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ताजा खबर: हिंदी सिनेमा की दुनिया में कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने काम से दर्शकों का नजरिया बदल दिया. उन्हीं में से एक हैं अनुराग कश्यप, जिनका जन्म 10 सितंबर 1972 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ. अनुराग कश्यप सिर्फ एक निर्देशक ही नहीं बल्कि लेखक, निर्माता और अब अभिनेता के तौर पर भी पहचाने जाते हैं. उन्होंने हिंदी सिनेमा में वो कर दिखाया जो बहुत कम लोग कर पाते हैं—नई सोच और बागी नज़रिए से फिल्मों को एक अलग मुकाम पर पहुंचाना.

शुरुआती संघर्ष और थिएटर से जुड़ाव

Anurag Kashyap

अनुराग कश्यप ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान ही वह नुक्कड़ नाटकों से जुड़ गए और कई प्रस्तुतियों में हिस्सा लिया. इसी दौरान उन्होंने 10 दिनों में 55 फिल्में देखकर सिनेमा के प्रति अपनी रुचि को और गहरा किया. विटोरियो डी सिका की फिल्म बाइसिकल थीव्स ने उनके मन पर गहरी छाप छोड़ी.साल 1993 में महज़ 5 हजार रुपये लेकर अनुराग मुंबई पहुंचे. शुरुआती दिनों में उन्हें काम नहीं मिला और उन्हें फुटपाथों व सड़कों पर रातें गुज़ारनी पड़ीं. धीरे-धीरे थिएटर और कुछ जान-पहचान के सहारे उन्होंने इंडस्ट्री में कदम जमाना शुरू किया.

लेखक के रूप में पहचान

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अनुराग कश्यप का करियर बतौर लेखक शुरू हुआ. 1998 में राम गोपाल वर्मा की कल्ट फिल्म सत्या की कहानी और संवाद लिखकर उन्होंने पहचान बनाई. यह फिल्म सुपरहिट रही और आज भी बॉलीवुड की सबसे चर्चित फिल्मों में गिनी जाती है. इसके बाद उन्होंने कौन, शूल, युवा, नायक, हनीमून ट्रैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड, मैं ऐसा ही हूं और कुर्बान जैसी फिल्मों के लिए लेखन किया.

निर्देशन की शुरुआत और मुश्किलें

Anurag Kashyap

लेखन के बाद अनुराग कश्यप ने निर्देशन की ओर कदम बढ़ाए. उनकी पहली फिल्म पांच थी, जो पांच दोस्तों के क्रिमिनल बनने की कहानी थी. लेकिन सेंसर बोर्ड ने फिल्म को अत्यधिक हिंसा और गालियों के चलते बैन कर दिया. यह फिल्म थिएटर तक नहीं पहुंच पाई, हालांकि बाद में यूट्यूब पर रिलीज होकर चर्चित हुई.इसके बाद उन्होंने ब्लैक फ्राइडे बनाई, जो 1993 मुंबई बम धमाकों पर आधारित थी. लेकिन कोर्ट के फैसले तक इस फिल्म की रिलीज रोक दी गई. आखिरकार 2007 में फिल्म रिलीज हुई और आलोचकों ने इसे खूब सराहा.

अलग सोच वाली फिल्में

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अनुराग कश्यप हमेशा से प्रयोगात्मक सिनेमा के पैरोकार रहे हैं. नो स्मोकिंग, देव डी, गुलाल और द गर्ल इन येलो बूट्स जैसी फिल्मों से उन्होंने यह साबित किया कि वह लीक से हटकर कहानियां कहने में यकीन रखते हैं. खासकर देव डी को एक आधुनिक और साहसी क्लासिक माना जाता है, जिसने देवदास की कहानी को नए अंदाज में पेश किया.

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से मिली ऐतिहासिक सफलता

Gangs of Wasseypur

साल 2012 में अनुराग कश्यप ने गैंग्स ऑफ वासेपुर बनाई, जिसने हिंदी सिनेमा की परिभाषा ही बदल दी. दो हिस्सों में बनी यह फिल्म धनबाद के कोयला माफिया की कहानी पर आधारित थी. इसमें दिखाया गया यथार्थ, हिंसा और संवाद इतने प्रभावशाली थे कि फिल्म धीरे-धीरे कल्ट स्टेटस तक पहुंच गई. “बेटा तुमसे ना हो पाएगा” और “बाप का, दादा का, सबका बदला लेगा तेरा फैजल” जैसे संवाद आज भी पॉप कल्चर का हिस्सा हैं.यह फिल्म न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सराही गई और कई फिल्म महोत्सवों में दिखाई गई. इससे अनुराग कश्यप को हिंदी सिनेमा के सबसे दूरदर्शी और बागी निर्देशकों में गिना जाने लगा.

अंतरराष्ट्रीय पहचान और वेब सीरीज़

Anurag Kashyap Birthday

अनुराग कश्यप ने बॉम्बे वेलवेट, अग्ली, रमन राघव 2.0, मुक्काबाज, मनमर्जियां जैसी फिल्मों का निर्देशन किया. इनमें से कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भले न चली हों, लेकिन आलोचकों और सिनेप्रेमियों ने इन्हें खूब सराहा.उन्होंने नेटफ्लिक्स की पहली भारतीय सीरीज़ सेक्रेड गेम्स का सह-निर्देशन किया, जिसने भारत में वेब कंटेंट को नई ऊंचाई पर पहुंचाया.

जिद और बागी अंदाज

Anurag Kashyap

अनुराग कश्यप का सफर कभी आसान नहीं रहा. उनकी कई फिल्में सेंसर बोर्ड से टकराईं, कई बार इंडस्ट्री में उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने कभी अपनी सोच और कला से समझौता नहीं किया. यही कारण है कि आज उन्हें भारत के स्वतंत्र सिनेमा का प्रतिनिधि और एक बागी फिल्ममेकर कहा जाता है.

अभिनेता के रूप में भी कदम

Happy Birthday Anurag Kashyap

निर्देशन और लेखन के अलावा अनुराग कश्यप अब फिल्मों और वेब सीरीज़ में अभिनेता के रूप में भी दिखाई देने लगे हैं. उनकी अभिनय यात्रा भी दर्शकों को नए अंदाज में प्रभावित कर रही है.

FAQ

Q1. अनुराग कश्यप का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
अनुराग कश्यप का जन्म 10 सितंबर 1972 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था.

Q2. अनुराग कश्यप ने करियर की शुरुआत किस रूप में की थी?
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर लेखक (स्क्रिप्ट राइटर) की थी और उनकी पहली बड़ी सफलता राम गोपाल वर्मा की फिल्म सत्या (1998) से मिली.

Q3. अनुराग कश्यप की पहली निर्देशित फिल्म कौन सी थी?
उनकी पहली निर्देशित फिल्म पांच थी, लेकिन सेंसर बोर्ड के विवाद और प्रोड्यूसर की दिक्कतों के कारण यह रिलीज नहीं हो पाई.

Q4. अनुराग कश्यप की कौन-सी फिल्म ने उन्हें भारतीय सिनेमा का दिग्गज निर्देशक बना दिया?
गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012) ने उन्हें भारतीय सिनेमा में एक अलग पहचान दिलाई और यह फिल्म आज कल्ट क्लासिक मानी जाती है.

Q5. अनुराग कश्यप को किस तरह के विषयों पर फिल्में बनाना पसंद है?
वे समाज की सच्चाइयों, राजनीति, अपराध और आम जनता की जिंदगी से जुड़े रियलिस्टिक मुद्दों पर फिल्में बनाना पसंद करते हैं.

Q6. अनुराग कश्यप को विदेशों में भी पहचान कैसे मिली?
उनकी फिल्में ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, अग्ली और सेक्रेड गेम्स जैसी सीरीज कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में सराही गईं और उन्हें अवॉर्ड भी मिले.

Q7. क्या अनुराग कश्यप केवल निर्देशक हैं?
नहीं, वह लेखक, निर्माता और अभिनेता भी हैं. उन्होंने कई फिल्मों में छोटे लेकिन यादगार रोल किए हैं.

Q8. अनुराग कश्यप की चर्चित फिल्में कौन-सी हैं?
सत्या (लेखक), ब्लैक फ्राइडे, देव डी, गुलाल, गैंग्स ऑफ वासेपुर, अग्ली, मुक्काबाज, रमन राघव 2.0 और सेक्रेड गेम्स.

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