अली पीटर जॉन तू नहीं तो ये बहार क्या बहार है तू नहीं तो ये जिन्दगी क्या जिन्दगी है- अली पीटर जॉन मुझे विश्वास है या नहीं कहानी ये बाद में तय होगा पर पहले मुझे कहानी भरोसे के साथ शुरू करने दो। मैं बम्बई की एक झुग्गी बस्ती में रहता था जहाँ वे सब देवी देवताओं की पूजा करते थे। हर घर में देवी-देवताओं की तस्वीरें थीं और किसी अजीब वजह से हर घर में दिलीप कुम By Mayapuri Desk 10 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn