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मारवाह स्टूडियो के प्रांगण में महिला दिवस के अवसर पर दो दिवसीय पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, इस अवसर पर मारवाह स्टूडियोज के चांसलर संदीप मारवाह ने कहा कि जिस इंसान को कला से मोहब्बत नहीं उसका जीवन अधूरा है क्योंकि यह एक ऐसा प्रेम है जो आपको प्रकृति से, ईश्वर से और अपने आप से प्रेम करना सिखाता है जो अपने आप से प्रेम करता है वह पूरी प्रकृति से प्रेम कर सकता है ऐसा यह मेरा मानना है जहां तक महिलाओं की बात है उनके जितने भी रूप देखो वह हर रूप अलग छवि लेकर आती है क्योंकि उनके बिना घर भी अधूरा है और अब ऑफिस भी अधूरा है ये सृष्टि भी अधूरी है. विमला आर्ट्स की संस्थापक कंचन मेहरा ने कहा की आज की महिला देवी बनाकर पूजा करवाना नहीं चाहती बल्कि चाहती है की उसे सामान अधिकार मिले उसे भी इंसान समझे व उसको इज्जत मिले, कंचन मेहरा ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रदर्शनी न केवल समकालीन कला पर प्रकाश डालती है बल्कि समकालीन और लोक कला दोनों क्षेत्रों में उभरते और योग्य कलाकारों के लिए एक मंच स्थापित करना चाहती है. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य युवा कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर प्रदान करना और उन्हें छात्रवृत्ति प्राप्त कराना है जो उन्हें अपने कलात्मक करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेगी साथ ही उन्होंने कहा की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वो उत्सव है जो महिला बड़े गौरव से निभाती है इसलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विमला आर्ट फोरम ने दो असाधारण कला प्रदर्शनियों को प्रस्तुत किया जिसमे पिंक आयरन 3 और माटी 2. पिंक आयरन 3, जिसमें 12+ वरिष्ठ कलाकार और उनकी कलाकृतियाँ, शामिल होगी. हमारे ओपन कॉल से चुने गए 45 कलाकार और 10 सदस्य कलाकार शामिल हैं.
संस्थान के निदेशक दिलीप शर्मा ने बताया कि आज की महिला निसंदेह हर क्षेत्र में आगे बाद रही है और कला के क्षेत्र में तो कमाल ही कर रही है विमला आर्ट्स संस्थान युवा कलाकारों को कला की दुनिया में उनके विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अमूल्य स्थान प्रदान करता है आमंत्रित कलाकारों में अनवर, अशोक भौमिक, यूसुफ, हीरेन ठाकुर, श्याम बिहारी अग्रवाल (पद्मश्री), अजीत दुबे, शोविन भट्टाचार्य, बिपिन कुमार, मयूर गुप्ता, कालीचरण, कमलकांत, राजेश श्रीवास्तव, मनहर कपाड़िया, दिलीप शर्मा, सुरेश के. नायर, विश्वनाथ साबले, स्वाति, सतीश शर्मा, सतीश काले, अनूप चंद, भगत सिंह, आनंद डबली और जावेद जैसे प्रसिद्ध समकालीन कलाकार शामिल थे. देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार रमेश बिष्ट के साथ अरविंद सिंह, भुवनेश्वर भास्कर, पंकज तिवारी, पंकज शर्मा और विवेक दास की कलाकृतियां भी प्रदर्शित की गईं. इस समारोह में प्रख्यात कलाकार, आलोचक, पत्रकार और कला प्रेमी प्रदर्शनियों में प्रदर्शित कलात्मक यात्रा पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए . इस कार्यक्रम में पारंपरिक लोक शैलियों, आधुनिक प्रयोगात्मक तकनीकों और विचारोत्तेजक विषयों की कलात्मक विविधता को प्रदर्शित किया जाएगा जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को समकालीन अभिव्यक्तियों से जोड़ते हैं. यह विस्तारित प्रदर्शन छात्रों और कला प्रेमियों को उत्कृष्ट कृतियों से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा, जिससे गहन कलात्मक संवाद और प्रशंसा को बढ़ावा मिलेगा. यह उभरते और स्थापित कलाकारों को व्यापक पहचान दिलाने और भारतीय कला क्षेत्र में भविष्य के सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए मंच को और मजबूत करेगा.
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