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Manoj Kumar's ashes immersed in Haridwar: हरिद्वार में किया Manoj Kumar का अस्थि विसर्जन, बेटों ने नम आंखों से पिता को दी आखिरी विदाई

ताजा खबर: Manoj Kumar's ashes immersed in Haridwar: दिग्गज दिवंगत एक्टर मनोज कुमार  की अस्थियों को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा के पवित्र जल में विसर्जित किया गया. 

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By Asna Zaidi
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Manoj Kumar's ashes immersed in Haridwar
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Manoj Kumar's ashes immersed in Haridwar: दिग्गज दिवंगत एक्टर और फिल्म निर्देशक मनोज कुमार (Manoj Kumar) का  87 साल की उम्र में 4 अप्रैल 2025 को निधन हो गया था. यह खबर सभी देशवासियों के लिए बड़ा सदमा बनकर आई.  दिवंगत एक्टर का अंतिम संस्कार 5 अप्रैल को किया गया. वहीं आज, 12 अप्रैल 2025 को  मनोज कुमार  की अस्थियों को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा के पवित्र जल में विसर्जित (Manoj Kumar's ashes immersed) किया गया. 

हरिद्वार में किया गया  मनोज कुमार की अस्थियों का विसर्जन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मनोज कुमार की अस्थियों को शनिवार सुबह हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा के पवित्र जल में विसर्जित किया गया. परिवार के करीबी सदस्यों की मौजूदगी में एक भव्य समारोह में, श्रद्धेय ब्रह्म कुंड में अंतिम संस्कार किया गया. विसर्जन पूरे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया, और पवित्र मंत्रों की ध्वनि नदी के किनारे गूंजती रही. दिवंगत एक्टर के बेटे कुणाल और विशाल गोस्वामी ने परिवार के पुजारी के नेतृत्व में अनुष्ठान में भाग लिया. उनके साथ उनके रिश्तेदार भी थे. समारोह के बाद बोलते हुए कुणाल गोस्वामी ने कहा, "अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर दिया गया है, और हम माँ गंगा के आशीर्वाद से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं."

पीएम मोदी ने मनोज कुमार की पत्नी को लिखा था पत्र

PM Modi's Heartfelt Letter To Manoj Kumar

वहीं हाल ही में मनोज कुमार के निधन के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उनकी पत्नी शशि गोस्वामी को एक पत्र लिखा था. पत्र में नरेंद्र मोदी ने फिल्म इंडस्ट्री में मनोज कुमार के योगदान का भी उल्लेख किया और कहा कि मनोज ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को जीवन दिया. पत्र में पीएम मोदी ने लिखा, "फिल्मों के माध्यम से दिग्गज अभिनेता और निर्देशक श्री मनोज कुमार ने भारत के गौरव को प्रभावशाली तरीके से चित्रित किया. उनकी कई फिल्मों ने नागरिकों के मन में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एक तरफ उनकी फिल्मों ने इस देश के स्वतंत्रता संग्राम को जीवन दिया, वहीं दूसरी तरफ उनकी फिल्मों ने लोगों को अपने देश के लिए बेहतर कल बनाने के लिए प्रेरित भी किया". 

मनोज कुमार का करियर (Manoj Kumar Career)

manoj kumar

मनोज कुमार 60 और 70 के दशक के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक थे. उन्हें देशभक्ति की थीम वाली फिल्मों में अभिनय और निर्देशन के लिए जाना जाता है. मनोज कुमार की मृत्यु का कारण तीव्र मायोकार्डियल इंफार्क्शन, एक गंभीर दिल का दौरा पड़ने के कारण कार्डियोजेनिक शॉक के रूप में पहचाना गया था. दिग्गज एक्टर की कुछ लोकप्रिय कृतियों में शहीद (1965), उपकार (1967), पूरब और पश्चिम (1970), और रोटी कपड़ा और मकान (1974) शामिल हैं. राष्ट्रवाद की थीम वाली फिल्मों में अभिनय करने के कारण उन्हें 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाने लगा. उन्हें 1992 में पद्म श्री और उसके बाद 2015 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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