अपने दौर में सिनेमा जगत के रूमानियत और फैशन आइकन रहे महशूर अभिनेता देव आनंद को लेकर यूं तो कई किस्से मशहूर है, लेकिन एक ऐसा किस्सा है जो कि फैशन सेंस से जुड़ा है. दरअसल देव आनंद साहब ने अपनी किसी भी फिल्म में कभी अपनी शर्ट का ऊपरी बटन नहीं खोला था. अक्सर लोग ये सोचकर उनकी फिल्में देखने जाया करते थे कि हो सकता है इस बार उनकी शर्ट का ये बटन खुल जाए, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ.
धीरे-धीरे लोगों को उनका यह अंदाज पसंद आने लगा और यही उनका स्टाइल स्टेटमेंट बन गया. उनके चाहने वाले उनके जैसा दिखने के लिए उनकी नकल करने लगे. लेकिन देव आनंद साहब तक पहुंचना कहाँ किसी के लिए आसान था.
एक और बात यह है कि लोगों के लिए जो स्टाइल था वह देव आनंद के लिए कम्फर्ट जोन का काम करता था. दरअसल शर्ट के सारे बटन बन्द करने की आदत उन्हें बचपन से ही थी. दूसरे उन्हें अपनी बॉडी को लेकर एक कॉम्पलेक्स सा था. उन्हें लगता था कि उनका चेहरा तो ठीक-ठाक थे, पर मसल्स बिल्क़ुल नहीं थे. इसी वजह से वो हमेशा अपनी बॉडी को पूरा कवर किया करते थे.
इसका खुलासा खुद उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘रोमांसिंग विद लाइफ’ में किया है. अपनी इस किताब में उन्होंने लिखा है- “मैं जानता हूँ कि मेरा चेहरा तो ठीक-ठाक था, लेकिन शरीर में मसल्स बिल्कुल नहीं थे.”
सिनेमा के हर दिल अजीज देव आनंद एक ऐसे स्टार थे, जिन्होंने कई सालों तक लोगों के दिलों पर न सिर्फ अपनी अभिनय कला बल्कि प्रेजेंस से भी राज किया किया. इसके बारे में एक बार उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि वो सिनेमा के लिए ताउम्र जवान रहेंगे. उनकी यह बात सही भी है, वो अपनी उम्र के 88 साल तक ‘यूथ आइकन’ बने रहे. इतना ही नहीं उन्होंने अपने फिल्मी करियर में तीन पीढ़ियों की हिरोइनों के साथ काम किया था. जिसमें जीनत अमान से लेकर तब्बू, टीना मुनीम, जरीना वहाब, ऋचा शर्मा और दिव्या दत्ता शामिल है.
देव आनंद की कुछ लोकप्रिय फिल्में
देव आनंद साहब की फिल्मों की बात करे तो उन्होंने अपने अभिनय सफ़र में ज़िद्दी (1948), बाजी (1951), जाल (1952), टैक्सी ड्राइवर (1954), इंसानियत (1955), मुनीमजी (1955), पॉकेट मार (1956), फंटूश (1956), सीआईडी (1956), पेइंग गेस्ट (1957), काला पानी (1958), मंजिल (1960), जब प्यार किसी से होता है (1961), हम दोनों (1961), तेरे घर के सामने (1963), गाइड (1965), ज्वेल थीफ (1967), जॉनी मेरा नाम (1970), हरे रामा हरे कृष्णा (1971) , बनारसी बाबू (1973), हीरा पन्ना (1973), अमीर ग़रीब (1974), वारंट (1975), देस परदेस (1978), लूटमार (1980), हम नौजवान (1985), लश्कर (1989) और चार्जशीट (2011) जैसी फिल्में की है.
By Priyanka Yadav
Read More
मुरलीकांत राजाराम पेटकर के अर्जुन अवॉर्ड पर कार्तिक ने दी प्रतिक्रिया
Shah Rukh Khan ने सॉफ्ट ड्रिंक विज्ञापन को लेकर कही थी ये बात
PM Modi ने Diljit Dosanjh को दिल-लुमिनाटी टूर की सफलता पर दी बधाई
Vidya Balan Birthday Special: एक्ट्रेस की पुरस्कार विजेता फिल्में