श्रीराम लागू: रंगमंच के नटसम्राट की अनसुनी दास्तान ताजा खबर:भारतीय रंगमंच और सिनेमा के महान कलाकार श्रीराम लागू का नाम उस चमकते सितारे के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने अभिनय में एक नई परिभाषा लिखी By Preeti Shukla 16 Nov 2024 in ताजा खबर New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर ताजा खबर:भारतीय रंगमंच और सिनेमा के महान कलाकार श्रीराम लागू का नाम उस चमकते सितारे के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने अभिनय में एक नई परिभाषा लिखी. उनका जन्म 16 नवंबर 1927 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था. अभिनय की दुनिया में आने से पहले वह एक सफल डॉक्टर भी थे, लेकिन कला और मंच के प्रति उनका प्रेम उन्हें अभिनय की ओर खींच लाया. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा श्रीराम लागू ने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पुणे के बी.जे. मेडिकल कॉलेज से की. मेडिकल के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने विदेश में भी काम किया. लेकिन उनका झुकाव हमेशा से अभिनय की ओर रहा। इसी जुनून ने उन्हें डॉक्टर से अभिनेता बना दिया. अभिनय का सफर श्रीराम लागू ने मराठी और हिंदी रंगमंच पर अनगिनत यादगार भूमिकाएं निभाईं. उनका नाटक "नटसम्राट" मराठी थिएटर का मील का पत्थर है. इसमें उन्होंने एक बुजुर्ग अभिनेता गणपतराव बेलवलकर का किरदार निभाया, जो कला और जीवन की जद्दोजहद को दर्शाता है. इसके अलावा, उन्होंने फिल्मों में भी अपने अभिनय का जादू बिखेरा. उनकी हिंदी फिल्मों में "घरौंदा" और "लावारिस" जैसे नाम प्रमुख हैं. डॉक्टर से अभिनेता बनने का सफर श्रीराम लागू की डॉक्टरी की प्रैक्टिस विदेश में खूब चल रही थी, लेकिन एक दिन उन्होंने इसे छोड़कर पूरी तरह से रंगमंच में कदम रखने का फैसला किया. उनके इस निर्णय ने उनके दोस्तों और परिवार को हैरान कर दिया. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मेरा असली इलाज तो मंच पर होता है."एक बार दिलीप कुमार ने खुद स्वीकार किया था कि श्रीराम लागू की संवाद अदायगी और भावनाओं की गहराई में उन्हें हमेशा चुनौती महसूस होती थी. नटसम्राट के साथ गहरा रिश्ता "नटसम्राट" के एक शो के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी, लेकिन उन्होंने शो को पूरा किया। बाद में पता चला कि उन्हें हल्का हार्ट अटैक हुआ था.इसके बावजूद, वे मंच पर डटे रहे.श्रीराम लागू के करीबी दोस्त अमोल पालेकर ने बताया कि वे एक बेहतरीन शेफ थे. शूटिंग के दौरान वे अक्सर अपने साथियों के लिए खाना बनाते थे. श्रीराम लागू ने अपने अभिनय से मराठी और हिंदी सिनेमा में गहरी छाप छोड़ी. उनकी कुछ मशहूर फिल्मों के बारे में जानिए: 1. घरौंदा (1977) इस फिल्म में श्रीराम लागू ने एक अमीर और चालाक व्यवसायी का किरदार निभाया, जो प्रेम कहानी के बीच बाधा बनता है. उनकी गहराई और संवाद अदायगी ने इस किरदार को यादगार बना दिया. 2. एक दिन अचानक (1989) यह फिल्म एक पिता के अचानक लापता हो जाने की कहानी पर आधारित थी. इसमें श्रीराम लागू का किरदार भावनात्मक और रहस्यमय था, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखता है. 3. लावारिस (1981) अमिताभ बच्चन की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में श्रीराम लागू ने उनके पिता का किरदार निभाया. "मेरे अंगने में" गाने के लिए चर्चित इस फिल्म में उनकी अदाकारी ने कहानी को मजबूती दी. 4. मुकद्दर का सिकंदर (1978) इस सुपरहिट फिल्म में उन्होंने अमिताभ बच्चन के डॉक्टर का किरदार निभाया, जो फिल्म की कहानी के भावनात्मक पहलुओं को बढ़ाता है. 5. सौदागर (1973) यह फिल्म एक ईमानदार और आदर्शवादी व्यक्ति की कहानी है, जिसमें श्रीराम लागू का किरदार समाज की सच्चाई को उजागर करता है. 6. समय की धारा (1986) इस फिल्म में उन्होंने एक सहायक किरदार निभाया, जो कहानी को नई दिशा देता है. यह फिल्म उनके विविध अभिनय कौशल को दर्शाती है. 7. पिंजरा (1972) (मराठी) यह फिल्म श्रीराम लागू की सबसे प्रसिद्ध मराठी फिल्मों में से एक है. इसमें एक आदर्शवादी शिक्षक की कहानी है, जो एक नाचने वाली के प्यार में पड़ जाता है Read More HBD चित्रगुप्त: संगीत की सादगी और भारतीयता का अमर प्रतीक Race 4 के लिए ये सैफ और सिद्धार्थ के साथ ये एक्ट्रेस होंगी कास्ट? राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर क्यों दुखी हुए थे अल्लू अर्जुन दिशा पटानी के पिता से नौकरी के नाम पर 25 लाख की ठगी, मामला दर्ज #shreeram lagoo हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article