बोनी कपूर और दिवंगत श्रीदेवी की प्रेम कहानी तो सभी जानते हैं. आज भी लोग उनकी जोड़ी को खूब पसंद करते हैं और उनका प्यार हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. इस बीच निर्माता बोनी कपूर ने उन जटिल परिस्थितियों के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने अभिनेत्री श्रीदेवी को प्रपोज किया था.
जब बोनी कपूर ने श्रीदेवी को किया था प्रपोज
दरअसल, अपने लेटेस्ट इंटरव्यू के दौरान निर्माता बोनी कपूर ने उन कठिन परिस्थितियों के बारे में बताया जिनमें उन्होंने श्रीदेवी को प्रपोज किया था और कैसे शुरुआत में इसका उन पर प्रतिकूल असर पड़ा था. उन्होंने कहा, "मैं उनसे प्यार करता था, मैं उनसे प्यार करता हूँ और मैं मरते दम तक उनसे प्यार करता रहूंगा. मुझे उन्हें मनाने में चार-पाँच-छह साल लग गए. जब मैंने उन्हें प्रपोज किया, तो उन्होंने मुझसे छह महीने तक बात नहीं की. उसने कहा, ‘तुम शादीशुदा हो और तुम्हारे दो बच्चे हैं, तुम मुझसे इस तरह कैसे बात कर सकते हो?’ लेकिन मैंने वही कहा जो मेरे दिल में था और किस्मत ने मेरा साथ दिया”.
"मैं पहले से ही शादीशुदा था लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं छिपाया"- बोनी कपूर
वहीं बोनी कपूर ने इस बारे में भी बात की कि कैसे लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते समय के साथ विकसित होते हैं. निर्माता ने शेयर किया कि, "एक जोड़े के बीच हर गुजरते साल के साथ समझ बढ़नी चाहिए. बिना किसी मतभेद के प्यार भरे रिश्ते लंबे समय तक नहीं चलते. कोई भी व्यक्ति परिपूर्ण नहीं होता. मैं परिपूर्ण नहीं था. मैं पहले से ही शादीशुदा था लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं छिपाया. (मोना) अंत तक मेरी दोस्त रही. अपने साथी के प्रति ईमानदार होना हमेशा बेहतर होता है, और इसी तरह, आपको अपने बच्चों के प्रति भी ईमानदार होना चाहिए. मैं अपने बच्चों का दोस्त हूं मैं अपने बच्चों की मां हूं मैं अपने बच्चों का पिता हूं". बोनी ने कहा कि सात साल बाद ही लोग यह बताना शुरू करते हैं कि वे हकीकत में कौन हैं. "रिश्ते तभी सफल होते हैं जब आप अपने साथी और अपने बच्चों के साथ पारदर्शी होते हैं. कोई दिखावा नहीं होना चाहिए".
अर्जुन कपूर ने कही थी ये बात
इसके साथ- साथ एक इंटरव्यू में बोनी कपूर के बेटे, अर्जुन कपूर ने अपने जीवन के उस 'दुखद' दौर को याद किया जब बोनी और मोना अलग हो गए थे. एक्टर ने शएयर किया, "जब मैं 10 साल का था तब मेरे माता-पिता अलग हो गए. यह कुछ ऐसा था, जिसने उस समय मुझे नहीं लगा कि यह मुझे आकार देगा और मेरे जीवन की दिशा पूरी तरह से बदल देगा क्योंकि मैं वास्तविक समय में इससे निपट रहा था. लेकिन जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो बहुत सी चीजें हैं. उदाहरण के लिए, मेरे पिता दो बड़ी फिल्में बनाने में व्यस्त थे जब यह हो रहा था. वह प्रेम और रूप की रानी चोरो का राजा बना रहे थे. उन पर उन फिल्मों को पूरा करने और उन्हें रिलीज करने का बहुत दबाव था. इसलिए, हमारे बीच कभी भी सामान्य पिता-पुत्र का रिश्ता नहीं रहा, जहां वह मुझे लेने या छोड़ने के लिए स्कूल आते. ऐसा नहीं है कि उन्होंने कोशिश नहीं की, लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया, और फिर गलती भी हो गई. जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं तो यह थोड़ा दुखद होता है".
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