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राजनीतिक पटल हो या सामाजिक पटल, हर जगह नारी सशक्तीकरण की ही बातें की जा रही हैं। बड़े-बड़े नारे लग रहे हैं। पर नारी सशक्तीकरण को लेकर कितना काम हो रहा है, यह सच किसी से छिपा नहीं है। मगर भारतीय सिनेमा में बिना किसी नारेबाजी के हमेशा से नारी को महत्व दिया जाता रहा है। बी. आर. चोपड़ा ने अपनी हर फिल्म में नारी को ही महान चित्रित किया। अब महिला निर्देशक वेदांती दाणी ने हर किसी को चौंकाते हुए नारी सशक्तीकरण के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है। वेदांती दाणी मराठी भाषा की फिल्म ‘लग्न आणि बरेच काही’ का निर्देशन कर रही हैं, जिसका मुहूर्त दशहरा के अवसर पर संपन्न हुआ। इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें केवल महिलाएँ ही काम कर रही हैं। जी हाँ! फिल्म के सभी तकनीशियन और कलाकार महिलाएँ ही हैं। फिल्म की निर्माता डॉ. संजना सुरेश पई और अंजली नान्जकर हैं। फिल्म की लेखक यशश्री मसूरकर, कैमरामैन स्मिता निर्मल, संगीतकार वैशाली सामंत, एडिटिंग भक्ति मायालू, पीआरओ सुमती शेट्टी, प्रोडक्शन डिज़ाइन मुग्धा कुलकर्णी, ब्यूटी और स्टाइलिंग सुप्रिया शिंदे, डिजिटल मार्केटिंग अश्मिकी टिकेकर हैं। जबकि फिल्म को अभिनय से संवारने वाली कलाकार हैं - पूजा सावंत, शर्मिला राजाराम शिंदे। (Marathi film Lagn Ani Barech Kahich 2026)
इस फिल्म में महिलाओं के जीवन से जुड़ी सूक्ष्म भावनाओं, अनुभवों, उनके निजी सपनों और उनके जीवन के संघर्ष का चित्रण होगा। शादी के बाद किसी भी लड़की के जीवन में केवल नई जिम्मेदारियों के दरवाजे नहीं खुलते, बल्कि उसकी जीवन यात्रा में एक नए अध्याय की राह बनने के साथ ही उसका सामना नए नाते-रिश्तेदारों से भी होता है। यही सब वेदांती दाणी फिल्म ‘लग्न आणि बरेच काही’ के माध्यम से लोगों के सामने लाने जा रही हैं। (Women empowerment in Marathi cinema)
फिल्म निर्देशक वेदांती दाणी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल, मुंबई से फिल्म निर्माण और निर्देशन में विशेषज्ञता हासिल कर चुकी वेदांती का पालन-पोषण महाराष्ट्र के कई कस्बों में हुआ, जिससे उन्हें स्थानीय लोगों और ज़मीनों के विस्तृत अंतरों से परिचित होने का मौका मिला। उनकी यादों में से एक गाँव इस फिल्म में साकार रूप लेता है। (Vedanti Dani director Marathi film)
यूँ तो वेदांती को कला का माहौल विरासत में मिला है। उनके माता-पिता दोनों ही रंगमंच में रुचि रखते थे, इसलिए वे नाटकों का अनुभव करते हुए बड़ी हुईं। उन्होंने अपने माता-पिता को रंगमंच पर अभिनय करते हुए कई बार देखा। वेदांती कहती हैं, “अपने माता-पिता को रिहर्सल करते और उन्हें अलग-अलग किरदारों में बदलते देखना और कहानी सुनाने के जादू को करीब से देखना बहुत ही रोमांचक होता था। मैं ढाई साल की उम्र में मंच पर खड़ी थी। लेकिन अभिनय का मेरा पहला असली अनुभव बिल्कुल अप्रत्याशित रूप से हुआ। मैं एक रिहर्सल देख रही थी जब मैंने मासूमियत में कुछ बचकाना और बेतुका-सा कह दिया। लेकिन नाटककार को यह मज़ेदार लगा, और हमें आश्चर्य हुआ कि उन्होंने अपने नाटक में मेरे लिए एक किरदार जोड़ने का फैसला किया! मैं मुश्किल से पाँच साल की थी, और उस छोटे-से पल ने सब कुछ बदल दिया। तब मेरे माता-पिता को एहसास हुआ कि मेरा स्वाभाविक रूप से प्रदर्शन कलाओं की ओर झुकाव है। कुछ साल बाद मेरे परिवार ने ज़िंदगी बदल देने वाला फैसला किया - हम मुंबई आ गए। अभिनय में मेरी रुचि ने हमें वहाँ जाने के लिए प्रेरित किया, लेकिन वहाँ पहुँचते ही मेरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित हो गया। मेरे माता-पिता ने अपना अभिनय करियर जारी रखा, जबकि मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। हालाँकि, मेरे जुनून को समझते हुए, मेरी माँ ने मुझे फिल्म निर्माण का कोर्स करवाया। पहली बार, मैंने कैमरे के पीछे की दुनिया देखी, जो मेरी आँखें खोल देने वाली थी। उस गहन आवासीय फिल्म निर्माण कार्यशाला में, मैंने प्रयोग किए और माध्यम को समझा। तभी मुझे एहसास हुआ कि अभिनय मेरा असली पेशा नहीं है। मुझे पता चला कि मुझे कैमरे के सामने रहने से ज़्यादा कैमरे के पीछे रहना पसंद है। मैं वैसे भी कोई अच्छा अभिनेता नहीं थी, इसलिए शुक्र है कि मैंने कहानी कहने, निर्देशन, और निर्माण की ओर रुख किया।” (Depiction of women’s life struggles)
वेदांती दाणी की फिल्म ‘लग्न आणि बरेच काही’: नारी शक्ति और सशक्तिकरण का उत्सव 2026 में महिला दिवस पर रिलीज़
वेदांती ने पिछले 7 सालों में 32 लघु फिल्मों का निर्देशन किया है। इनमें से कुछ उल्लेखनीय हैं - घलिन लोटांगन (3 मिनट/लंबा टेक/‘मामी 2015’ में विशेष उल्लेख प्राप्त), राख (11 मिनट/डिप्लोमा फिल्म/सर्वश्रेष्ठ पटकथा/2016), इंकब्लॉट (60 मिनट/हॉरर फिल्म/प्रीमियर/जयपुर अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2017)।
2026 में महिला दिवस के अवसर पर सिनेमाघरों में रिलीज़ के लिए बनाई जा रही फिल्म ‘लग्न आणि बरेच काही’ महिलाओं की रचनात्मकता, उनके सामर्थ्य के साथ नारी शक्ति के उत्सव की फिल्म होगी। यह फिल्म मराठी सिनेमा में नारी सशक्तीकरण को लेकर एक नए इतिहास को रचने वाली है।