कुछ अग्नि (शोले) जो कभी ना बुझाई जा सकती हैं ना भुलाई जा सकती हैं 

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By Mayapuri Desk
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कुछ अग्नि (शोले) जो कभी ना बुझाई जा सकती हैं ना भुलाई जा सकती हैं 

अली पीटर जॉन

शोले फिल्म को रिलीज़ हुए 44 साल हो चुके हैं. ऐसी फिल्म थी जो उस वक्त ही मीडिया में हमेशा छाई रहती थी और एक गांव में चर्चे का सबसे अच्छा विषय बन चुकी थी .

गांव का नाम था रामपुर जो कहीं बेंगलुरु में स्थित है.  ऐसी अफवाह थी कि यह फिल्म किसी हॉलीवुड फिल्म की कॉपी है या हिंदी फिल्म 'खोटे सिक्के' का अपडेटेड वर्जन है. कुछ लोगों ने कहा कि रमेश सिप्पी एक क्लासिक फिल्म बना रहे हैं पर कुछ लोगों ने कहा कि रमेश सिप्पी अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती करने जा रहे हैं. पर रमेश सिप्पी को खुद में बहुत कॉन्फिडेंस था और खुद से ज्यादा फिल्म के स्क्रिप्ट जिसको सलीम जावेद ने लिखा था उसमें विश्वास था.

कुछ अग्नि (शोले) जो कभी ना बुझाई जा सकती हैं ना भुलाई जा सकती हैं 

रमेश सिप्पी ने फिल्म के लिए धर्मेंद्र,संजीव कुमार, हेमा मालिनी, जया भादुरी और दो नए कलाकार अमिताभ बच्चन और अमजद खान को कास्ट किया. कुछ कलाकार जिन्होंने फिल्म में कैमियो रोल किया था जैसे लीला मिश्रा, आश्रानी, जगदीप, विजू खोटे, ए के हंगल सचिन सहित और भी कई सारे कलाकार थे.

फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई. फिल्म का फर्स्ट शो फिल्म समीक्षकों और कुछ जाने-माने लोगों के लिए रखा गया. फिल्मनके खत्म होने के बाद लोग ऐसा कह रहे थे कि रमेश सिप्पी ने एक बहुत बड़ा डिजास्टर बनाया है, और फिल्म को फ्लॉप करार कर दे दिया गया था. बहुत से लोगों ने रमेश सिप्पी का मजाक उड़ाया इस बात को लेकर कि उन्होंने से बहुत ही कमजोर दिखने वाले विलेन को गब्बर सिंह का किरदार निभाने दे दिया जिनका नाम था अमजद खान. उनका कहना था कि रमेश को शत्रुघ्न सिन्हा या डैनी डेंजोंगपा को इस किरदार के लिए लेना चाहिए था.

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पर रमेश सिप्पी कुछ कर नहीं सकते. वो बस उम्मीद पर ही टिके थे और उनको ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा. फिल्म रिलीज होने के 3 दिन बाद ही इस शोले ने अपनी चमक दिखाई और अमजद खान स्टार विलेन बन गए जैसा कभी हिंदी फिल्मों में देखा ही नहीं गया था.

वो फिल्म जिसको  दशक के सबसे बेकार फिल्मों में से एक माना जा रहा था वो हमेशा के लिए एक सुपरहिट फिल्म बन गई  जिसका उदाहरण हमेशा दिया जाएगा.  लोगों ने इसे अलग-अलग चैनल्स पर और थिएटर में कई बार देखा है पर आज भी जब यह फिल्म किसी थिएटर में लगती है तो हाउसफुल होती है.

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44 साल बीत चुके हैं और आज भी इस फिल्म को कोई ओवरकम नहीं कर सकता है. चलिए, उन सभी के वर्तमान जीवन पर एक नजर डालते हैं जो शोले में थे.

इस फिल्म से जुड़े  एकमात्र शोले जो आज़ भी पूरे चमक के साथ हैं वो  हैं अमिताभ बच्चन. हमेशा से ये एक बहस का विषय है कि धर्मेंद्र ने अमिताभ को जया के ऑपोजिट रिकमेंड किया था और आज तक अमिताभ इस बात पर चुप ही रहते हैं.

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77 साल की उम्र में भी अमिताभ बच्चन आज के जमाने के अभिनेताओं से भी ज्यादा व्यस्त हैं और उन्हें अभी हाल ही में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है.

धर्मेंद्र 84 के हो चुके हैं और उन्होंने फिल्म से छुट्टी ले ली है पर अपने लोनावला के फार्म हाउस के खेत में वो  एक एक्टिव किसान की तरह काम करते हैं.

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हेमा मालिनी और जया भादुरी जिन्होंने इस फिल्म में बहुत महत्वपूर्ण किरदार निभाया था. हेमा ने एक बहुत बोलने वाली बसंती का किरदार निभाया था तो जया ने  एक विधवा का किरदार निभाया था जो कि अपनी चुप्पी से बहुत कुछ बोल देती थी. दोनों ने अभिनेत्री के करियर से सेवानिवृत्त हो राजनीति का करियर अपना लिया है. हेमा यूपी के मथुरा से बीजेपी पार्टी की तरफ से MP है और जया राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की प्रतिनिधि हैं.

संजीव कुमार जिन्होंने खुद ही यह भविष्यवाणी की थी कि वो 50 साल से पहले ही मर जाएंगे,उनकी मृत्यु 47 साल की उम्र में हो गई.

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अमजद खान हर बड़ी फिल्म का चेहरा बन चुके थे पर एक एक्सीडेंट जिसमें अमिताभ बच्चन भी थे उसके बाद उनका करियर खत्म हो गया और 47 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.

बाकी जो समय के साथ इस दुनिया से चले गए हैं वो हैं लीला मिश्रा, ए.के. हंगल , सत्येम कप्पू, मैक मोहन मेज़र आनंद और विजू खोटे जिनकी अभी कुछ दिन पहले मृत्यु हुई है.  इस फिल्म से जुड़े और भी कई लोग हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं जैसे म्यूजिक डायरेक्टर आर डी बर्मन, गीतकार आनंद बक्शी, सिनेमैटोग्राफर्स द्वारका दिवेचा और के बैकुंठ और अभिनेता जलाल आगा.

कुछ अग्नि (शोले) जो कभी ना बुझाई जा सकती हैं ना भुलाई जा सकती हैं 

रमेश सिप्पी जिन्होंने शोले बनाई थी उन्होंने शोले के बाद और भी कई फिल्में बनाने की कोशिश की पर सब के सब असफल हुए. और वो अब अपनी पत्नी किरण जुनेजा के साथ सेवानिवृत्त जीवन जी रहे हैं. दोनों हर फिल्म फेस्टिवल और पार्टी में जाते हैं जहां उनको आमंत्रित किया जाता है. अंतिम बार उन्होंने 'शिमला मिर्ची' नाम की फिल्म बनानी शुरू की थी पर उसके बारे में फिर कोई खबर नहीं आई. ऐसा लगता है कि उन्हें  हमेशा शोले के मेकर के रूप में ही याद रखा

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