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Teachers Day 2025: आज यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day movie) मनाया जा रहा है. भारत में हर साल आज का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह शिक्षकों और अपने छात्रों के जीवन को आकार देने में उनकी भूमिका को समर्पित दिन है. वहीं बॉलीवुड (Bollywood) में हर साल अलग-अलग विषयों पर फिल्में बनती हैं. इसी क्रम में बॉलीवुड में शिक्षक के महत्व और छात्रों के साथ शिक्षकों के संबंध को बताने वाली कई फिल्में (Teachers Day Bollywood film) बनी हैं. नीचे देखिए उन बॉलीवुड फिल्मों की लिस्ट.
चक दे इंडिया
शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की हॉकी पर आधारित मशहूर फिल्म 'चक दे इंडिया' 10 अगस्त 2007 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. 2007 में आई शाह रुख खान की यह फिल्म विश्व कप जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की कहानी है. (Teachers Day latest Bollywood movie) इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक अंडरडॉग टीम गोल्ड मेडल विजेता बनती है.
'तारे जमीन पर'
साल 2009 में रिलीज हुई आमिर खान (Aamir Khan) की सुपरहिट फिल्म 'तारे जमीन पर' एक छात्र की लाइफ में एक शिक्षक के महत्व को बेहतरीन तरीके से दर्शाती है. फिल्म डिस्लेक्सिया से पीड़ित एक बच्चे की कहानी है. वहीं, यह फिल्म (Bollywood Films to Celebrate Teachers Day) साबित करती है कि माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही बच्चों को बेहतर ढंग से समझता है.2007 में रिलीज हुई इस फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों ने समान रूप से सराहा.
पाठशाला (2010)
शाहिद कपूर, नाना पाटेकर और आयशा टाकिया की शानदार फिल्म 'पाठशाला' शिक्षक और छात्र के बीच के खास रिश्ते पर आधारित है. फिल्म में शाहिद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जाकर बच्चों की मदद करते हैं.
हिचकी
साल 2018 में रिलीज हुई रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) की फिल्म 'हिचकी' एक टीचर के संघर्ष को दर्शाने वाली बेहतरीन फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में रानी मुखर्जी अभिनीत , हिचकी अपने छात्रों के साथ जुड़ने और उन्हें अपनी चुनौतियों से उबरने में मदद करने के उनके प्रयासों की पड़ताल करती है. रानी ने टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित एक शिक्षिका की भूमिका निभाई, जो वंचित छात्रों की एक कक्षा को पढ़ाने की चुनौती लेती है.
सुपर 30 (2019)
12 जुलाई 2019 को विकास बहल शिक्षक-छात्र के रिश्ते पर आधारित फिल्म 'सुपर 30' लेकर आए. यह फिल्म आनंद कुमार की जीवनी थी और इसमें ऋतिक रोशन ने शिक्षक की भूमिका निभाई थी. फिल्म में शिक्षा के महत्व को बखूबी दिखाया गया था. फिल्म में बताया गया था कि कड़ी मेहनत से कहीं से भी प्रतिभा को निखारा जा सकता है.
परिचय (1972)
इस फिल्म में जितेंद्र ने एक ऐसे टीचर का किरदार निभाया था, जिनके छात्र बहुत बदतमीज थे. हमेशा अपने टीचर को परेशान करने की कोशिश करने वाले बच्चों को प्यार से किस तरह सही रास्ते पर लाया जाता है, इस फिल्म में यही दिखाया गया है.
सर (1993)
नसीरुद्दीन शाह ने इस फिल्म में एक जिंदादिल शिक्षक की भूमिका निभायी थी. फिल्म में दिखाया गया है कि वो किस तरह बुरे समय में अपने स्टूडेंट्स पूजा भट्ट और अतुल अग्निहोत्री की एक दोस्त की तरह मदद करते हैं.
रॉकफोर्ड (1999)
नागेश कुकनूर की यह फिल्म एक किशोर की कहानी है जो एक स्कूल हॉस्टल में सैकड़ों छात्रों के बीच खुद को हारा हुआ महसूस करता है. ऐसे में उसे मिलता है ऐसा शिक्षक, जो उसका हौसला बुलंद करता है.
मोहब्बतें (2000)
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक सख्त और अनुशासनप्रिय कॉलेज प्रिंसिपल का किरदार निभाया था. इसी कॉलेज में शाहरुख खान की एक ऐसे म्यूजिक टीचर के रूप में एंट्री होती है, जो बच्चों को खुलकर जिंदगी जीना सिखलाता है.
इकबाल (2005)
इस फिल्म में श्रेयस तलपड़े एक ऐसे किशोर के किरदार में थे, जो बॉलिंग सीखकर क्रिकेट के क्षेत्र में कुछ कर दिखाना चाहता था. इस जूझारू बच्चे को नसीरुद्दीन शाह के रूप में बॉलिंग कोच मिलता है जो उसे मंजिल तक पहुंचने में मदद करता है.
ब्लैक (2005)
इस फिल्म में एक संवेदनशील शिक्षक की कहानी दिखायी गयी है, जो अंधी और मूक-बधिर लड़की की मदद करता है. शिक्षक और शिष्य किस हद तक अपनी भावनाओं को साझा करते हैं, यह इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. शिक्षक की भूमिका में अमिताभ बच्चन थे और उनकी शिष्या बनी थीं रानी मुखर्जी.
नील बट्टे सन्नाटा (2017)
इस फिल्म में टीचर और स्टूडेंट में नहीं बल्कि माँ चंदा और उसकी बेटी अपेक्षा की कहानी है जो चाहती है की अपेक्षा पढ़ लिख कर कुछ बन जाए, लेकिन अपेक्षा का मन पढ़ाई में नहीं लगता. चंदा उसे डांटती है तो वह कहती है कि जब डॉक्टर की संतान डॉक्टर बनती है तो बाई की बेटी भी बाई बनेगी. यह सुन चंदा के पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाती है, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारती. अपेक्षा को गणित से डर लगता है. यह जान कर चंदा भी उसकी कक्षा में दाखिला ले लेती है. अपेक्षा को छोड़ कोई भी नहीं जानता कि चंदा ही अपेक्षा की मां है. चंदा गणित सीखती है ताकि वह अपेक्षा को सीखा सके, लेकिन चंदा के इस कदम से अपेक्षा बेहद नाराज हो जाती है. आखिर में उसे अपनी गलती का अहसास होता है और वह पढ़ाई में मन लगाती है. इस फिल्म से आपको जरुर अपनी माँ की याद आएगी जो बचपन में आपको पढ़ने में हमेशा मदद करती थी जो आपकी लाइफ की टीचर है.
5. स्टैनली का डब्बा (2011)
यह कहानी है स्टैलनी की. स्टैलनी अपने स्कूल में सबसे होनहार छात्र है. उसे स्कूल के सभी टीचर प्यार करते हैं. वह कहानी कहने व कविताएं बनाने में भी उस्ताद है. उसकी एक टीम भी है. जिसके दोस्त उसे बेहद प्यार करते हैं. स्टैलनी अच्छा गाता है, अच्छा डांस करता है और अच्छी कविताएं भी बनाता है. अपनी हरकतों से ही वह औरों से अलग है. सभी टीचर्स उसकी कविताएँ पसंद करते रहत है इन्हीं शिक्षकों में से एक है वर्माजी. वर्माजी को दूसरों का डब्बा खाने की बुरी लत है. वे खुद दूसरों का डब्बा खाते हैं लेकिन स्टैलनी के डब्बे न लाने की वजह से वे उसे बातें सुनाते हैं और स्कूल से बाहर निकाल देते हैं. किन परेशानियों का सामना करने के बाद स्टैनली की जीत होती है. इस फिल्म से आपको भी अपने उस स्कूल टीचर की याद आएगी जो आपकी माँ के हाथ के खाने की तारीफ़ करते थे. क्यूँ है
6.'रॉकफोर्ड' (1999)/mayapuri/media/post_attachments/0445f721c73ddac7e3a26d17f1aa26b64128bc93fdae1021ebd4608717653ec4.jpg)
निर्देशक नागेश कुकनूर की यह फिल्म एक किशोर की कहानी है जो एक आवसीय विद्यालय में सैकड़ों छात्रों के बीच खुद को हारा हुआ महसूस करता है. उसकी दोस्ती एक शिक्षक से होती है. फिल्म में दिखाया गया है कि शिक्षक और शिष्य के अच्छे संबंधों से शिष्य का हौसला किस कदर बुलंद होता है.
7. चाक एंड डस्टर
फिल्म में मुंबई के कांता बेन हाई स्कूल की कहानी दिखाई गई है. इस स्कूल को चलाने वाली ट्रस्टी कमिटी का हेड अनमोल पारिक (आर्य बब्बर) इसे शहर का नंबर वन और ऐसा स्कूल बनाना चाहता है, जहां सिलेब्रिटीज तक के बच्चे भी पढ़ने के लिए आएं. इसीलिए अनमोल काबिल औैर अनुभवी प्रिसिंपल भारती शर्मा (जरीना वहाब) को बर्खास्त कर यंग वाइस प्रिसिंपल कामिनी गुप्ता (दिव्या दत्ता) को नई प्रिसिंपल बनाता है. कामिनी अनुभवी टीचरों को प्रताड़ित करने में लग जाती है. स्कूल की सीनियर मैथ्स टीचर विधा सावंत (शबाना आजमी) और साइंस टीचर ज्योति (जूही चावला) प्रिसिंपल की इस तानाशाही और काबिल टीचर्स का हैरसमेंट करने की नीतियों का विरोध करती हैं, तो कामिनी सबसे पहले विधा को नाकाबिल करार देकर नौकरी से बर्खास्त कर देती है. विधा को स्कूल में हार्ट अटैक पड़ जाता है और उसे अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराना पड़ता है. ऐसे में ज्योति एक टीवी चैनल की रिपोर्टर भैरवी ठक्कर (रिचा चड्ढा) के साथ मिलकर टीचर्स के सम्मान और विधा को उसका हक वापस दिलाने की लड़ाई लड़ती है.
Frequently Asked Questions (FAQ)
1. शिक्षक दिवस पर कौन सी बॉलीवुड फिल्में देखनी चाहिए जो शिक्षकों की प्रेरणा को दर्शाती हों?
उत्तर: शिक्षक दिवस पर आप निम्नलिखित प्रेरणादायक बॉलीवुड फिल्में देख सकते हैं: तारे ज़मीन पर (2007): आमिर खान अभिनीत यह फिल्म एक डिस्लेक्सिक बच्चे और उसके समझदार शिक्षक की कहानी है.
सुपर 30 (2019): हृतिक रोशन द्वारा निभाई गई गणितज्ञ आनंद कुमार की वास्तविक कहानी, जो वंचित छात्रों को IIT प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार करते हैं.
हिचकी (2018): रानी मुखर्जी की यह फिल्म टॉरेट सिंड्रोम से जूझ रही एक शिक्षिका की कहानी है, जो अपने छात्रों को प्रेरित करती है.
ब्लैक (2005): अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी अभिनीत यह फिल्म एक शिक्षक और उसकी नेत्रहीन-बधिर छात्रा के रिश्ते को दर्शाती है.
चक दे! इंडिया (2007): शाहरुख खान की यह फिल्म एक कोच की कहानी है, जो महिला हॉकी टीम को विश्व चैंपियन बनाता है.
2. ये फिल्में शिक्षक दिवस के लिए क्यों उपयुक्त हैं?
उत्तर: ये फिल्में शिक्षक-छात्र के रिश्ते, समर्पण, और शिक्षा के महत्व को दर्शाती हैं. ये कहानियाँ शिक्षकों के प्रेरणादायक योगदान को उजागर करती हैं, जो न केवल कक्षा में बल्कि जीवन में भी मार्गदर्शन करते हैं.3. क्या इन फिल्मों में कोई वास्तविक कहानियों पर आधारित फिल्म है?
उत्तर: हाँ, कुछ फिल्में वास्तविक कहानियों से प्रेरित हैं: सुपर 30: गणितज्ञ आनंद कुमार की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित.
हिचकी: शिक्षक ब्रैड कोहेन के टॉरेट सिंड्रोम से जूझने की कहानी से प्रेरित.
चक दे! इंडिया: भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रेरणा से बनी.
4. इन फिल्मों को कहाँ स्ट्रीम किया जा सकता है?
उत्तर: इन फिल्मों को निम्नलिखित प्लेटफॉर्म्स पर देखा जा सकता है: तारे ज़मीन पर: JioHotstar
सुपर 30: JioHotstar
हिचकी: Prime Video
ब्लैक: उपलब्धता के लिए Netflix या अन्य OTT प्लेटफॉर्म्स चेक करें.
चक दे! इंडिया: उपलब्धता के लिए Prime Video या JioHotstar चेक करें.
5. क्या ये फिल्में बच्चों के लिए उपयुक्त हैं?
उत्तर: अधिकांश फिल्में जैसे तारे ज़मीन पर, हिचकी, और चक दे! इंडिया बच्चों के लिए उपयुक्त हैं, क्योंकि ये प्रेरणादायक और पारिवारिक कहानियाँ हैं. हालांकि, ब्लैक जैसी फिल्में गंभीर विषयों के कारण थोड़ी भारी हो सकती हैं, इसलिए माता-पिता को पहले देख लेना चाहिए.
6. इन फिल्मों से शिक्षक दिवस के लिए क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: ये फिल्में दर्शाती हैं कि शिक्षक न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास, सपनों, और जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये फिल्में धैर्य, करुणा, और समर्पण के महत्व को उजागर करती हैं.
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