करीब दो महीने से भारी विरोध का सामना कर रहे संजय लीला भंसाली फिल्म पद्मावत की रिलीज के बाद दर्शकां से मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया से प्रसन्न हो विरोधियों को बता रहे हैं कि फिल्म को मिली अपार सफलता ही उनका जवाब है। संजय कहते हैं जिन दिनों करणी सेना समेत कई
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Shyam Sharma
अभी तक तो 'पद्मावत' को खिलाफत का सामना अपने ही देश में करना पड़ रहा था लेकिन अब मलेशिया सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है। मलेशिया सरकार के मुताबिक फिल्म इस्लाम की संवेदनशीलता पर प्रहार है यानि ये कहीं न कहीं इस्लाम की सवेंदनशीलत
टॉयलेट- एक प्रेम कथा जैसी सामाजिक संदेश देती फिल्म के बाद अक्षय कुमार अब एक और सामाजिक इशू को लेकर आ रहे हैं फिल्म ‘पैडमैन’ में । फिल्म में इस बार उन्होंने महिलाओं की माहवारी के दौरान काम आने वाले सैनटरी नैपकिन का मुद्दा उठाया है । बेशक इस फिल्म को साउथ
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने सांस्कृतिक कार्यक्रमो को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोरखपुर में तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव का आयोजन किया था जिसमे एक दिन भोजपुरी के लिए निर्धारित था। उस कार्यक्रम में रवि किशन ने अपने परफॉर्मेंस से मौजूद लोगों का खूब मनोरं
देश और उसके रक्षक जवानों के प्रति आस्था सिर्फ खास लोग ही नहीं बल्कि एक आम आदमी भी उसी जोश खरोश के साथ रखता है और इसे वो अपने अपने तरीके से यदा कदा सार्वजनिक करने में भी पीछे नहीं हटता। मुंबई में अनाज के व्यापारी भावेश भानुशाली और हिरेन भानुशाली ने 69 वे ग
पिछले दो महीने से संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘ पद्मावत’ को लेकर हो रहा बवाल फिल्म की रिलीज के बाद भी खत्म होता नजर नहीं आ रहा। फिल्म की रिलीज के बाद भी करणी सेना के अलावा विभिन्न राजपूत संगठन फिल्म के खिलाफ बने हुये है। यही नहीं इससे पहले इन संगठनों में से
आज बेशक देश भक्ति की तरफ इशारा कर रही फिल्में तो बन रही हैं लेकिन उनमें से देश भक्ति गाने नदारद हैं । वरना एक वक्त किसी भी फिल्म में एक भजन, एक ग़ज़ल, एक कव्वाली तथा एक देश भक्ति गीत हुआ करता था । धीरे धीरे वो सब खत्म होता गया। हाल ही में ये जानकर अच्छा लगा
संजय लीला भंसाली द्धारा रचित फिल्म ‘पद्मावत’ के साथ बेशक महिनों से कितने ही राजपूत और हिन्दू संगठनों का विवाद चल रहा हो लेकिन फिल्म देखने के बाद वो सब बेमानी लगने लगता है। जिसने भी फिल्म देखी उसे सबसे ज्यादा उत्सुकता वे सीन देखने की थी जिन्हें लेकर ये सं
मिलों में मिल मजदूरों तथा उनके यूनियन लीडर द्धारा हक की लड़ाई, अस्सी के दशक की फिल्मों का कथानक हुआ करता था। निर्देशक संजय पटेल की फिल्म ‘ यूनियन लीडर ’ का कथानक भी एक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के यूनियन लीडर का संघर्ष है। फिल्म की कहानी राहुल
कुछ ऐसे विषय होते हैं जो हमेशा पंसद किये जाते रहे हैं उनमें सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों का आज भी अच्छा खासा दर्शक वर्ग है। सुब्रतो पॉल के निर्देशन में फिल्म निर्देोष ऐसी ही सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है। फिल्म की कहानी अश्मित पटेल और मंजरी फडनीस दोनों ऐसे कपल है
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