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Kriti Sanon: साल का मेरा पसंदीदा समय है दीपावली उत्सव

बॉलीवुड स्टार कृति सेनन दिवाली कैसे मनाती हैं, उनकी बचपन की दिवाली, उनके पटाखे फोड़ना, उनका मस्ती करना, वो बचपन की बातें, वो शरारत, कैसी होती थी कृति की दीवाली? जो वो दिल्ली में मनाती थी...

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बॉलीवुड स्टार कृति सेनन दिवाली कैसे मनाती हैं, उनकी बचपन की दिवाली, उनके पटाखे फोड़ना, उनका मस्ती करना, वो बचपन की बातें, वो शरारत, कैसी होती थी कृति की दीवाली? जो वो दिल्ली में मनाती थी और आज जब वो बॉलीवुड की सुपर स्टार है और मुंबई में अपने नए आलीशान मकान में रह रही है तो अब वह दिवाली कैसे मनाती हैं, वह दिवाली के बारे में क्या सोचती हैं? चलिए मिलते हैं बॉलीवुड की वन ऑफ द मोस्ट ब्यूटीफूल दिवा कृति से और बताते हैं कि कृति कैसे मनाती है दीपावली, तब और अब की बातें:

कृति सेनन दिवाली को साल का वो समय मानती हैं जब परिवार और खुशी दोनों साथ साथ होता है.  उनके बचपन के उत्सव 'पटाखा' फोड़ने और मस्ती और उधम मचाने वाले उत्सवों से भरे होते थे, जो अब यादें बन गई है. आज, कृति अधिक शांत और इको फ्रेंडली तरीके से जश्न मनाती है दीपावली का, अपने खूबसूरती से सजाए गए घर में और पारिवारिक समारोहों पर ध्यान केंद्रित करती है, आज कृति पटाखों की फिजूलखर्ची के बदले प्यार और एकजुटता पर ज्यादा जोर देती है. कृति का मानना है कि दिवाली नई शुरुआत और अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, जो इसके सांस्कृतिक महत्व के प्रति उनकी सराहना को स्पष्ट करता है. कृति की हालिया दीपावली समारोहों में, उनकी गर्मजोशी और पारिवारिक बंधनों के मर्म को बनाए रखते हुए उनकी ग्लैमरस रूप के प्रदर्शन  ने इस खूबसूरत त्योहार को बहुत खूबसूरती से परिभाषित किया. पिछले दिनों दिवाली समारोह में कृति सैनन एक शानदार पोशाक में नजर आई. वे मनीष मल्होत्रा की दिवाली सेलिब्रेशन पार्टी में मौजूद थीं.

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कृति सेनन की बचपन की दिवाली सेलिब्रेशन उनकी वर्तमान दिवाली से कैसे अलग है?

कृति सेनन का दिवाली उत्सव उनके बचपन से लेकर आज के जीवन तक काफी कुछ बदला हुआ है.

बचपन का उत्सव: दिल्ली जैसे फ्रेंडली शहर में पली-बढ़ी कृति, दिवाली को परंपराओं से भरे एक  जीवन से भरपूर, धड़कता हुआ पारिवारिक समारोह के रूप में याद करती है. वह और उसकी बहन नूपुर, अपने घर के आगे, यानी द्वार के सामने तरह तरह के डिज़ाइन वाली रंगोली बनाया करती थी. साथ ही दोनों बहने मिलकर घर और खिड़कियों, झरोखों पर मिट्टी के दीपक जलातीं और उत्सव के माहौल का आनंद लेती थी. उन दिनों की दीपावलियों में 'पटाखा' फोड़ना एक मुख्य आकर्षण हुआ करता था, उन दिनों गुलाबी गुलाबी ठंड के साथ पटाखों की आपाधापी उन्हे बड़ी अच्छी लगती थी. लेकिन वो बचपन के दिन अब नहीं रहे. अब उनमें पर्यावरण को लेकर बहुत जागरूकता आ गई है. आज कृति की दिवाली अंतरंग पारिवारिक समारोहों पर अधिक केंद्रित है. हालांकि वह अभी भी दीपावली के त्योहार पर घर द्वार की सजावट और पारंपरिक पोशाक के साथ उत्सव की भावना को अपनाती है लेकिन आज वह शांत उत्सव का ऑप्शन चुनती है, प्रदूषण मुक्त उत्सव और पटाखों के बजाय सार्थक क्षणों को प्राथमिकता देती है कृति.

कृति सेनन की बचपन की दिवाली की कुछ यादें क्या हैं?

कृति सेनन के मन में बचपन की दिवाली की कई यादें हैं, जो दिल्ली में बड़े होते हुए उनके द्वारा अनुभव की गई उत्सव की भावना को उजागर करती हैं. कृति को याद है बचपन की वो दिवाली जब दिल्ली की सड़कों पर खूबसूरती से की गई रोशनी वो देखा करती थी, हर इलाके में दिवाली से पहले मेलों और कार्यक्रमों का आयोजन किया  जाता था, जिससे एक उत्सवी माहौल बन जाता था. कृति को अपनी बहन नूपुर के साथ खेलने कूदने और दरवाजे पर रंगोली डिज़ाइन बनाने में बहुत मजा आता था  और दिवाली से पहले घर को सजाना उन्हे बहुत अच्छे से याद है. नरक चतुर्दशी के दिन कृति को रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलना, मिठाइयाँ खाना और नए कपड़े पहनना अच्छा लगता था, जो सभी उनके उत्सवों का अभिन्न अंग थे. उन दिनों, दिवाली कार्ड पार्टियों का उत्साह, जो त्योहार से कुछ सप्ताह पहले शुरू होता था,  दिवाली उत्सव का आनंद और बढ़ा देता था.

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दिवाली त्योहार पर कृति सेनन किन अनोखी परंपराओं का पालन करती हैं? 

इस प्रश्न पर वे कहती हैं, "दिवाली के दौरान कई  परंपराओं का पालन हम करते हैं जो हमारी सांस्कृतिक जड़ों और व्यक्तिगत मूल्यों को दर्शाती हैं जैसे लक्ष्मी पूजा." कृति दीपावली त्योहार के आध्यात्मिक महत्व पर जोर देते हुए अपने परिवार के साथ दीपावली की शाम, लक्ष्मी पूजा करती है. एक और परंपरा है दीपावली पर खास घर का बना व्यंजन. दीपावली के दिनों में तरह तरह के पकवानों से घर महक उठता है. पूरी, छोले-भटूरे और गुजिया, नमकीन, काजू कतली, बर्फी जैसी मिठाइयों और पकवानों के बिना यह त्योहार अधूरा लगता है. छोले-भटूरे दिवाली के दिन रात्रिभोज के लिए एक पारिवारिक अनुष्ठान बन गया था, जिसका आनंद लक्ष्मी पूजा के बाद लिया जाता था . कृति को यह व्यंजन बेहद पसंद है, जो इसे उत्सव का मुख्य हिस्सा बनाता है. गुजिया हालांकि परंपरागत रूप से दिवाली से जुड़ा नहीं है, फिर भी कृति आज के समय में ऑथेंटिक दिवाली मिठाइयों की कमी के कारण घर पर ही गुजिया बनाती है, जो पारिवारिक व्यंजनों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है. कृति को मीठा बहुत पसंद है और उन्हें खोया, काजू और चीनी, या हनी से बनी विभिन्न मिठाइयाँ खाना बहुत पसंद है, जो उनके दिवाली समारोहों का एक अभिन्न अंग हैं. इसलिए वो कहती हैं, "इन सबका आनंद लेना है तो इन्हे घर पर जरूर बनाना चाहिए."

कृति ने बताया कि बचपन से वो अपने घर पर ये डेलीकेसिज़ बनते देखती आ रही है, मॉम बनाती थी, कृति हेल्प करती थी. आज भी यह सारी यम्मी चीज़े उनका परिवार मिलकर तैयार करते हैं. ये व्यंजन त्योहार के दौरान कृति की पारंपरिक और व्यक्तिगत पाक प्रथाओं के मिश्रण को उजागर करते हैं. एक और दीपावली की रिचूएल है रंगोली और घर आंगन की सजावट. यह परंपरा उन्होंने बचपन में शुरू की थी. कृति ने सुंदर रंगोली डिज़ाइन बनाने और अपने घर को सजाने का चलन आज भी जारी रखा है. मिट्टी के दीपों में तेल डालकर, रूई की बत्तियों से दीप जलाने के अलावा कृति को परी रोशनी की सजावट  उन्हे पसंद है, उत्सव के माहौल को जागृत करने के लिए वह परी रोशनी और दीयों को शामिल करती है. दीपावली की परंपराओं की बात करें तो अब भारत के जागरूक देशवासी प्रदूषण-मुक्त दीपोत्सव  मनाने की परंपरा को भी दीपावली के रिचूएल में शामिल कर चुके हैं. कृति सेनन भी प्रदूषण-मुक्त दिवाली की वकालत करती है और पटाखे न फोड़ने को सही मानती है और दूसरों से भी ऐसा करने की कामना करती है.

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कृति को दीपावली की जो बात सबसे दिल छूने वाली लगती है वो है इस त्योहार पर घर में पारिवारिक जमावड़ा. परिवार के साथ जश्न मनाना कृति के लिए किसी भी त्योहार के केंद्र में रहता है, जो सबके साथ मिलजुल्कर अक्सर हंसी, मजेदार भोजन और खूब सारी पुरानी यादों से भरा होता है. ये परंपराएँ उत्सव की भावना को अपनाते हुए पारिवारिक मूल्यों के प्रति कृति की प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं. ये यादें पारिवारिक परंपराओं के प्रति उनके प्रेम और हर साल दिवाली लेकर आने वाली खुशी को दर्शाती हैं कृति अपने मुंबई वाले घर में कई पारिवारिक तस्वीरें सजाती हैं, जो एक उत्सव के दौरान सबको करीब होने का एहसास देता है.  कृति की यह बात, उनके घनिष्ठ पारिवारिक मूल्यों को दर्शाती हैं. कृति का लिविंग रूम स्थान विशाल चमकीले रंग के लेआउट और कुशन तथा आरामदायक सोफे से सजाया गया है, जो इसे पारिवारिक समारोहों के लिए आमंत्रित करता है. उन्हे सुगंधित मोमबत्तियाँ पसंद हैं, जो उसके उत्सव की सजावट में एक सुगंधित टच जोड़ती हैं. ये सब मिलकर कृति दीपावली पर एक स्वागत योग्य वातावरण बनाती हैं जो दिवाली की भावना का प्रतीक है.

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कृति सेनन का नया घर उनकी दिवाली की सजावट को कैसे प्रभावित करता है?

कृति सेनन का नया घर उनकी दिवाली की सजावट को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है, जो उनके उत्सवों में एक विशेष मील का पत्थर है.

मुंबई स्थित नए घर में कृति ने पहला दिवाली कैसे मनाया था?

कृति के लिए वो वर्ष विशेष रूप से रोमांचक था जब मुंबई में स्थापित होते ही उन्होने अपना एक नया मकान खरीदा. उस फ्लैट को दिवाली के मौके पर अतिथियों के लिए सुन्दर और आरामदायक माहौल बनाने के लिए कृति ने उसे उसी रूप में सजाया था. सजावट के तहत पारिवारिक तस्वीरें और आरामदायक साज-सज्जा जैसे  पर्सनल स्पर्श शामिल रखा, जो उनके प्रियजनों के साथ समारोहों के लिए एक स्वागत वाला माहौल बना दिया था.

ये तत्व मिलकर एक उत्सवपूर्ण माहौल बनाते हैं जो परंपरा और उसकी व्यक्तिगत शैली दोनों का सम्मान करता है.

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