फिल्में जिन्होंने रक्षा बंधन के त्योहार को जिंदा रखा है सालों साल-अली पीटर जॉन
कुछ साल पहले मेरे किसी प्रिय व्यक्ति ने मुझसे पूछा कि समाज और देश में फिल्में किस उद्देश्य की पूर्ति करती हैं, और मैंने कहा था, फिल्मों से बेहतर समाज की कोई सेवा नहीं है। आज फिल्में जीवन का हिस्सा बन गई हैं जैसे किसी और ने नहीं की। वास्तव में फिल्में जीवन
/mayapuri/media/post_banners/85c671df85ea2c0dbbe8e48c899d6803100f2ba3ea6e25baa25ff83fdcf04bfe.png)
/mayapuri/media/post_banners/7612c1918f4089856befbcb3e1eaee70ce58d6743c0c7a30b9d6622b99baa8f4.jpg)
/mayapuri/media/post_banners/c2bfb97fd6d8549c2f94b08141ffa4bac1c7973bcbf1e303fe06d51aaf4079b6.jpg)
/mayapuri/media/post_banners/86826fedb0dbea5a374d6e81ee35b297ee25c0587b5917fc7afec82a8ada88df.jpg)