काफी रोमांटिक तबीयत के थे पर्दे के चरित्र अभिनेता मदन पुरी साहब!
बात 77 के आसपास की है। वह एक पिरियड था जब मैं बॉलीवुड के आकर्षण से अपने को बंधा हुआ महसूस करने लगा था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई से बंक मारकर सिनेमा देखने जाता था। तब मैं पत्रकार नहीं बना था। ‘मायापुरी’ की रिपोर्टर छाया मेहता मेरी अच्छी दोस्त हुआ करती थी। मेरे