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Nawal Roongta story
प्रसिद्ध इन्फोसाइंटिस्ट नवल रूंगटा, संस्थापक-अध्यक्ष: (www.universalgovernment.one)
ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र सूचना वैज्ञानिक और यूनिवर्सल गवर्नमेंट के संस्थापक तथा अध्यक्ष नवल कुमार रूंगटा से मेरी मुलाकात जब हुई तो मैं यह जानकार हैरान रह गई कि कैसे किसी फ़िल्म का एक डायलॉग किसी वैज्ञानिक के जीवन की दिशा बदल देता है। नवल जी ने 49 वर्षों तक शोध किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य 7 बिलियन लोगों के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर के अवसर पैदा करना है। उन्हें Google द्वारा "विश्व का पहला और एकमात्र सूचना वैज्ञानिक" के रूप में मान्यता दी गई है। और इन सबके लिए उनकी प्रेरणा का स्रोत कालजयी भारतीय हिन्दी फिल्म 'आनंद' का एक प्रसिद्ध संवाद है। नवल जी का मानना ​​है कि सूचना और संचार के माध्यम से दुनिया को एकजुट करना संभव है। आइए उनकी कहानी और विचारों को और गहराई से जानें।
नवल जी, आप एक गुणी वैज्ञानिक होने के बावजूद फिल्म उद्योग से कैसे जुड़े? इसमें आपकी रुचि कैसे जगी?
नवल रूंगटा: धन्यवाद, मुझे Google द्वारा "विश्व का पहला और एकमात्र सूचना वैज्ञानिक" के रूप में मान्यता दिए जाने पर मुझे गर्व है। जब मैंने 1971 में राजेश खन्ना अभिनीत फिल्म 'आनंद' देखी तो मैं उस फ़िल्म के एक संवाद से बहुत प्रभावित हुआ जिसने मेरी सोच की दिशा बदल दी।
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फिल्म 'आनंद' के किस संवाद ने आपको प्रेरित किया?
नवल रूंगटा: मैंने १९७१ की राजेश खन्ना अभिनीत फिल्म आनंद के एक डायलाग से प्रेरित होकर ४९ साल रिसर्च की है। इसे राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, हृषिकेश मुखर्जी, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, रमेश देव व दारा सिंह ने इंडोर्स किया है।
वो डायलाग है, "देखो बाबू मोशाय... हरेक बॉडी एक ट्रांसमीटर है... ये जो मुरारीलाल था न... इसकी बॉडी से एक वाईवरेशन निकली... मैंने रियेक्ट किया... बस दोस्ती हो गयी... बहुत ग्रैंड थ्योरी है बाबू मोशाय रिसर्च करोगे तो नोबल प्राइज मिलेगा।
(मूल अर्थ :--"देखो, बाबू मोशाय... हर शरीर एक ट्रांसमीटर है... यह मुरारीलाल, आप जानते हैं... उसके शरीर से एक कंपन निकलती है... मैंने उस पर प्रतिक्रिया की... और इस तरह दोस्ती शुरू हुई...") इस संवाद ने मेरे दिल को छू लिया और मुझे गहराई से प्रेरित किया।
उस विशेष संवाद से प्रेरित होने के पीछे क्या कारण था?
नवल रूंगटा: उस संवाद ने मुझे अपने शोध के लिए गहरी प्रेरणा दी। मुझे लगा कि अगर मैं सही दिशा में काम करूँ, तो मैं कुछ बड़ा हासिल कर सकता हूँ।
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आप ऋषिकेश मुखर्जी से कैसे और कब मिले?
नवल रूंगटा: मैं ऋषिकेश मुखर्जी और फिल्म 'आनंद' के सभी अन्य कलाकारों से मिलने कोलकाता से मुंबई गया था। मैंने उनसे बांद्रा में उनके घर पर मुलाकात की।
कृपया इस लिंक पर अधिक जानकारी देखें:-https://www.universalgovernment.one/dignitaries.htm उन्होंने मुझे अपने घर आमंत्रित किया और आशीर्वाद दिया। यह एक अविश्वसनीय अनुभव था।
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राजेश खन्ना से मिलकर आपका अनुभव कैसा रहा?
नवल रूंगटा: मैं उनसे खार स्थित उनके कार्यालय में मिला था। जब मैंने उन्हे सब कुछ बताया तो वे बोले, "मुझे यह जानकर बहुत ख़ुशी हुई क़ि तुमने मेरी बेहद पसंदीदा फिल्म 'आनंद' के डायलाग से प्रेरणा लेकर रिसर्च की है। भगवान करें और साथ ही मेरी भी दुआ है क़ि तुम्हें इस विज़न और मिशन में मुझसे भी ज़्यादा इज्जत, दौलत और शोहरत मिले। और हाँ, तब एक बात हमेशा याद रहे... ये सारा कमाल ऊपरवाले का, तकदीर का और लोगों का है, तुम्हारा नहीं।"
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सुमिता सान्याल से आपकी मुलाकात कब, कैसे हुई?
नवल रूंगटा: उन्ही दिनों जब राजेश खन्ना से मुलाकात की थी तब हमने सुमिता जी से फोन पर बात की.
सुमिता से मुलाकात का अनुभव कैसा रहा?
नवल रूंगटा: बहुत अच्छा।
और किस किस फिल्म के कलाकारों से आपकी मुलाकात हुई?
नवल रूंगटा: रमेश देव, सीमा देव, जॉनी वॉकर, दारा सिंह, योगेश, गुलज़ार, प्रेम चोपड़ा, अमिताभ बच्चन।
See live at https://www.universalgovernment.one/dignitaries.htm
आपने बताया कि आपको राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से प्रोत्साहन मिला। क्या आप उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले थे?
नवल रूंगटा: मैंने उनसे ईमेल के माध्यम से संपर्क किया था और मुझे उनसे ईमेल का जवाब मिला और उनकी ओर से राष्ट्रपति भवन से फ़ोन आया। कृपया इस लिंक पर अधिक विस्तृत जानकारी अवश्य देखें:-
https://www.universalgovernment.one/presidentofindia.htm
क्या आप हमें उनसे मिले प्रोत्साहन के बारे में और बता सकते हैं?
नवल रूंगटा: प्रतिभा पाटिल जी के समर्थन ने मुझे और प्रेरित किया है। उन्होंने मेरे शोध में रुचि दिखाई।
Please see more at this link:- https://www.universalgovernment.one/dignitaries.htm
क्या आप अपने शोध के बारे में कुछ जानकारी दे सकते हैं?
नवल रूंगटा: मैंने 7 बिलियन लोगों को ऑनलाइन जोड़ने के लिए 49 वर्षों तक शोध किया है। मैंने प्रौद्योगिकी के माध्यम से भाग्य, किस्मत और नियति के उत्तर और समाधान खोजे हैं। अब यह शोध और जानकारी $ 1 ट्रिलियन डॉलर की बौद्धिक संपदा है और वास्तविकता में बदलने तथा $ 1 ट्रिलियन डॉलर और 7 बिलियन लोगों के लिए असीमित अवसर पैदा करने के लिए तैयार है। मुझे भारत के राष्ट्रपति से भारत सरकार से सभी प्रकार का समर्थन और सहायता प्राप्त करने का आश्वासन मिला है।
मेरे शोध को मशहूर हस्तियों (https://www.universalgovernment.one/dignitaries.htm)
और प्रमुख समाचार पत्रों (https://www.universalgovernment.one/media.htm) द्वारा समर्थन दिया गया है।
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हमें Google द्वारा आपकी मान्यता के बारे में बताएं।
नवल रूंगटा: गूगल ने मुझे अपने सर्च इंजन पर "विश्व का पहला और एकमात्र सूचना वैज्ञानिक" के रूप में मान्यता दी है जो मेरे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
आप अपने बारे में विस्तार से बताइए?
नवल रूंगटा: मेरा नाम इन्फोसाइंटिस्ट नवल कुमार रूंगटा है। ६७ साल का हूँ। कोलकाता में रहता हूँ। रिसर्च व डेवलपमेंट संस्था यूनिवर्सल गवर्नमेंट का संस्थापक व चेयरमैन हूँ।
अधिक जानकारी के लिए मेरा आपसे अनुरोध व सिफारिश है कि आप मेरी वेबसाइट www.universalgovernment.one पर १८ वेबपेज का स्लाइडशो अवश्य अवश्य देखें।
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मुझसे बातचीत व चैट करने के लिए आप निसंकोच मेरे मोबाइल व व्हाट्सप्प पर सादर आमंत्रित है।
मेरा कांटेक्ट :
इन्फोसाइंटिस्ट नवल कुमार रूंगटा
संस्थापक व चेयरमैन
यूनिवर्सल गवर्नमेंट www.universalgovernment.one
कोलकाता
मोबाइल व व्हाट्सप्प +91 9323757275
प्लीज़ मस्ट सी आंसर एट माइ बायो एट दिस लिंक:- https://www.universalgovernment.one/infoscientist.htm
अंत में, आप देश दुनिया को क्या संदेश देना चाहेंगे?
नवल रूंगटा: देश, देशवाशियों, दुनिया, ऑल Country's कंट्रीज़ गवर्नमेंट हेड & फोर्बस बिलियनयर्स से मेरी अपील है कि मुझे व मेरी रिसर्च को अविलम्ब, अतिशीघ्र अडॉप्ट कर लें। मैं फेसबुक, लिंकेडीन व ट्विटर से ५ गुना बेहतर वेबसाइट बना सकता हूँ और १ ट्रिलियन डॉलर व असीमित अवसर ७ बिलियन लोगों के लिए पैदा कर सकता हूँ। ये मेरी अंतिम इच्छा है। मैं ६७ साल का हूँ। मैं इस रिसर्च के साथ मरना नहीं चाहता। मैं सभी देश प्रमुखों और कॉर्पोरेट नेताओं से अपील करता हूं कि वे मेरे शोध को तुरंत अपनाएं। मैं चाहता हूं कि मेरा शोध 7 बिलियन लोगों के लिए अवसर पैदा करे।
(नवल रूंगटा जी ने ट्रिलियन डॉलर्स की नोहाउ व इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को डोनेट करने की इच्छा जताई।)
नवल जी, अपने विचार साझा करने के लिए धन्यवाद। हम आपके प्रयासों में सफलता की कामना करते हैं।
नवल रूंगटा: मुझे आशा है कि मायापुरी के माध्यम से करोड़ों इंटेलेक्चुअल पाठकों, संस्थानों, और सरकारी महकमों तक मेरी बात पहुंचेगी। मायापुरी पचास वर्षों से आम और खास लोगों तक पहुंचने का एक सशक्त माध्यम रहा है। धन्यवाद।
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