ताजा खबर:उषा मंगेशकर, भारतीय संगीत की दुनिया का एक ऐसा नाम हैं जिनकी आवाज़ ने दशकों तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है. 15 दिसंबर 1935 को जन्मीं उषा मंगेशकर का नाम भारतीय फिल्म संगीत के स्वर्ण युग से जुड़ा हुआ है. लता मंगेशकर और आशा भोसले जैसी महान बहनों के साथ एक ही परिवार में जन्म लेने के बावजूद, उषा मंगेशकर ने अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाई. उनका गायन न केवल मधुर है बल्कि उनकी आवाज़ में एक अनूठा जादू है. बचपन और संगीत में रुचि उषा मंगेशकर का जन्म महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था. मंगेशकर परिवार शुरू से ही संगीत से जुड़ा हुआ था. उनके पिता, दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और थिएटर कलाकार थे. उषा मंगेशकर ने बचपन से ही अपने परिवार से संगीत सीखा. लता मंगेशकर और आशा भोसले जैसी बहनों के सान्निध्य में उन्होंने गायन की बारीकियां समझीं. गायन करियर की शुरुआत उषा मंगेशकर ने अपने करियर की शुरुआत 1950 के दशक में की. उनकी पहली बड़ी सफलता फिल्म सुभाष चंद्र (1959) के गीतों से मिली. हालांकि, उनकी सबसे यादगार प्रस्तुति 1975 की फिल्म जय संतोषी मां में थी. इस फिल्म के गीत “मैं तो आरती उतारूं रे संतोषी माता की” ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया. यह भजन आज भी श्रद्धा और भक्ति के साथ सुना जाता है. "जय संतोषी मां" का सफर फिल्म जय संतोषी मां के गानों को रिकॉर्ड करने के समय, उषा मंगेशकर ने बताया कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह फिल्म इतनी बड़ी हिट होगी.फिल्म के बजट की कमी के कारण रिकॉर्डिंग के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी आवाज़ ने इन गीतों को अमर बना दिया. यह फिल्म और इसके गाने आज भी धार्मिक आयोजनों में प्रमुखता से सुने जाते हैं. लता मंगेशकर की सलाह उषा मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी बहन लता मंगेशकर ने हमेशा उन्हें सलाह दी कि अपनी शैली को बनाए रखें और अपनी आवाज़ को दूसरों की तरह बनाने की कोशिश न करें. यही वजह है कि उषा मंगेशकर ने अपनी अलग पहचान बनाई. पेंटिंग का शौक बहुत कम लोग जानते हैं कि उषा मंगेशकर एक बेहतरीन चित्रकार भी हैं. उन्हें चित्रकारी का बहुत शौक है, और उन्होंने कई खूबसूरत पेंटिंग्स बनाई हैं. संगीत से समय निकालकर वह अक्सर अपनी कला में डूबी रहती हैंउषा ने बहन लता की अंतिम इच्छा पूरी की रीमिक्स के खिलाफ उषा मंगेशकर को पुराने गानों के रीमिक्स से नफरत है. उन्होंने खुद कहा कि उन्हें पुराने गानों का रीक्रिएटेड वर्जन पसंद नहीं है. फिल्म इंकार में उनका गाया मशहूर गाना मुंगड़ा बाद में फिल्म टोटल धमाल में रीक्रिएट किया गया, लेकिन उषा इससे खुश नहीं थीं. उनका संगीत भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अमूल्य धरोहर है.चाहे फिल्म इजाजत हो या काला पत्थर, उषा मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज से हर गाने को खास बना दिया आज भी उनकी आवाज लोगों के दिलों में बसती है. फेमस गाने ओ मुंगडा मुंगडा अपलम चपलम जाने क्यों लोग मोहब्बत तुमको पिया दिल दिया दुनिया में हम आये हैं Read More मस्ती 4 की शूटिंग शुरू, रितेश और अफताब ने साझा की तस्वीर कपिल के व्यवहार से नाराज मुकेश खन्ना,'10 मिनट तक मुझे किया नजर अंदाज' प्रभास की 'स्पिरिट' में करीना, सैफ और मृणाल के शामिल होने की चर्चा 'बेबी जॉन' के Bandobast Song में वरुण ने दिखाया धमाकेदार डांस मूव्स