फोटो ना सुख, ना संतोष, ना आंनद हमेशा रहते है! कवि संतोष आंनद की अजीब कहानी हिन्दी फिल्मों के गानों से मेरा बहुत ही अजीब, करीबी और यहां तक कि अंतरंग संबंध है, खासकर 50 और 60 और 70 के दशक में! मुझे हर गीत याद है और यह कह सकता हूं कि, जिस गीत के पहले नोट्स हवा में हैं, उससे किस गीत की उम्मीद है। कुछ गाने हैं जो मैंने पहली बार सुन By Mayapuri Desk 23 Feb 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn