पार्टी और पार्टी के चक्कर में खत्म हो गया था रिश्ता, अब अमर सिंह (Amar Singh) ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) से मांफी मांग ली है।
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और अमर सिंह (Amar Singh) की दोस्ती और तकरार किसी से छुपी नही है। एक समय था जब बच्चन परिवार और अमर सिंह के बीच घर जैसे रिश्ते थे। लेकिन यह रिश्ता तब पूरी तरह से खत्म हो गया, जब एक पार्टी के दौरान अमर सिंह और अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया है।
जया ने नही छोड़ी पार्टी
बात 2010 की है जब समाजवादी पार्टी की बगावत में बच्चन परिवार अमर सिंह के साथ खड़ा नही हुआ। दरअसल 2010 में अमर सिंह को उम्मीद थी की उनके साथ जया बच्चन (Jaya Bachchan) भी समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ देंगी, लेकिन ऐसा नही हुआ उल्टा जया ने अमर सिंह को ही निशाने पर ले लिया। इसके बाद से ही अमिताभ और जया अमर सिंह के निशाने पर रहने लगे।
जब अमिताभ बच्चन ने दिया जया का साथ
2012 में अनिल अंबानी (Anil Ambani) के घर एक पार्टी का आयोजन हुआ था, जिसमें अमर सिंह (Amar Singh) और बच्चन परिवार सहित कई जानेमाने दिग्गज शामिल हुए थे। पार्टी के दौरान अमर सिंह और जया बच्चन के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। अमर सिंह के मुताबिक जया बच्चन से हुए झगड़े में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपनी पत्नी का साथ दिया था, बस यही बात अमर सिंह को अच्छी नही लगी। और यहीं से दोनों के बीच दूरी बढ़ गई और फिर कभी पहले जैसे रिश्ते नही रहे।
अमर सिंह ने कई बार बच्चन परिवार पर साधा निशाना
दूरियों के बाद अमर सिंह, बच्चन परिवार पर आए दिन निशाना साधते रहे। दरअसल अमर सिंह ने एक इंटरव्यू में बच्चन परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था की ‘अमिताभ बच्चन व जया बच्चन अलग रह रहे थे। उनमें से एक प्रतीक्षा में और एक ‘जनक’ कोठी में रह रहे थे। ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) व जया के बीच भी कुछ समस्याएं थीं। मैं इसके लिए जिम्मेवार नहीं।’ उन्होंने यह भी कहा कि अमिताभ ने उन्हें चेताया था कि वे जया बच्चन की समाजवादी पार्टी की सदस्यता न लें। इतना ही नही बीते वक्त एक वीडियो के जरिए भी अमर सिंह जया बच्चन पर निशाना साध चुके हैं।
बच्चन परिवार ने नही की कोई टिप्पणी
अमर सिंह (Amar Singh) की इन टिप्पणियों पर बच्चन परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई प्रतिक्रिया नही दी। बल्कि एक कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने इन सब बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘वे मित्र हैं और उन्हें सब कुछ कहने का अधिकार है।’
दिवालिया हो गए बिग बी, अमर सिंह बने थे देवदूत
बात 90 के दशक की है जब अमिताभ बच्चन की कंपनी ABCL दिवालिया हो चुकी थी और अमिताभ का करियर भी बुरे दौर से गुजर रहा था। ऐसे में अमर सिंह ने ही अमिताभ बच्चन की मदद की थी। अमिताभ के बारे में अमर सिंह खुद ये बात कह चुके हैं कि जब बड़े कॉर्पोरेट घरानों ने भी अमिताभ की मदद करने से इनकार कर दिया था, तब उस वक्त उन्होंने ही अमिताभ को डूबने से बचाया था। बता दें की 1990 में बिग बी की 'अग्निपथ' रिलीज हुई थी, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हुई थी। कहा जाता है की ये फिल्म अपने टाइम से आगे की फिल्म थी, और यही फिल्म के फ्लॉप होने की वजह बनी। बिग बी को इस फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था।
ऐसे हुई थी अमर सिंह और महानयाक की दोस्ती
बता दें की अमर सिंह और अमिताभ की दोस्ती की शुरूआत तब हुई जब सहारा ग्रुप के मलिक सुब्रतो राय ने अमर सिंह को अमिताभ से मिलवाया। तब से दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी।
अमर सिंह अब मांगी मांग रहे हैं
तकरार के लगभग 10 साल बाद अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन से पब्लिकली माफी मांग ली है जी हां, अमर सिंह इन दिनों सिंगापुर में अपना इलाज करा रहे हैं। सिंगापुर से एक वीडियो और ट्वीट के जरिए अमर सिंह ने बच्चन परिवार से से माफी मांग ली है।
जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं अमर सिंह
अमर सिंह (Amar Singh) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा की आज मेरे पूज्य बापूजी की पुण्यतिथि है और इसी वजह से अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) से मुझे मैसेज भेजा। जिंदगी के ऐसे मोड़ पर जब मैं जिंदगी और मौत के संघर्ष में जूझ रहा हूं, मैं अमितजी और उनके परिवार के प्रति की गई अपनी टिप्पणियों को लेकर खेद प्रकट करता हूं। भगवान उन सबकी रक्षा करे।'
अमर सिंह ने ट्वीट के अलावा वीडियो के जरिए भी मांफी मांगी है
अमर सिंह ने अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट से एक वीडियो के जरिए अमिताभ बच्चन से मांगी मांगते हुए कहा है कि, पिछले 10 वर्षों से मैं न सिर्फ बच्चन परिवार से दूर रहा, बल्कि यह भी कोशिश भी कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। लेकिन, आज अमिताभ बच्चनजी ने फिर मेरे पिताजी को याद करते हुए मुझे मैसेज किया, तो मुझे ऐसा लगा कि इसी सिंगापुर में 10 साल पहले गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमितजी लगभग 2 महीने तक साथ रहे थे, और इसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया। 10 साल बीत जाने पर भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई और वे लगातार अनेक अवसरों पर, चाहे मेरा जन्मदिन हो या पिताजी के स्वर्गवास का दिन हो.. वे हर दिन को याद कर अपना फर्ज निभाते रहे हैं। उन्होंने आगे कहा की मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही, लेकिन उनके मन में मेरे प्रति ना तो कटुता और नही निराशा रही। मैं ईश्वर से यही दुआ करता हूं की ईश्वर सबको उनके कर्मों के अनुसार फल दे। अमित जी बहुत-बहुत धन्यवाद।
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