साहिर साहब, क्या आपने कभी कोरोना और ओमिक्राॅन जैसे इंसान के दुश्मन के नाम सुने थे?
- अली पीटर जॉन आज कल ना जाने क्यों आप रोज याद आते हैं.... आज दिन में भी अँधेरा लगता है आज भी इंसानों को कुचला और मसला जाता है आज औरत को बाजारों में बेचा जाता है और उनके जिस्म का सौदा किया जाता है आज बच्चे गली गली और हर नुक्कड़ पर भीख मांग रहे हैं आज