लता दीदी के साथ मेरी एक छोटी सी मुलाकात ने फिल्मों के बारे में मेरे सोचने का नज़रिया बदल दिया: रविन्द्र टुटेजा
-शरद राय कुछ साल पहले जब कानपुर से मुम्बई चला था यह सोचकर की फिल्मों में कुछ करना है तब मेरे जहन में दो चेहरे थे- अमिताभ बच्चन और लता मंगेश्कर। दोनो से मैं मिला, और जो मुलाकात का असर मेरे दिमाग मे लता दीदी ने छोड़ा था वो आज भी तरो ताज़ा है। अब... जब