साहित्य से बेहतर कोई साथी नहीं- लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
किसी विषय पर कविता लिखना आसान है पर अपनी रोज़मर्रा की बातों को कविता में ढालना बड़ा ही मुश्किल है, क्योकि अपने आपको कविता में ढालना स्वयं का मंथन है। मेरी कल्पना है की असली और संवेदनशील कविता लोगो तक पहुंचे। किसी बहुत बड़ी बात को कविता के रूप में तीन चार पंक