ये अभिनेत्रियां जो अपने दिल की बात कहने से नहीं डरती

एक ऐसी इंडस्ट्री में जहां रिश्ते और समीकरण अक्सर मीठे और 'चाशनी में डूबे' चापलूसी के कौशल से संचालित होते हैं, ऐसे में संभावित प्रभावों की परवाह किए बिना 'दूध का दूध और पानी का पानी' कहने की हिम्मत होना कोई आसान बात नहीं है...

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These actresses are not afraid to speak their heart out
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एक ऐसी इंडस्ट्री में जहां रिश्ते और समीकरण अक्सर मीठे और 'चाशनी में डूबे' चापलूसी के कौशल से संचालित होते हैं, ऐसे में संभावित प्रभावों की परवाह किए बिना 'दूध का दूध और पानी का पानी' कहने की हिम्मत होना कोई आसान बात नहीं है. लेकिन जिन्होंने निडरता से हर बार और लगातार कड़वी सच्चाई पर उंगली उठाई है  उन्हें हमेशा मनोरंजन बिरादरी के लोगों के साथ-साथ बाहर के प्रशंसकों से भी सबसे अधिक सम्मान और मान मिला है. उन बोल्ड सेलिब्रिटियों के तीखे, कड़वे और निडर व्यक्तित्व, हमेशा उनकी सबसे बड़ी ताकत रही है और ऐसे लोग निश्चित रूप से अपने साथ एक ऐसी दुनिया में बहुत सारी सकारात्मकता लाते हैं जिसे अक्सर कई लोग 'नकली' कहते हैं. भारतीय मनोरंजन उद्योग में भी ऐसी अभिनेत्रियाँ हैं जिन्होंने बार-बार अपने दिल की बात कही है और आज, यह सूची इस क्षेत्र में अपनी संबंधित 'विरासत' और नाम को सेलिब्रेट करने के बारे में है. आइए नीचे दी गई सूची पर एक नज़र डालेंः

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कंगना रनौतः

वह साहसी है, वह निडर है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप उसे गलत तरीके से दबाते और रगड़ते हैं, तो निश्चित रूप से उसके पास आपकी अपनी दवा का अच्छा स्वाद देने के लिए सब कुछ है. बार-बार, उन्होंने विभिन्न प्रासंगिक मामलों पर अपने दिल की बात कही है, और बिना किसी चापलूसी के, गलत को गलत और सही को सही ठहराया चाहे वह उनका व्यक्तिगत और  प्रोफेशनल जीवन हो. और इस कारण उनकी ईमानदारी को उनकी सबसे बड़ी ताकत के रूप में श्रेय दिया जाना चाहिए.

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मलाईका अरोड़ाः

मलाइका शुरू से ही ताकत और साहस की एक मजबूत स्तंभ रही हैं और निश्चित रूप से उनसे ट्रोल को प्रभावी ढंग से संभालने की कला में महारत हासिल करने की हुनर की प्रशंसा होनी ही चाहिए.चाहे वह उनके परिधान या उनके रिश्ते की स्थिति के बारे में निर्णय लेना हो या इन मुद्दों के लेकर कोई वाद विवाद हो, किसी भी बात ने उन्हे वास्तव में परेशान नहीं किया है और उन्होने हमेशा हर स्थिति को गरिमा और साहस के साथ संभाला है. उन मौकों पर जब उन्हें बोलने की जरूरत होती है, उन्होंने अपने दिल की बात कही और जब भी उन्हें लगा कि मौन सबसे अच्छा जवाब है, तो उन्होंने उसे चुना और ईमानदारी और गरिमा का यह सुंदर मिश्रण उन्हें आज के समय और युग में एक अद्भुत और आकर्षक व्यक्तित्व बनाता है.

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चाहत खन्नाः

चाहत स्ट्रॉंग और स्वतंत्र महिलाओं की एक सही उदाहरण है. वह आज के समय में आम महिलाओं की इस पीढ़ी के लिए एक प्रेरणादायक स्त्री हैं, जो दुनिया के किसी भी शख्स से दबे या डरे बिना अपने मन की बात बोलती हैं. एक कार्पेट सिंगल मॉम तथा एक काबिल अभिनेत्री और एक सफल एंटरप्रिनिअर होने के नाते बार-बार उनका मजबूत व्यक्तित्व अपने आप में बहुत कुछ बोलती हैं, उन्होंने हमेशा राजनीतिक, मानसिक स्वास्थ्य, पालन-पोषण और बहुत कुछ जैसे सामाजिक मुद्दों के बारे में बात की है. अपनी बेटी को अपना सरनेम देने से लेकर अभिनय परियोजनाओं को पूरा करने और इस समुदाय में एक अच्छी तरह से स्थापित नाम होने तक, वह किसी भी विषय के बारे में अपनी राय देने में कभी पीछे नहीं हटी. उन्होंने हमेशा इसके परिणामों को नजरअंदाज करते हुए खुद को स्पष्ट किया है.

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सुष्मिता सेनः

जब बात स्पष्टता, निडरता, ईमानदारी और सरलता के बारे में उठती हैं, तो हम सुष्मिता सेन को याद करने से कैसे चूक सकते हैं? यदि कोई ग्रेस की नज़ाकत और क्लास की सूक्ष्म गरिमा के साथ साथ तीखे, निडर कटाक्ष करने की कला में महारत हासिल करना चाहता है, तो सुष्मिता वह महिला है जिससे आपको इसे सीखने की आवश्यकता है. वह हमेशा से ही अपने व्यक्तिगत या अपने प्रोफेशनल जीवन से संबंधित हर मुद्दे के बारे में पूरी सच्चाई के साथ मुखर रही हैं. वो कभी किसी गलत बात को चुपचाप सहन करने में विश्वास नहीं रखती है और दूध का दूध और पानी का पानी करने से पीछे नहीं हटती. यही कारण है कि कई लोग उन्हें एक ताकत के रूप में मानते हैं. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें इस विशेष सूची में शामिल करना अनिवार्य है.

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जया बच्चनः

हालांकि वे अपनी तथाकथित स्पष्ट और 'रुड' कहे जाने वाले व्यवहार के लिए भारतीय पपराज़ी की 'चहेती' शायद नहीं हैं, और सच पूछो तो वे चापलूसी करके, जी हुजूरी करके या मक्खन लगा कर किसी की चहेती बनना भी नहीं चाहती है, चाहे उनके सामने कोई बड़ा नेता, राजनेता हो या कोई बड़ा डाइरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर हो या कोई बड़ा व्यवसायी या फिर बड़े से बड़े पत्र पत्रिका के पत्रकार या एडिटर हो, जया जी इन सबके गुड बुक में रहने के लिए किसी की चापलूसी नहीं करती और अगर उन्हे कोई बात गलत लगती हो तो वे डटकर प्रतिवाद करने से कभी पीछे नहीं हटती और स्ट्रॉंगली अपनी बात रखती है, चाहे किसी को अच्छा लगे या ना लगे. वे सच्चाई उजागर करने से कभी नहीं घबराई. जया बच्चन ने हमेशा किसी भी दबाव या गरमा गर्मी से डरे बिना समाज के विभिन्न वर्गों के सभी व्यक्तियों के सामने अपने दिल की बात कहने में विश्वास किया है. हालांकि भारतीय पपराज़ी के साथ उनके तीखे बर्ताव की अक्सर आलोचना की गई है, लेकिन जया बच्चन ने वास्तव में कभी भी उन आलोचनाओं को लेकर कोई स्पष्टीकरण देने की कोशिश नहीं की है और यह इस तथ्य को दर्शाता है कि वह हमेशा अपने कार्यों की पूरी जवाबदेही लेती हैं. जया भादुड़ी बच्चन का यह मानदंड ही है जो हमेशा किसी भी मजबूत महिला में एक सामान्य कारक होता है. जया वाकई में एक बहादुर, निडर, आज के समय की स्त्री है, और एक बाघिन है. कोई आश्चर्य नहीं कि वह इस सूची में सर्वश्रेष्ठ है.

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