एंटरटेनमेंट दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए आशुतोष राणा ने अपने फेसबुक पेज पर व्यक्त किए अपने उद्गार किसी भी अभिनेता को यदि प्रभावशाली होना है,तो भाषा पर उसका अधिकार होना चाहिए महानायक युग की शुरूआत करने वाले श्रद्धेय सर दिलीप कुमार साहब वैसे ही कलासाधक थे जिन्होंने भाषा-भाव को सिद्ध किया हुआ था, उनके मुँह से निकलने वाले शब्द दर्शकों को मात्र सुनाई ही नह By Mayapuri Desk 12 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn