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कारगिल युद्ध में ‘क्यूआरटी’ टीम का हिस्सा रहा ‘वनवास’ का यह अभिनेता

ताजा खबर: पारिवारिक फिल्म ‘वनवास’ में नज़र आने वाले लोकप्रिय अभिनेता नाना पाटेकर ने अपनी ज़िन्दगी का एक ऐसा किस्सा दर्शकों के साथ साझा किया, जिसे शायद ही कोई जानता हो.

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By Mayapuri Desk
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nana pateker
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नाना पाटेकर ने फिल्मों में अपनी जबरदस्त एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता है, लेकिन वह सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री तक ही सीमित नहीं है. नाना ने अपने जीवन में कई और अहम भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें से एक है- भारतीय सेना में उनके द्वारा दी गई सेवा.  

नाना पाटेकर ने खुद किया खुलासा 

लोकप्रिय अभिनेता नाना पाटेकर ने इसका खुलासा खुद अमिताभ बच्चन के शो 'कौन बनेगा करोड़पति 16'  में किया. शो में उन्होंने अपना एक सैन्य अनुभव साझा किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे वह कश्मीर में भारतीय सेना के साथ गए, वह भी तब जब कारगिल युद्ध हो रहा था. नाना ने बताया कि पहले उन्हें इस क्षेत्र में शामिल होने की इजाजत नहीं मिली थी, क्योंकि एक आम नागरिक के लिए सैन्य क्षेत्र में प्रवेश करना मुमकिन नहीं था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और भारतीय रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस से संपर्क किया. फर्नांडीस ने पहले तो उन्हें मना किया,  लेकिन नाना पाटेकर ने जब उन्हें एक ख़ास बात बताई तब उन्होंने नाना को विशेष अनुमति दे दी.

शो में नाना पाटेकर ने कहा, “मैंने ‘प्रहार’ फिल्म बनाते हुए तीन साल तक मराठा लाइट इन्फ़ैंट्री के साथ सेना में ट्रेनिंग ली है. उस समय मैं लिखता भी था. वहां से आने के बाद ही मैंने  ‘प्रहार’ बनाई. कारगिल युद्ध के दौरान मैंने वहां जाने की कोशिश की. लेकिन मुझे कहा गया कि उस क्षेत्र में आप नहीं जा सकते. मैंने पूछा की मुझे कौन अनुमति दे सकता है. तब मुझे बताया गया कि रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस से बात करें. तब मैंने जॉर्ज फर्नांडीस से बात की, लेकिन उन्होंने भी मुझे यही कहा कि नाना आप वहां नहीं जा सकते. इसके बाद मैंने उन्हें बताया कि ट्रेनिग तो 6 महीने की होती है, मैंने तो तीन साल तक मराठा लाइट इन्फ़ैंट्री के साथ सेना में ट्रेनिंग ली है. उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको कब जाना है, मैंने कहा आज. इसके बाद उसी दिन मुझे कश्मीर ले जाया गया और मैं श्रीनगर जाकर उतरा.”

इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि जब मैं वहां गया था तब मेरा वजन 76 किलो था, लेकिन जब 60 दिनों के बाद मैं वहां से वापस लौटा तो मेरा वजन 56 किलो था. साथ ही उन्होंने बताया कि मैं वहां क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन) टीम का हिस्सा बना था. हमारे हाथ में AK 47 थमा दी जाती थी. हम सब को अलग-अलग दिशा में देखने के लिए कहा जाता था और हम बस उसी तरफ देखते थे. 

नाना पाटेकर के फ़िल्मी सफ़र की बात करे तो उन्होंने फिल्म  'गमन से सिनेमा जगत में कदम रखा था. इसके बाद उन्होंने परिंदा, तिरंगा,  क्रांतिवीर,  खामोशी, यशवंत,  प्रहार, अब तक छप्‍पन,  अपहरण, वेलकम,  राजनीति, अंगार, अग्नि साक्षी, खामोशी: द म्यूज़िकल, शक्ति: द पावर, नटसम्राट  (मराठी), वेलकम बैक,  शागिर्द,  पाठशाला,  टैक्सी नम्बर 9211, ब्लफ़ मास्टर,  भूत,  आँच,  डरना मना है,  ग़ुलाम-ए-मुस्तफा,  हम दोनों,   सलाम बॉम्बे,  आवाज,  प्रतिघात,  मोहरे,  सूत्रधार,  गिद्ध,  वेडिंग ऐनवर्सरी, द वैक्सीन वॉर और वनवास जैसी कई फ़िल्में की हैं. 

By- Priyanka Yadav

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