/mayapuri/media/media_files/2025/05/07/M7UKmQZEDZrjTdH2FeTY.jpg)
ताजा खबर: करण जौहर ( film director Karan Johar), एक ऐसा नाम जिसे आज हिंदी सिनेमा में पहचान की जरूरत नहीं. निर्देशक, निर्माता और टॉक शो ‘कॉफी विद करण’ (koffee with karan) के होस्ट के रूप में उन्होंने खुद को फिल्म इंडस्ट्री में एक अहम स्थान दिलाया है. हालांकि शोहरत और सफलता के साथ-साथ करण को अक्सर ‘नेपोटिज्म’ यानी भाई-भतीजावाद का भी सामना करना पड़ा है. हाल ही में एक पॉडकास्ट शो में करण ने अपनी जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं पर बात की और बताया कि किस तरह उन्होंने करियर की शुरुआत में बड़ा जोखिम उठाया था.
पिता के भरोसे ने दी हिम्मत
करण जौहर ने बताया कि उनकी पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ ( Karan Johar film Kuch Kuch Hota Hai)को बनाने में उनके पिता यश जौहर ( Yash Johar) ने पूरी जमा पूंजी लगा दी थी. करण ने कहा, “अगर वह फिल्म फ्लॉप हो जाती तो हमें अपना घर बेचना पड़ता.. पापा ने मुझ पर भरोसा किया, लेकिन यह मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी.” फिल्म की सफलता ने करण को रातों-रात स्टार बना दिया और धर्मा प्रोडक्शंस को एक नई पहचान मिली.
नेपोटिज्म का टैग कैसे मिला?
पॉडकास्ट होस्ट राज शमानी से बातचीत में करण ने कहा, “मैं इंडस्ट्री का हिस्सा था क्योंकि मेरे पिता इस इंडस्ट्री में थे. मैं उनकी विरासत का हिस्सा था. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मुझे सब कुछ आसानी से मिला.” उन्होंने स्वीकार किया कि नेपोटिज्म के कारण उन्हें शुरुआत में कुछ मौके मिले, लेकिन खुद को साबित करना उनकी जिम्मेदारी थी. “अगर फिल्म फ्लॉप होती, तो मैं सिर्फ निर्माता का बेटा ही रह जाता,” करण ने कहा.
'कॉफी विद करण' ने बदली छवि
करण ने बताया कि 'कॉफी विद करण' शो ने उन्हें हर घर में पहचान दिलाई, लेकिन इसी शो ने लोगों की उनके बारे में एक विशेष छवि भी बना दी, “लोग मुझे एक अलग ही कैटेगरी में रखने लगे हैं. ऐसा लगता है जैसे मैं सिर्फ विवाद पैदा करता हूं, लेकिन जो मुझे जानते हैं, वे जानते हैं कि मैं अंदर से कैसा इंसान हूं,” करण ने कहा.
आलोचना का जवाब अपने तरीके से
करण ने साफ कहा कि वो हर किसी को सफाई नहीं दे सकते. “मैं हमेशा कर्म में विश्वास करता हूं. अगर मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, किसी के रास्ते में नहीं आ रहा, तो मैं गलत नहीं हूं. लोगों ने मुझ पर आरोप लगाए कि मैंने किसी का करियर बर्बाद किया, लेकिन मैं बस अपना काम कर रहा था.”
वर्क फ्रंट
करण जौहर की आखिरी निर्देशित फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ थी, जिसमें रणवीर सिंह और आलिया भट्ट मुख्य भूमिका में थे. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन कर पाई. हाल ही में उनके प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्म ‘केसरी 2’ रिलीज हुई है, जिसे दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.करण जौहर की कहानी उस संघर्ष की मिसाल है जिसमें विरासत के साथ आई सुविधा के बावजूद, खुद को साबित करने की जद्दोजहद भी शामिल है. क्या आप मानते हैं कि करण पर लगा ‘नेपोटिज्म’ का टैग अब भी जायज़ है?
Read More
Soniya Bansal: इंडस्ट्री से नाराज़ ‘Bigg Boss 17’ फेम, बोलीं- यहां सांस लेना भी मुश्किल है
Met Gala 2025 में छाया भारत, केरल की कंपनी ने रचा ब्लैक कारपेट का इतिहास
Kiara Advani :vijay devarakonda पर कियारा आडवाणी का रह चुका है सीक्रेट क्रश ?