गपशपकुछ बातें... कुछ यादें... गीतकारों की... गीतों की... रवीन्द्र जैन की साहित्यकार और संगीत मेरा जीवन है. इसके बावजूद मैं बुनयादी तौर पर संगीतकार पहले हूं और गीतकार बाद मैं! मैं चूंकि अलीगढ. के माहौल में पला बढ़ा हूं इसलिए उर्दू से गहरा लगाव है. By Mayapuri Desk 28 Feb 2024 11:36 ISTशेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn