‘जो चाहता था वही मिला तो भगवान से कोई शिकायत नहीं है’- वैभव माथुर By Mayapuri Desk 04 Dec 2019 | एडिट 04 Dec 2019 23:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर आपका अब तक का सफर कैसा रहा? - मैं जयपुर, राजस्थान से हूँ और हमेशा से थिएटर करता रहा स्कूल में और पढ़ाई में डब्बा गोल था. लेकिन सोच लिया था की कुछ करना है, अलग करना है. तो मेरे एक दूर के चाचा थे वो आये एक दिन और उन्होंने कहा की जयपुर में एक थिएटर चल रहा है तो मैंने ज्वाइन कर लिया है तुम्हें करना है तो तुम भी कर लो. मैंने सोचा यार चाचा का दूर-दूर तक एक्टिंग से कोई रिश्ता नहीं है और अगर इन्होंने ज्वाईन कर लिया तो मुझे तो कर ही लेना चाहिए. लेकिन मेरी माता जी को तो बहुत बुरा लगा की गलत जगह जा रहा हूँ. मेरा सेलेक्शन हो गया और फिर मैंने थिएटर किया, जम के काम किया मैंने और फिर अखबारों में नाम आने लग गया तो माँ-बाप को लगा की यार कुछ तो अच्छा काम कर रहा है ये. मैंने फिर उसके बाद एजुकेशन अपनी पूरी की राजस्थान से और फिर एक समय आया जब लगा की अब बहुत टाइम हो गया थिएटर करते हुए, अब पैसा भी कमाना है तब मुंबई आ गया 2004 में. फिर उसी संघर्ष के दौरान मुझे डीडी का एक शो मिला था उर्मिला वो मिला तो उस से घर वालों को भी विश्वास हो गया की जो करने गया है वो कर रहा है. मैं ऐड के ऑडिशन बहुत देता था क्योंकि भगवान् ने जो मुझे फेस दिया है वो कॉमेडी टाइप का फेस है तो लोग कहते थे की तुम यार ऐड वगैरह किया करो. ऐड बहुत कर चुका हूँ मैं अब तक. इस बीच में मैंने 40 फिल्में भी कर ली लगभग और आज मुझे मुंबई में 16 साल हो गये हैं और इन 16 सालों में बहुत कुछ मिला मुझे. जो चाहता था वही मिला तो भगवान से कोई शिकायत नहीं है। ये शो कैसे मिला आपको? - मैंने शशांक बाली जी के साथ FIR में काम किया था और सर का काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है, मैंने बहुत डायरेक्टर के साथ काम किया है लेकिन सर का तरीका एकदम अलग है और बहुत ही सॉफ्ट आदमी है, ज़मीन से जुड़े हुए इंसान है . इनके साथ काम करने में इतना मज़ा आया की जब अचानक इनका फ़ोन आया तो मैं फट से गया क्योंकि सर ने बुलाया था. एक तांत्रिक का रोल था और उस वक़्त हमारा करैक्टर डिसाइडेड नहीं था लेकिन काम इतने मन से किया कि हमें एक अलग ही पहचान मिल गयी और इसमें हमारे राईटर मनोज सर और शशांक सर का बहुत योगदान रहा। शो के प्रोड्यूसर के बारे में क्या कहना चाहते है आप? - संजय सर और बिनैफर मैम का प्रोड्यूसर वाला रिश्ता तो बहुत बाद में आता है, और फैमिली जैसा पहले आता है. उन्होंने हम पर कभी कोई लोड नहीं डाला है और बहुत तरीके से काम करते है और कराते हैं. संजय सर तो बिल्कुल ही कमाल है जैसे हमसे वो मिलते हैं तो ऐसा लगता है कि वो प्रोड्यूसर बाद में है, दोस्त पहले है. वो आपकी खैर खबर रखते है तो हम भी अपनी चीज़ें बयान कर पाते है तो अच्छा लगता है कि कोई गैप नहीं है हमारे बीच में. इस शो के बाद क्या फर्क आया है आपकी लाईफ में? - बहुत से फर्क आये हैं. सबसे बड़ी बात की पहचान मिली है मुझे. लोग मेरा खुद का नाम भूल कर, करैक्टर का नाम याद रखते है तो बड़ा अच्छा लगता है की बच्चे से लेकर बुज़ुर्ग तक सब देख रहे है और पसंद कर रहे है. इस शो ने मुझे सब कुछ दिया है जो मैं सोच भी नहीं सकता था। मायापुरी से जुड़ी कुछ ख़ास यादें आपकी? - मायापुरी मैगजीन्स हम ज़्यादातर नाई की दुकान पर देखते थे. तो जब भी पापा या चाचा के साथ जाते थे तो पढ़ने लगते थे. उस समय में मिडिल क्लास लोगों को लगता था कि फिल्म इंडस्ट्री अच्छी नहीं है. लेकिन हम फिर भी छुप कर पढ़ लिया करते थे. फिल्मों में मेरी रुचि मायापुरी के वजह से ही है और आज मुझे खुशी होती है की आज भी मायापुरी है, और लोग पढ़ रहे हैं। मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें. अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं. आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'> '>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं. embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'> #interview #Vaibhav Mathur #bhabhi ji ghar per hain हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article