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ताजा खबर:आज हॉरर फिल्मों का क्रेज किसी से छुपा नहीं है. चाहे बॉलीवुड हो या साउथ सिनेमा, हर जगह डर और सस्पेंस से भरपूर फिल्में दर्शकों का दिल जीत रही हैं. आपने ‘भूल भुलैया’, ‘1920’ या ‘स्त्री’ जैसी फिल्मों को जरूर देखा होगा, जो न केवल दर्शकों को डराने में कामयाब रहीं, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी धमाकेदार कमाई की. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में हॉरर फिल्मों की शुरुआत कब और किस फिल्म से हुई थी?भारत की पहली हॉरर फिल्म ‘महल’ (Mahal) थी, जो साल 1949 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा में हॉरर जॉनर की नींव रखी और यह अपने समय की सबसे चर्चित और सफल फिल्मों में शामिल हुई. इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्ममेकर कमल अमरोही ने किया था.
9 लाख का बजट और ऐतिहासिक कमाई
उस दौर में जब फिल्में कम बजट में बनती थीं, महल का बजट करीब 9 लाख रुपये था. उस समय यह रकम बहुत बड़ी मानी जाती थी. आज की मुद्रा में देखें तो यह राशि लगभग 15 करोड़ रुपये होती. हैरानी की बात यह है कि यह फिल्म अपने बजट से कई गुना ज्यादा कमाई करने में सफल रही. रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म ने करीब 1.25 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जो आज के समय में लगभग 218 करोड़ रुपये से भी अधिक है.
शानदार स्टारकास्ट और कहानी
महल में उस समय के दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार और बेहद खूबसूरत अदाकारा मधुबाला मुख्य भूमिकाओं में थे. इनके अलावा एम. कुमार, लीला पांडे और कनु रॉय जैसे कलाकार भी अहम भूमिकाओं में नजर आए. फिल्म की कहानी रहस्य और पुनर्जन्म पर आधारित थी.कहानी की शुरुआत होती है हरि शंकर (अशोक कुमार) से, जो एक पुरानी हवेली में आता है. हवेली का चौकीदार उसे एक प्रेम कहानी सुनाता है, जिसमें एक प्रेमी की नदी में डूबने से मौत हो जाती है और उसकी प्रेमिका कामिनी (मधुबाला) भी जल्द ही दुनिया छोड़ देती है. हवेली में हरि शंकर को बार-बार ऐसा लगता है जैसे कामिनी की आत्मा आज भी वहां मौजूद है.
सदाबहार गाने और माहौल
महल को सिर्फ अपनी डरावनी कहानी और रहस्यमयी सीन के लिए नहीं बल्कि इसके सदाबहार गानों के लिए भी याद किया जाता है. लता मंगेशकर की आवाज में गाया गया गीत ‘आएगा आने वाला’ आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है. कमल अमरोही ने फिल्म के हर सीन को इतनी बारीकी से शूट किया कि दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए.
हॉरर फिल्मों की राह बनाई
महल की सफलता ने भारतीय सिनेमा में हॉरर जॉनर को एक नई दिशा दी. इसके बाद इस जॉनर में कई प्रयोग हुए और आज हॉरर-कॉमेडी से लेकर सुपरनैचुरल थ्रिलर तक कई बेहतरीन फिल्में बनाई जाती हैं. महल ने साबित किया कि डर और रोमांच से भरपूर कहानियां भी दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना सकती हैं.आज भी जब भारतीय हॉरर सिनेमा की बात होती है, तो महल का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है. यह फिल्म न केवल एक डरावनी कहानी थी, बल्कि भारतीय सिनेमा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर भी थी
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