Vijay Varma On Struggle Days: बॉलीवुड एक्टर अभनेता विजय वर्मा (Vijay Varma) ने फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. वहीं एक्टर को अपनी पहचान बनाने के लिए कड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा था. इस बीच एक इंटरव्यू के दौरान विजय वर्मा ने एक ऐसे समय को याद किया जब उनके बैंक खाते में सिर्फ 18 रुपये बचे थे. इसके साथ- साथ एक्टर ने बताया कि यह शायद उनकी जिंदगी का सबसे बुरा समय था.
संघर्ष के दिनों को याद कर छलका विजय वर्मा का दर्द
आपको बता दें विजय वर्मा ने अपने हालिया इंटरव्यू में संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, "यह बहुत बुरा समय था, यह मेरे लिए सबसे बुरा समय था. मेरे खाते में सिर्फ 18 रुपये थे और मैं या तो पानीपुरी खा सकता था या इडली." जब उनसे पूछा गया कि वे एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसकी आमदनी अच्छी है, फिर भी वे ऐसी स्थिति में क्यों हैं, तो विजय ने बताया, "मैंने घर से पैसे लेना बंद कर दिया था, क्योंकि मेरे पिता मुझसे बात नहीं करते थे".
छोटा सा रोल करने पर बदली विजय वर्मा की किस्मत
अपनी बात को जारी रखते हुए विजय वर्मा ने आगे बताया कि, "मुझे बताया गया कि अगर मेरा किराया और भत्ता तय हो गया, तो मैं कड़ी मेहनत नहीं करूंगा, इसलिए मुझे अपने अंदर की आग को और मजबूत होने देना चाहिए. 2-3 महीने में मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था, उस समय मैंने पैसों के लिए एक छोटा-सा रोल किया और यह बहुत बुरा अनुभव था. इसलिए यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा समय था".
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई विजय वर्मा की सीरीज आईसी 814: द कंधार हाईजैक
वहीं एक्टर आखिरी बार मिर्जापुर 3 में नजर आएं थे जिसमें उन्होंने छोटा त्यागी का किरदार निभाया था. सीरीज में उनकी भूमिका की काफी तारीफ भी की गई. जिसके बाद अब विजय वर्मा इन दिनों अपनी हालिया रिलीज वेब सीरीज आईसी 814: द कंधार हाईजैक को लेकर चर्चा में हैं. अरविंद स्वामी, दीया मिर्जा, पूजा गौर, पत्रलेखा, अमृता पुरी, कुमुद मिश्रा, मनोज पाहवा, अनुपम त्रिपाठी, कंवलजीत सिंह, दिब्येंदु भट्टाचार्य, सुशांत सिंह, आदित्य श्रीवास्तव, राजीव ठाकुर और यशपाल शर्मा भी शो का हिस्सा हैं. 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी हैं.
वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित है सीरीज
1999 में नेपाल से नई दिल्ली जाते समय एक भारतीय विमान IC 814 को हरकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) के सदस्य पाँच नकाबपोश पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अपहरण कर लिया था. उन्होंने विमान को कई स्थानों पर ले जाने का आदेश दिया, और अंततः कंधार ले जाया गया, जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था. संभावित स्पॉइलर दिए बिना, उस अपहरण के परिणाम ने भारत में आतंकवाद की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया.
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