ताजा खबर Death Anniversary: नौशाद साहब ने एक रोज़ कहा था "ग़लती हो गयी उस्ताद, आइन्दा कभी इस साज़ को नहीं हाथ लगाऊंगा" नौशाद साहब को सन 90 के बाद पैदा हुई पीढ़ी शायद न पहचानती हो पर भारतीय संगीत के इतिहास में नौशाद साहब का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है. बैजू बांवरा, मुग़ल-ए-आज़म, आन, मदर इंडिया, गंगा जमना जैसी सत्तर से अधिक फिल्मों में अपने संगीत का जादू बिखेरा है. By Mayapuri Team 05 May 2023 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn