/mayapuri/media/media_files/2025/09/03/nandita-das-as-a-jury-in-busan-international-film-festival-2025-09-03-15-42-02.jpg)
ताजा खबर: भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास (Actor Nandita Das) ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है. इस बार उन्हें दक्षिण कोरिया के बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ( Busan International Film Festival) में सात सदस्यीय जूरी टीम का हिस्सा बनाया गया है. इस टीम का नेतृत्व मशहूर कोरियाई फिल्ममेकर ना होंग-जिन कर रहे हैं. यह घोषणा फिल्म जगत के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि नंदिता दास का नाम (nandita das news) उन भारतीय हस्तियों में शुमार हो गया है जो लगातार विश्व मंच पर अपनी अलग पहचान बना रही हैं.
जूरी टीम में नंदिता दास की अहम भूमिका
बुसान फिल्म फेस्टिवल एशिया के सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक माना जाता है. हर साल यहां दुनिया भर से बेहतरीन फिल्में प्रदर्शित होती हैं और पुरस्कार दिए जाते हैं. इस बार फेस्टिवल ने प्रतियोगिता सेक्शन के लिए सात सदस्यीय जूरी का गठन किया है. नंदिता दास ( nandita das age) इस पैनल में शामिल होकर उन फिल्मों का मूल्यांकन करेंगी, जिन्हें फेस्टिवल के समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा.फेस्टिवल के निदेशक जंग हानसोक ने कहा कि इस बार जूरी ( Nandita Das Jury)का आकार पांच से बढ़ाकर सात कर दिया गया है ताकि विचार-विमर्श का दायरा और व्यापक हो सके. उनका कहना था कि जूरी में शामिल किए गए सदस्यों की दृष्टि गहरी है और उनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव भी है.
नंदिता दास: अभिनय से निर्देशन तक का सफर
नंदिता दास (Nandita Das Family) भारतीय सिनेमा की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने अपने अभिनय और निर्देशन दोनों से दर्शकों का दिल जीता है. उन्होंने ‘फायर’, ‘अर्थ’, और ‘बवंडर’ जैसी दमदार फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाईं. 2008 में उन्होंने निर्देशन की ओर कदम बढ़ाते हुए फिल्म ‘फिराक’ बनाई, जिसे आलोचकों और दर्शकों दोनों ने खूब सराहा.इसके अलावा उनकी फिल्म (Nandita Das Movies) ‘मंटो’, जिसमें नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो की भूमिका निभाई थी, ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब प्रशंसा बटोरी. हाल ही में उनकी फिल्म ‘ज्विगैटो’ ने ओटीटी और फेस्टिवल्स में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नंदिता दास की पहचान
यह पहला मौका नहीं है जब नंदिता दास किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनी हों. इससे पहले भी वह कान फिल्म फेस्टिवल सहित कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में जूरी सदस्य के तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी हैं. उनकी फिल्मों और विचारों में हमेशा से सामाजिक सरोकार, मानवीय संवेदनाएं और यथार्थवादी मुद्दे झलकते रहे हैं, जो उन्हें अन्य फिल्मकारों से अलग बनाते हैं.
भारतीय सिनेमा के लिए गौरव
नंदिता दास का बुसान फिल्म फेस्टिवल की जूरी टीम में शामिल होना भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह न सिर्फ उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और फिल्मी विरासत को भी विश्व मंच पर और मजबूत करता है.
bollywood news | Entertainment News
FAQ
Q1. नंदिता दास कौन हैं?
नंदिता दास एक भारतीय अभिनेत्री, निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्हें ‘फायर’, ‘अर्थ’, ‘बवंडर’ जैसी फिल्मों में अभिनय और ‘फिराक’, ‘मंटो’, ‘ज्विगैटो’ जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है.
Q2. नंदिता दास का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
नंदिता दास का जन्म 7 नवंबर 1969 को दिल्ली, भारत में हुआ था.
Q3. नंदिता दास को बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में किस भूमिका के लिए चुना गया है?
उन्हें बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025 में 7 सदस्यीय जूरी टीम का हिस्सा बनाया गया है.
Q4. बुसान फिल्म फेस्टिवल क्या है?
बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (BIFF) एशिया के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवों में से एक है, जो हर साल दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में आयोजित होता है.
Q5. नंदिता दास को और किन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में आमंत्रित किया गया है?
नंदिता दास कान्स, बर्लिन और अन्य कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में जूरी सदस्य रह चुकी हैं.
Q6. नंदिता दास को बतौर निर्देशक कौन-कौन सी फिल्मों के लिए जाना जाता है?
उन्हें ‘फिराक’ (2008), ‘मंटो’ (2018) और ‘ज्विगैटो’ (2023) के निर्देशन के लिए खास पहचान मिली.
Q7. नंदिता दास की शिक्षा कहाँ हुई थी?
नंदिता दास ने दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और बाद में सोशल वर्क में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
Read More
Vivek Oberoi Birthday: स्टारडम से विवाद और फिर बिज़नेस टायकून बनने तक का सफर