मोहम्मद रफ़ी भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े और लोकप्रिय पार्श्व गायकों में से एक हैं. उनकी आवाज़ ने सिनेमा जगत के कई प्रमुख गीतों को अमर बना दिया है. रफ़ी ने अपनी गायकी से ना सिर्फ़ भारतीय संगीत को समृद्ध किया, बल्कि विभिन्न संगीतकारों, गीतकारों और गायकों के साथ मिलकर गीतों को जीवित भी किया. रफ़ी का योगदान ना सिर्फ़ गीतों के स्तर पर, बल्कि उनकी आवाज़ की विविधता और भावनाओं की गहराई में भी अद्वितीय है. रफ़ी ने अपने संगीत सफर में कई सहयोगी गायकों और गीतकारों और संगीतकारों के साथ काम किया गया था, जिनमें लता मंगेशकर, आशा भोसले, शमशाद बेगम सुमन कल्याणपुर, किशोर कुमार, मजरूह सुल्तानपुरी, आनंद बक्शी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, चित्रगुप्त और शंकर-जयकिश जैसे महान नाम शामिल हैं. आज हम इन्ही के बारे में विस्तार से जानेंगे. लता मंगेशकर मोहम्मद रफ़ी ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के साथ साझेदारी में लगभग 448 गीतों को अपनी आवाज दी है. उनके इन गीतों में शामिल कुछ गीत है- दो सितारों का ज़मीन पर है मिलन (कोहिनूर, 1960), तस्वीर तेरी दिल में (माया, 1961), देखो रूठा ना करो (तेरे घर के सामने, 1963), वो जब याद आये बहुत याद आये (पारसमणि, 1963), दिल पुकारे आरे आरे (ज्वेल थीफ़, 1967), वो हैं ज़रा ख़फ़ा ख़फ़ा (शागिर्द, 1967), झिलमिल सितारों का आंगन होगा (जीवन मृत्यु, 1970), चलो दिलदार चलो (पाकीज़ा, 1972), तेरी बिंदिया रे (अभिमान, 1973), बाबू मैनेजरा वे, हे बाबू मैनेजरा (आतिश, 1979), वादा करले साजना (हाथ की सफ़ाई, 1974). आशा भोसले आशा भोसले के साथ रफ़ी की साझेदारी अन्य सभी गायकों के साथ उनके सहयोग से कहीं अधिक थी. रफ़ी ने आशा भोसले के साथ 877 गीत गाए है. रफी और आशा के गाए कुछ गीत है- छुट जाना अरे बाबा कहां छुप गए, ढूंढते हैं रह जांगे, ऐसे तू कहीं ना छुप, जाना री बावरी मैं तो हूं पहले ही किसी का दीवाना, ये पर्दा हटा दो, ज़रा मुखड़ा दिखा दो, दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई, दुनिया कहती है हैप्पी बर्थडे टू यू, राज़ की बात कह दू तो, मेरे दिल से आकर लिपट, अभी ना जाओ छोड़कर, अच्छा जी मैं हारी, उड़ें जब-जब ज़ुलफ़ें तेरी, एक परदेसी मेरा दिल ले गया, चुरा लिया है तुमने जो दिल को, बाबा लू ओ बाबा लू चोर के ना जाना, तेरे पास आके मेरा वक़्त गुज़र जाता और चुड़ियां बाज़ार से मंगवा दे रे. सुमन कल्याणपुर महान गायक मोहम्मद रफ़ी ने सुमन कल्याणपुर के साथ भी कई गाने गाए है. जिसमें से प्रमुख है- आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे, ना-ना करते प्यार, तुम रूठो ना हसीना, रहे ना रहे हम, परबतें के पेड़ों पर शाम का बसेरा, ये पर्वर्तों के दयारे, अजहुना आए बलमा, तुमने पुकारा और हम चले आये, दिल ने फिर याद किया, तुझको दिलदारी की कसम और चांद तकता है इधर. शमशाद बेगम मोहम्मद रफ़ी और शमशाद बेगम ने साथ में कई गाने गाए है, जिसमें से कुछ है- दास मेरिया दिलवरवे, तेरी मेरी इक ज़िन्दगी, रब ना करे, कभी आर कभी पार, लेके पहला पहला प्यार, आख लड़ी वे लड़ी, रब ना करे, रेशमी सलवार कुरता, शर्माए काहे और गुन गुना रहे है. किशोर कुमार अजब है दास्तां तेरी ऐ जिंदगी (शरारत,1959), ले लो सोने का लड्डू (पैसा ही पैसा, 1956) इसके अलावा रफी ने ढल गया दिन, रूप तेरा मस्ताना और दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा को भी अपनी आवाज दी है. लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल संगीत सम्राट मोहम्मद रफ़ी ने संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लिए लगभग 383 गाने गाए है. जिनमें से कुछ गाने इस प्रकार है- चाहूंगा मैं तूझे सांझ सवेरे, मेरा तो जो भी कदम है, बाग में फूल किस ने खिलाये हैं, बड़ी बेवफा है ये हुस्नवाले, पत्ता पत्ता बूटा बूटा, ये रेशमी ज़ुल्फ़ें, ये खिड़की जो बन्द रहती है, खिलौना जानकर, वो जब याद आए, एक तेरा साथ, बड़ी मस्तानी है, मस्त बहारो का मैं आशिक़, दिल कहे रुक जा, जो उनकी तमन्ना है और ये जो चिलमन है. शंकर-जयकिशन मोहम्मद रफ़ी ने शंकर-जयकिशन के लिए 356 गीत गाए है. जिसमें से प्रमुख है- अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो (एन ईवनिंग इन पेरिस, 1967), तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को (ससुराल), पहले मिले थे सपनों में, लिखे जो ख़त तुझे, चाहे कोई मुझे जंगली कहे, ये मेरा प्रेम पत्र, धीरे-धीरे चल और बहारों फूल बरसाओ. चित्रगुप्त वहीँ महान गायक मोहम्मद रफ़ी ने चित्रगुप्त के लिए 257 गीत लिखे गाए है. जिनमें से कुछ है- बाज़ी ऐसी आन फाँसी (इंसाफ, 1956), चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना (भाभी, 1957), तेरी दुनिया से दूर चले होके मजबूर हमें याद रखना (जाबक, 1961) और ये पर्बतों के किनारे, ये शाम का धुआं (वासना, 1968). मजरूह सुल्तानपुरी मोहम्मद रफ़ी ने मजरूह सुल्तानपुरी के साथ 382 गाने गाए है. जिनमें से कुछ गाने हैं- लागी छूटे ना अब तो सनम, चाहे जाए जिया तेरी कसम (काली टोपी लाल रुमाल (1959), मोरी कलइया सुकुवार हो, चूभ जाला कंगनवा (लागी नहीं छूटे राम) और जाग दिल-ए-दीवाना रुत जगेगी वस्ल-ए-यार की (ऊँचे लोग, 1965). आनंद बक्शी मोहम्मद रफ़ी ने आनंद बक्शी के 372 गानों को अपनी आवाज दी है. जिनमें से कुछ गाने है- हाय रे हाय, यहाँ मैं अजनबी हूँ, आजा तेरी याद आए, ओ मेरी महबूबा, दर्द ए दिल दर्द ए जिगर, सावन का महीना, इतना तो याद है मुझे और बार बार दिन ये आए. इसके अलावा कुछ ऐसे अभिनेता है जिनके लिए मोहम्मद रफ़ी ने बड़ी संख्या में गाने गाए है. जिसमें शामिल है- शम्मी कपूर 190, जॉनी वालकर 155, शशि कपूर 129 , राजेन्द्र कुमार 112, धर्मेन्द्र 109, जितेन्द्र व देव आनन्द 100, महमूद 85, भरत भूषण 80 और दिलीप कुमार 77. मोहम्मद रफ़ी एक ऐसे कलाकार है जिन्होंने अपने जमाने के लगभग सभी संगीतकारों और गीतकारों के साथ काम किया है. इनमें नौशाद, ओ पी नय्यर, आर डी बर्मन और रवि रोशन जैसे कई नाम शामिल है. साभार- CNN IBN By- Priyanka yadav Read More सिद्धार्थ मल्होत्रा और जान्हवी कपूर की Param Sundari इस दिन होगी रिलीज पीएम मोदी समेत इन स्टार्स ने Shyam Benegal को दी श्रद्धांजलि दिग्गज निर्देशक Shyam 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