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टीवी की दुनिया में स्टार प्लस ने हमेशा ऐसे आइडियाज पेश किए हैं जो संस्कृति और मनोरंजन का बेहतरीन संगम दिखाते हैं। ऐसा ही एक आइकॉनिक शो है क्योंकि सास भी कभी बहू थी, जिसने लंबे समय बाद वापसी की है। यह शो एक बार फिर साबित कर रहा है कि कैसे यह अपनी विरासत को आगे बढ़ाते हुए आज के सामाजिक मुद्दों को छूता है और बदलाव के लिए प्रेरित करता है।
क्योंकि सास भी कभी बहू थी के नए प्रोमो में एक सोचने पर मजबूर करने वाला कैंपेन #NotJustMoms दिखाया गया है, जो बताता है कि बच्चों की परवरिश सिर्फ मां की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि यह दोनों माता-पिता की साझा जिम्मेदारी होती है। (Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi new promo)
#NotJustMoms कैंपेन: क्योंकि सास भी कभी बहू थी में दिखी माता-पिता की साझा जिम्मेदारी
यह प्रोमो आज के बदलते परिवारों की हकीकत दिखाता है और एक जरूरी बात पर सोचने को मजबूर करता है। आज के समय में, जब मां और पिता दोनों हर काम में बराबर हिस्सेदारी निभाते हैं, तो बच्चों की परवरिश सिर्फ मां की जिम्मेदारी क्यों मानी जाए? प्रोमो उन आम पलों को दिखाता है, जहां माताओं पर बच्चों को संस्कार और अनुशासन सिखाने का सारा बोझ डाल दिया जाता है। आखिर में यह साफ संदेश देता है कि बच्चों की परवरिश मां और पिता दोनों की जिम्मेदारी है। (#NotJustMoms campaign Star Plus)
हाल ही में हुए FICCI इवेंट में स्मृति ईरानी और एकता कपूर ने ताकतवर #NotJustMoms प्रोमो पेश किया, जिसने साझा पैरेंटिंग पर एक इमोशनल और सोचने पर मजबूर करने वाली चर्चा शुरू कर दी है। स्मृति ईरानी ने कहा, “हम ‘क्योंकि’ टीम से इस सोच का समर्थन करते हैं कि बच्चों की परवरिश सिर्फ मां की जिम्मेदारी नहीं है। अक्सर मां को बच्चे की नाकामी के लिए दोषी ठहराया जाता है, लेकिन जब वही बच्चा कुछ हासिल करता है तो उसकी तारीफ में मां का नाम नहीं लिया जाता। अगर पैरेंटिंग में बराबरी की बात करनी है, तो यही सही समय और सही कैंपेन है कि जिम्मेदारी सिर्फ मां की नहीं होती।” (Parenting shared responsibility promo)
स्मृति ईरानी के एक बार फिर ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में अपनी मशहूर भूमिका तुलसी के रूप में लौटने के साथ, यह सोच इस शो के सांस्कृतिक प्रभाव को एक बार फिर सामने लाता है और साथ ही बराबरी वाले पैरेंटिंग की अहमियत को भी मजबूती से पेश करता है।
इसी बारे में बात करते हुए स्टार प्लस के प्रवक्ता ने कहा, “स्टार प्लस में हम मानते हैं कि कहानियों में बदलाव लाने की ताकत होती है। #NotJustMoms के ज़रिए हम उस पुराने सोच को तोड़ना चाहते हैं जिसमें माना जाता है कि सिर्फ़ मां ही बच्चों की परवरिश की ज़िम्मेदारी उठाती है। तुलसी को एक नए रूप में वापस लाकर, यह ब्रांड फ़िल्म पूरे भारत में बातचीत शुरू करने और परिवारों को साझा पैरेंटिंग अपनाने के लिए प्रेरित करने के मकसद से बनाई गई है।” (Mothers and fathers equal role children upbringing)
#NotJustMoms सच में स्टार प्लस के उस विज़न को दिखाता है, जो समाज में बदलाव लाने के साथ-साथ दर्शकों को भरपूर मनोरंजन देना चाहता है। ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का यह सीज़न सिर्फ़ एक पुरानी कहानी को आगे बढ़ाना नहीं है, बल्कि उन भावनाओं, मूल्यों और सदाबहार कहानी कहने के अंदाज़ को सलाम है, जिसने इसे भारत की संस्कृति का एक अहम हिस्सा बना दिया। (Modern family parenting challenges)