आजादी के अमृत महोत्सव पर याद आती है बाॅलीवुड फिल्म ‘शोले’
वो राष्ट्रीय छुट्टी का दिन था. मेरी पढ़ाई के दिन थे. उनदिनों सिनेमा घरों के बाहर लगे फिल्मी सितारों के पोस्टर देखने के लिए टाॅकीज के सामने से गुजरने वाले व्यक्ति रुके बिना नहीं रह पाते थे. मुम्बई में मिलन सिनेमा के बाहर खड़े होकर पोस्टर देखने का शौक मुझे भी
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