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ताजा खबर: भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ संगीतकार ऐसे होते हैं, जिनके सुरों ने फिल्मों को अमर बना दिया. ऐसे ही एक महान संगीतकार थे राम लक्ष्मण, जिन्होंने 'हम आपके हैं कौन', 'मैंने प्यार किया', 'हम साथ साथ हैं' जैसी सुपरहिट फिल्मों को अपनी मधुर धुनों से सजाया. 22 मई 2021 को राम लक्ष्मण ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके संगीत की गूंज आज भी करोड़ों दिलों में बसी हुई है.
राम लक्ष्मण: एक संगीत यात्रा
राम लक्ष्मण की जोड़ी की शुरुआत संगीतकार राम (सुरेश शर्मा) और लक्ष्मण (विजय पाटिल) से हुई थी. दोनों ने मिलकर 'राम लक्ष्मण' के नाम से कई मराठी और हिंदी फिल्मों में संगीत दिया. दुर्भाग्य से राम की 1976 में मृत्यु हो गई, लेकिन लक्ष्मण ने उनके नाम के सम्मान में यह जोड़ी बरकरार रखी और अपने पूरे करियर में खुद को 'राम लक्ष्मण' के नाम से ही पेश किया.
राम लक्ष्मण कौन थे?
राम लक्ष्मण असल में संगीतकार विजय पाटिल का स्टेज नाम था. शुरुआत में वह अपने साथी ‘राम’ के साथ एक संगीत जोड़ी के रूप में काम करते थे, लेकिन राम की मृत्यु के बाद भी उन्होंने यह नाम नहीं छोड़ा और पूरे करियर में राम लक्ष्मण के नाम से ही संगीत दिया.
‘हम आपके हैं कौन’ के संगीत में राम लक्ष्मण का योगदान:
जब सूरज बड़जात्या (Sooraj Barjatya) ने इस फिल्म की रूपरेखा तैयार की, तब उन्हें संगीत की ज़रूरत थी जो पूरी तरह पारिवारिक माहौल को दर्शाए — सरल, मधुर और भारतीयता से भरा हुआ. यही काम राम लक्ष्मण ने बखूबी निभाया.
1. पारंपरिक भारतीय भावनाओं को संगीत में पिरोना:
राम लक्ष्मण ने इस फिल्म (hum aapke hain koun songs) के संगीत में भारतीय शादियों, परिवार की रस्मों, और भाई-बहन, पति-पत्नी जैसे रिश्तों की मिठास को सुरों के माध्यम से ज़िंदा कर दिया. “दीदी तेरा देवर दीवाना” (Didi tera dewar deewana ), “माई नी माई (Maayi na maayin)”, “जोते दो पैसे लो (Joote do paise lo)”, “वाह वाह रामजी (Wah Wah ram ji =)” जैसे गाने भारतीय संस्कृति की झलक दिखाते हैं.
2. हर गीत की थीम आधारित धुन:
फिल्म में कुल 14 गाने हैं, और हर गाना एक स्पेसिफिक इमोशन या सिचुएशन को दर्शाता है. यह अपने आप में रिकॉर्ड था कि एक फिल्म में इतने ज्यादा गाने होते हुए भी कोई गाना गैरज़रूरी नहीं लगा. यह राम लक्ष्मण की कम्पोजिशन की समझ का प्रमाण है.
3. अलका याग्निक और एस. पी. बालसुब्रमण्यम की आवाज़ का प्रभावी इस्तेमाल:
राम लक्ष्मण ने इन दोनों गायकों की आवाज़ को बखूबी पहचानकर उन्हें ऐसे गाने दिए जो आज भी अमर हैं. "पहला पहला प्यार है", "हम आपके हैं कौन", और "लो चली मैं" जैसे रोमांटिक गाने और "जैसे जैसे तू मेरी ज़िंदगी में आए" जैसे इमोशनल ट्रैक, दोनों की आवाज़ से और भी खास बन गए.
4. बिना अश्लीलता के सुपरहिट म्यूजिक देना:
उस समय जब फिल्मों में आइटम नंबर या अश्लील बोलों का चलन शुरू हो रहा था, राम लक्ष्मण ने ऐसे गाने दिए जो पारिवारिक वातावरण में भी सुने जा सकते थे. यही वजह थी कि यह फिल्म हर उम्र के दर्शकों को पसंद आई
सूरज बड़जात्या और राम लक्ष्मण की जोड़ी
राम लक्ष्मण का सबसे बड़ा और यादगार सहयोग रहा राजश्री प्रोडक्शन्स और निर्देशक सूरज बड़जात्या के साथ. 1989 में आई फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ ने न सिर्फ सलमान खान को सुपरस्टार बना दिया, बल्कि राम लक्ष्मण के संगीत को घर-घर में पहुंचा दिया. "दिल दीवाना", "कबूतर जा जा", और "आज हम अपने" जैसे गीत आज भी श्रोताओं की जुबान पर हैं.इसके बाद 1994 में आई फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में संगीत की परिभाषा ही बदल दी. इस फिल्म के लगभग सभी गीत – "दीदी तेरा देवर दीवाना", "पेप्सी-cola तू", "माई नी माई", "जोote दो पैसे लो" – हर समारोह, हर शादी और हर परिवार की पहली पसंद बन गए.
संगीत की विशेषता
राम लक्ष्मण की धुनों की खासियत थी उनकी सरलता, मिठास और भारतीयता. उनका संगीत पारंपरिक भारतीय रागों पर आधारित होता था, जो आम जनता के दिलों को छू जाता था. उन्होंने कभी ज़्यादा प्रयोगात्मक संगीत की ओर नहीं झुकाव दिखाया, बल्कि भारतीय परिवेश और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ी भावनाओं को स्वर दिया.
पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि
22 मई 2021 को लक्ष्मण (विजय पाटिल) का निधन हार्ट अटैक से हो गया. उनकी पुण्यतिथि पर आज पूरा संगीत जगत और फिल्म प्रेमी उन्हें याद कर रहे हैं. उनके योगदान को शब्दों में समेट पाना मुश्किल है, क्योंकि उनका संगीत सिर्फ सुनाई नहीं देता, वह महसूस होता है.
Music Director Ram Laxman Death Annivarsary
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