1985 की फिल्म Saagar: एक मंत्रमुग्ध करने वाली क्लासिक स्टोरी सागर... सुप्रसिद्ध निर्देशक रमेश सिप्पी की वो कृति जिसने अपनी रिलीज़ के दशकों बाद भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रखा है. 9 अगस्त 1985 को रिलीज़ हुई यह फ़िल्म प्रेम, जुनून और विज़न का एक अद्भुत संगम था... By Sulena Majumdar Arora 09 Aug 2024 in गपशप New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर सागर... सुप्रसिद्ध निर्देशक रमेश सिप्पी की वो कृति जिसने अपनी रिलीज़ के दशकों बाद भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रखा है. 9 अगस्त 1985 को रिलीज़ हुई यह फ़िल्म प्रेम, जुनून और विज़न का एक अद्भुत संगम था. यह लेख इस एवरग्रीन फिल्म की शुरुआत से लेकर इसकी अटल विरासत तक इसे जीवंत बनाने की जटिल प्रक्रिया पर प्रकाश डालता है. सागर की आत्मा निस्संदेह इसकी पटकथा थी, जिसे कलम के जादूगर जावेद अख्तर ने लिखा था. उन्होंने गोवा की सुरम्य पृष्ठभूमि पर आधारित एक प्रेम, नाकामी और त्याग की कहानी गढ़ी. अख्तर के कहानी का हर एक शब्द, वह नींव था जिस पर यह सागर की इमारत खड़ी की गई थी. कहानी और स्क्रिप्ट के साथ ही अख्तर ने सागर के गीतों को शब्द और शायरी दी थी, और संगीत के जादूगर आर.डी.बर्मन ने अख्तर की लिखी शायरी में जान फूंक दी. 'सागर' के लिए उनकी रचनाएँ खट्टी मीठी, मधुर और भावना का सुंदर मिश्रण थीं. 'ओ मारिया' 'सागर किनारे', 'सागर जैसे आंखों वाली', और 'जाने दो ना' जैसे गाने अख्तर की कलम से निकलकर स्वर्णिम क्लासिक बन गए, जिन्होंने फिल्म के भावनात्मक असर को और भी ज्यादा पुख्ता आकार दिया. सच पूछो तो 'सागर' की सटीक कास्टिंग के बिना यह फ़िल्म संभव ही नहीं हो सकता था. सागर वास्तव में प्रतिभाशाली और अनुभवी कलाकारों का जमावड़ा कहा जा सकता है. ऋषि कपूर, कमल हासन और डिंपल कपाड़िया, अपनी पीढ़ी के ये तीन सबसे प्रतिभाशाली स्टार्स, इस फिल्म में अपना ए-गेम लेकर आए थे. उन तीनो के बीच एक अनकही केमिस्ट्री, कमाल की थी और उनका प्रदर्शन दर्शकों के दिमाग पर आज भी कायम है. इस फ़िल्म, 'सागर' ने एक लंबे समय के बाद सिल्वर स्क्रीन पर डिंपल कपाड़िया की सफल वापसी को रेखांकित किया था. मोना का उनका किरदार, उनके भीतर छिपी प्रतिभा का रहस्योद्घाटन जैसा था और उन्होंने अपनी सुंदरता और अभिनय कौशल से उस पीढ़ी का दिल जीत लिया था. मनोरम समुद्र तट और शांत परिदृश्य, सागर की प्रेम कहानी के लिए एकदम सही कैनवास के रूप में काम करते थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोवा जैसा दिखने वाला सागर का लोकेशन और बस्ती वास्तव में मुंबई के मलाड मढ़ आइलैंड में अक्सा बीच पर बस्ती का बनाया हुआ एक सेट था. शूटिंग ख़त्म होने के बाद भी वो निर्मित सेट कई महीनों तक वहीं पड़ा रहा. चेहरा है या चांद खिला है, ओ मारिया गाने इसी सेट पर शूट किए गए थे. उस दौरान फिल्मों के सेट पर साप्ताहिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से पढ़ी जाती थी... इस फिल्म के सभी गाने लोकप्रिय थे. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ने स्थान की सुंदरता को बड़ी बारीकी से कैद कर लिया, जिससे संपूर्ण दृश्य-अपील दुगुनी हो गई. सागर अपने आश्चर्यजनक लोकेशन और सुंदर छायांकन के साथ एक सीनरिक दृश्य था. फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी ने सिनेमैटोग्राफर एस.एम. अनवर के साथ मिलकर काम किया था और अक्सा समुद्रतट में गोवा के सार को कैद करने के लिए अनवर ने कोई कमी नहीं छोड़ी. अनवर द्वारा प्रकाश और छाया के प्रयोग से गहराई और वातावरण का एहसास पैदा हुआ. फिल्म का रंग पैलेट जीवंत था, जो तटीय परिदृश्य की सुंदरता को दर्शाता था. अपने प्राचीन भीत, हरी-भरी हरियाली और आकर्षक गांवों के साथ अक्सा समुद्र तट ने फिल्म की प्रेम कहानी के लिए एकदम सही पृष्ठभूमि के रूप में काम किया .सागर की सिनेमैटोग्राफी ने केवल प्राकृतिक सुंदरता को कैद नहीं किया बल्कि इसने कहानी कहने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. क्लोज़-अप शॉट्स और कैमरा एंगल के उपयोग ने पात्रों की भावनाओं और उनके रिश्तों की तीव्रता को व्यक्त करने में मदद की. 'सागर' एकतरफा प्यार और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं की कहानी है.गोवा के सुंदर परिदृश्य में यह फिल्म अपने पात्रों की भावनात्मक उथल-पुथल को गहराई से उजागर करती है. राजा, रवि और मोना के बीच एक क्लासिक प्रेम त्रिकोण फिल्म का मूल है. मोना (डिंपल) गोवा में एक छोटा सा रेस्त्रां चलाती है., राजा (कमल हासन) उसका पड़ोसी है और दोनों की दोस्ती है, लेकिन राजा उसे मन ही मन प्यार करता है जो वो मोना को बोल नहीं पाता. रवि (ऋषि कपूर) एक अमीर इंडस्ट्रियलिस्ट है, जो यू एस से गोवा शिफ्ट हुआ है. समुन्दर किनारे रवि की मोना से मुलाकात होती है और वो मोना से प्यार करने लगता है. दोनों शादी करना चाहते हैं लेकिन रवि की दादी इस रिश्ते के खिलाफ है. जब राजा को इस बात का पता चलता है तो वह निराश हो जाता है और मोना के लिए अपने प्यार को कुर्बान कर देता है. उनके रिश्तों की जटिलताओं को सिप्पी ने बड़े संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया. चिंतित और हारा हुआ राजा के रूप में कमल हासन का प्रदर्शन अभिनय में एक मास्टरक्लास था. इतने जटिल चरित्र को बारीकियों और गहराई के साथ चित्रित करना, यह कमल का ही कमाल हो सकता है. फिल्म का फैशन भाग, उस जमाने में भी अपने समय से आगे था. डिंपल कपाड़िया के कपड़े एक ट्रेंडसेटर बन गये थे , और उनकी हेयर स्टाइल और वेशभूषा ने फिल्म की सौंदर्य अपील में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. रमेश सिप्पी के कुशल निर्देशन का तो कहना ही क्या, उन्होने सागर के अलग-अलग तत्वों को एक सामंजस्यपूर्ण तालमेल के साथ कुछ इस तरह से लयबद्ध किया कि फिल्म के लिए उनका दृष्टिकोण स्पष्ट हो गया. वो जो चाहते थे, उन्होने वही किया. जावेद अख्तर के धारदार संवादों ने फिल्म में गहराई और भावनाओं का सैलाब जोड़ दिया . "प्यार एक दुनिया है, जिसमें दो ही लोग होते हैं" जैसी पंक्तियाँ खूब मशहूर हो गई थी और आज भी इस्तेमाल की जाती हैं. यह फिल्म अपने खूबसूरत दृश्यों, भावपूर्ण संगीत और सम्मोहक कहानी के साथ एक सर्वोत्कृष्ट रोमांटिक क्लासिक है. सागर सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, यह इंसानी फितरत, त्याग, और भावनाओं का आत्म-मंथन है. पूरी फिल्म में सभी पात्र धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जिससे वे अधिक जटिल और सम्मोहक बन जाते हैं. सागर, बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी व्यावसायिक सफलता के रूप में उभरी, जो साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी. 33वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में, सागर को सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (सिप्पी), सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता (हसन), सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री (मधुर जाफरी) सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (हसन), सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (कपड़िया), सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक किशोर कुमार सहित 10 प्रमुख नामांकन प्राप्त हुए. हसन को फिल्म में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता दोनों के लिए नामांकित किया गया था , और फिर उन्होंने जीत हासिल की, जो इस श्रेणी में उनकी पहली और एकमात्र जीत थी. सागर की विरासत आज भी कायम है. फिल्म को बार-बार देखा जाता है और इसकी शाश्वत अपील, सुंदर कहानी और स्थायी संगीत के लिए इसका जश्न मनाया जाता है. Saagar Full Movie: Read More: Sanjay Dutt ने वीजा खारिज होने पर UK सरकार पर साधा निशाना सलमान खान- संजय दत्त और एपी ढिल्लों का सॉन्ग 'Old Money' आउट शाहरुख खान नहीं बल्कि ये एक्टर था Don के लिए फरहान अख्तर की पहली पसंद शाहरुख खान और सुहाना की फिल्म किंग में नजर आएंगे मुंज्या फेम अभय वर्मा हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article