अनुभव एक पिल्म पत्रकार का...! बॉलीवुड में कब 41 साल गुजर गए पता ही नहीं चला...!
देखा है मैंने गर्दिश में सितारों को - शरद राय पीछे मुड़कर देखने का कभी समय ही नहीं मिला। पिछले दिनों एक फिल्म संस्था ने मुझे सम्मानित करने के लिए एक प्रारूप बनाया तो मैंने उनको मना कर दिया। उनका सोचना था कि शरद राय यानी-मैं बॉलीवुड का एक ब्रांड नेम