपेंडेंट शो मिला — ‘दिल है कि मानता नहीं’ (सोनी). दिलचस्प बात ये थी कि इस शो में रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) को मैंने बतौर हीरोइन ब्रेक दिया था — साल 1999 में.
जब ‘अनुपमा’ शुरू हुई, तो उसे पाँच-साढ़े पाँच साल हो गए थे. और मेरा पहला शो बतौर प्रोड्यूसर भी ‘अनुपमा’ ही था, जिसमें फिर से रूपाली मेरे साथ थीं. ये लगभग 25 साल लंबा सफर रहा जो आज मुकम्मल हुआ लगता है. (Rajan Sahi family legacy in TV)
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मेरे करियर के एक और अहम मोड़ पर मेरे मेंटर उदय शंकर जी (Uday Shankar) ने मुझे प्रोड्यूसर बनने का मौका दिया. उन्होंने मुझे स्टार प्लस पर बतौर प्रोड्यूसर (बिदाई में) ब्रेक दिया. उसके बाद हमने ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ और फिर हमारा रिश्ता ऐसा बना कि कई सीरियल्स साथ किए. महेश भट्ट साहब (Mahesh Bhatt) का भी मेरे करियर पर गहरा असर रहा. मैंने उनके साथ करीब 4 साल काम किया, 5-6 शो बनाए. उनसे सिर्फ काम नहीं, बल्कि ज़िंदगी देखने का नजरिया सीखा. उनके भीतर इंसानी रिश्तों की गहरी समझ थी, और वही समझ आज मेरे शोज़ में झलकती है.
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अब इस इंडस्ट्री में मुझे 35 साल हो गए हैं. हर दिन नया लगता है. बहुत कुछ सीखा है और खुद पर गर्व है कि मेरे दादा जी ने 1929 में जो सफर शुरू किया था, वो आज भी जारी है.
मेरी माँ, दीपा शाही (Deepa Sahi), ने भी बतौर प्रोड्यूसर एक शो बनाया — माँओं के लिए एक शो, जिसमें रूपाली ने शानदार काम किया. और अब मेरी बेटी इशिका शाही (Ishika Shahi) ने अपनी वेब प्लेटफ़ॉर्म कंपनी शुरू की है. वो बतौर वेब सीरीज़ प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, राइटर और क्रिएटिव डायरेक्टर काम कर रही है. मुझे खुशी है कि अगले चार साल में हमारा परिवार फिल्म इंडस्ट्री में 100 साल पूरे करेगा.
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एक प्रोड्यूसर के रूप में आपके लिए सबसे रोमांचक और सबसे कठिन हिस्सा क्या होता है – स्क्रिप्ट, कास्टिंग, या शूटिंग का प्रोडक्शन?
मैं खुद को एक क्रिएटिव प्रोड्यूसर मानता हूँ. मेरा मानना है कि किसी भी प्रोजेक्ट में पूरी तरह शामिल रहना बहुत ज़रूरी है — चाहे वो कहानी हो या एक्ज़ीक्यूशन. कई बार लोग सिर्फ कहानी पर ध्यान देते हैं, लेकिन असल फर्क एक्ज़ीक्यूशन में होता है. टीवी इंडस्ट्री में हम हफ़्ते में 7 बार टेलीकास्ट करते हैं — यानी हर दिन दर्शकों को 30 मिनट का एपिसोड देना होता है. अब सोचिए, इस पूरी मशीनरी में एक्ज़ीक्यूशन, एडिटिंग, म्यूज़िक, परफॉर्मेंस, एक्टर्स की गाइडेंस — हर चीज़ का तालमेल बहुत अहम होता है. यही वजह है कि मेरी कंपनी का नाम ‘डायरेक्टर्स कट’ रखा गया — ताकि प्रोडक्शन, डायरेक्टर्स की विज़न के साथ जुड़ सके और क्रिएटिविटी को सही दिशा मिल सके. (TV production inspiration Rajan Sahi)
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हर दिन हमारे लिए एक नया चैलेंज होता है. लेकिन सबसे ज़रूरी है कि हर डिपार्टमेंट में एक विज़न हो, जो एक ही दिशा में काम करे. मेरे लिए यह हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है कि हर दिन एक एपिसोड देना है, और वह एपिसोड कभी भी ऐसा न लगे कि “ये कमजोर पड़ा.” क्योंकि हमारे ब्रॉडकास्टर और दर्शक दोनों हम पर भरोसा करते हैं — और उस भरोसे को बनाए रखना सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है.
हर एपिसोड के लिए हमारे पास मुश्किल से 24 घंटे से भी कम समय होता है. इस दौरान हर डिपार्टमेंट के साथ बैठकर काम करना, टाइम मैनेजमेंट रखना, और अंत में वही सोच स्क्रीन पर दिखा पाना — यही असली परीक्षा होती है.
कभी-कभी समस्या किसी एक जगह नहीं होती — कभी स्क्रिप्ट में, कभी एक्ज़ीक्यूशन में, कभी डायरेक्शन में या फिर प्रोडक्शन में. लेकिन मेहनत यही रहती है कि जो खयाल हमने शुरुआत में सोचा, वो आख़िर में दर्शक को उसी रूप में नज़र आए — यही असली संतोष है और यही चुनौती भी. (Rajan Sahi early career experience)
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2025 में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का बोलबाला है. क्या आपके पास कोई आगामी वेब सीरीज या ओटीटी प्रोजेक्ट प्लान है?
OTT आज के दौर का एक बेहतरीन प्लेटफ़ॉर्म है. हमने भी Disney+ Hotstar के लिए एक बहुत अच्छा शो बनाया, जिसे मेरी बेटी इशिका शाही ने प्रोड्यूस किया था. यह शो उनकी अपनी कंपनी Shahi Productions के बैनर तले बना — ‘नमस्ते अमेरिका’. इसमें 12 एपिसोड्स थे और इसकी कहानी थी — अनुपमा की 26 साल पहले की कहानी क्या थी?
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मुझे इस बात का बहुत गर्व है कि मैंने अब तक DKP (Director’s Kut Productions) में लगभग 10-12 शो प्रोड्यूस किए हैं, जैसे बिदाई, ये रिश्ता क्या कहलाता है वगैरह. मेरी माँ, दीपा शाही, ने भी 78 साल की उम्र में बतौर प्रोड्यूसर शो बनाया और अपनी कंपनी Shahi Productions की शुरुआत की. ‘अनुपमा’ उस कंपनी का पहला शो था, जिसके लिए मेरी माँ को क्रिएटर के तौर पर जाना जाता है. (Working with Gulzar, Sanjay Khan, Lekh Tandon)
अब मेरी बेटी इशिका शाही ने भी उसी नाम से अपनी कंपनी शुरू की है. उसकी कंपनी बहुत डाइवर्सिफ़ाइड है — उसकी खुद की टीम है, अपना पूरा सेटअप है. मैं उसमें बहुत ज़्यादा दखल नहीं देता, लेकिन वो OTT और डिजिटल स्पेस में लगातार शानदार काम कर रही है. अभी उसका तीसरा प्रोडक्शन चल रहा है, जहाँ वो खुद सुपरवाइज़, राइट, को-डायरेक्ट और प्रोड्यूस करती है. वो अगले साल जनवरी में अपने यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपनी कंपनी से 8-9 नए शो लॉन्च करने जा रही है, जो लगभग तैयार हैं. मुझे लगता है कि इशिका शाही ने OTT और डिजिटल की कमान अपने हाथों में ले ली है, और मैं उसमें अपने सुपर-मैनेजिंग कैपेसिटी में शामिल हूँ. आगे के लिए हम दोनों बहुत आशावान हैं.
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आजकल टीवी और फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. इस बदलाव को आप कैसे देखते हैं और नए कलाकारों के लिए आपका क्या संदेश है?
इंडस्ट्री बहुत तेज़ी से ग्रो कर रही है. आज हमारे देश में जबरदस्त टैलेंट है — चाहे वो एक्टिंग हो, डांस, सिंगिंग या कुकिंग. रियलिटी शोज़ से लेकर टीवी, फिल्म और OTT तक, हर प्लेटफॉर्म पर युवाओं के लिए अवसर मौजूद हैं. हमारी कंपनी में तीन टीमें एक छत के नीचे काम करती हैं. मैंने देखा है कि आज के युवा बहुत क्लियर हैं — उन्हें पता है कि उन्हें क्या करना है. हम लोगों को समझने में वक्त लगता था, लेकिन ये पीढ़ी बहुत साफ सोच रखती है.
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मैं यही कहना चाहूंगा कि इस इंडस्ट्री में कोई शॉर्टकट नहीं है. अगर कोई शॉर्टकट मिल भी जाए, तो वो ज्यादा समय तक नहीं टिकता — चाहे आप एक्टर हों, एक्ट्रेस, डायरेक्टर या क्रिएटिव. असली काम हमेशा मेहनत और सीखने की इच्छा से मिलता है.
मेरी कंपनी — डायरेक्टर्स कट प्रोडक्शंस, शाही प्रोडक्शंस और आयशाही प्रोडक्शंस — ने ऐसे कई फर्जी लोगों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है, जो नए टैलेंट से पैसे लेकर उन्हें बेवकूफ बनाते हैं. हमने नॉर्थ में एक ऐसे ग्रुप को भी पकड़ा था. मैं सभी नए कलाकारों से कहना चाहूंगा कि कभी किसी धोखे में न पड़ें. काम सिर्फ मेरिट के आधार पर मिलता है, किसी फेवर से नहीं. मेहनत करें, सही स्रोतों से जाएं — यही सफलता का रास्ता है.
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आपने अपने करियर में कई अहम पड़ाव देखे हैं. क्या कोई ऐसा पल रहा जिसे आप अपने जीवन का टर्निंग पॉइंट मानते हैं?
हाँ, बिल्कुल. साल 2007 मेरे जीवन का असली टर्निंग पॉइंट था. उस समय मैं एक टेक्नीशियन था, जिसने लगभग 15 सीरीज़ डायरेक्ट की थीं, लेकिन मैं अभी तक प्रोड्यूसर नहीं बना था. उस दौर में, खासकर Star Plus जैसे चैनल पर सिर्फ बड़े प्रोड्यूसर्स को ही बुलाया जाता था. तब उदय शंकर जी, (Uday Shankar) जो उस समय Star Plus के हेड थे (और आज Jio Hotstar के वाइस चेयरमैन हैं), उन्होंने एक बड़ा रिस्क लिया. उन्होंने मुझे बतौर प्रोड्यूसर मौका दिया. मैं आज भी उनके इस भरोसे और दृष्टिकोण के लिए दिल से आभारी हूँ.
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उसी फैसले के बाद ‘सपना बाबुल का... बिदाई’ और ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ जैसे शो शुरू हुए, जिन्होंने मेरी ज़िंदगी बदल दी. मुझे याद है, ‘अनुपमा’ के समय एक बार टाइटल की स्पेलिंग को लेकर छोटा- सा इश्यू हुआ था. उस वक्त खुद उदय शंकर जी ने मुझे मैसेज किया. इतने बड़े पद पर होने के बावजूद उनका इतना सूक्ष्म और सकारात्मक दृष्टिकोण देखना बहुत प्रेरणादायक था.
उन्होंने हमेशा मुझे जो सम्मान और विश्वास दिया, उसके लिए मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ.
राजन शाही सिर्फ़ एक प्रोड्यूसर नहीं, बल्कि एक क्रिएटिव विज़नरी हैं, जिन्होंने टीवी को परिवार, रिश्तों और सच्चाई का आइना बनाया. उनकी कहानी साबित करती है – विरासत, मेहनत और मेंटरशिप मिलकर इतिहास बनाते हैं.
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FAQ
प्रश्न 1. राजन शाही कौन हैं?
राजन शाही भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री के एक प्रमुख प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी डायरेक्टर्स कट प्रोडक्शंस (DKP) ने कई सुपरहिट टीवी शो जैसे अनुपमा, ये रिश्ता क्या कहलाता है और सपना बाबुल का... बिदाई दिए हैं।
प्रश्न 2. राजन शाही ने टीवी इंडस्ट्री में कदम कैसे रखा?
राजन शाही का संबंध फिल्मी परिवार से है। उनके नाना जी, पी. जयराज, साइलेंट फिल्म युग के अभिनेता थे। नाना जी की सलाह पर राजन ने टीवी इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत की।
प्रश्न 3. राजन शाही के परिवार में कौन-कौन टीवी प्रोडक्शन में सक्रिय हैं?
राजन शाही के परिवार की तीन पीढ़ियां टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय हैं: उनकी मां दीपा शाही, बेटी इशिका शाही, और स्वयं राजन शाही।
प्रश्न 4. राजन शाही की कंपनी डायरेक्टर्स कट प्रोडक्शंस (DKP) के प्रमुख शो कौन से हैं?
उनकी कंपनी के प्रमुख शो हैं:
अनुपमा
ये रिश्ता क्या कहलाता है
सपना बाबुल का... बिदाई
प्रश्न 5. राजन शाही का नाना पी. जयराज कौन थे?
पी. जयराज साइलेंट फिल्म युग के अभिनेता थे। उन्होंने 1929 में डेब्यू किया और लगभग 70 साल तक फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय रहे। उन्हें 1981 में दादा साहब फाल्के अवार्ड और 1952 में फिल्मफेयर अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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