यहां पढ़ें दिल बेचारा फिल्म का रिव्यू (Dil Bechara Review)
दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा आखिरकार रिलीज़ हो गई है। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर तय समय से आधे घंटे पहले ही फिल्म को रिलीज़ कर दिया गया। फिल्म इसीलिए और भी ज्यादा खास है क्योंकि सुशांत आज हमारे बीच नहीं हैं डेढ़ महीने पहले वो दुनिया को अलविदा कह गए। चलिए बताते हैं कैसी है सुशांत की आखिरी फिल्म(Dil Bechara review) चलिए पहले आपको बताते हैं फिल्म की कहानी।
कहानी
फिल्म की कहानी की शुरुआत में सुनाई देती है किज्जी बासु(संजना संघी) की आवाज़'। जो टर्मिनल कैंसर से ज़िंदगी की जंग लड़ रही है। हर वक्त अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलने वाली किज्जी की ज़िंदगी तब बदल जाती है जब उसकी लाइफ में एंट्री होती है इम्मानुअल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी (सुशांत सिंह राजपूत) की। जो बेहद ही खुश मिजाज़ और चुलबुला है। शुरुआत में दोनों की नोंकझोक होती है लेकिन धीरे धीरे किज्जी को मैनी की आदत होने लगती है। मैनी किज्जी के हर अधूरे सपने को पूरा करने की कोशिश करता है। लेकिन कहानी में ट्विस्ट उस वक्त आ जाता है जब मैनी की तबियत ज्यादा बिगड़ जाती है और सभी को हंसाने वाला मैनी खुद ही अस्पताल पहुंच जाता है। अंत में कहानी क्या मोड़ लेती है ये आप फिल्म देखकर ही पता कीजिए हम आपका सस्पेंस खराब नहीं करेंगे।
दिल बेचारा रिव्यू (Dil Bechara Review)
चलिए अब आपको बताते हैं कि फिल्म है कैसी...और क्यों देखें...। फिल्म की कहानी की बात करें तो ये कहानी कुछ पुरानी फिल्मों जैसे आनंद, अंखियों के झरोखो से और कल हो ना हो की याद दिलाती है। लेकिन सुशांत की प्यारी सी मुस्कान और शरारती अदाएं इस फिल्म में नयापन डाल देती है। कहानी बेहद ही स्मूदली चलती है और लोगों के दिलों पर छाप छोड़ती है। सुशांत की एक्टिंग लाजवाब है। एमएस धोनी और छिछोरे के बाद सुशांत की तीसरी बेहतरीन फिल्म है। संजना संघी भी किरदार में जची हैं। डेब्यू मूवी में संजना की ऐसी अदाकारी तारीफ के काबिल है। फिल्म का म्यूज़िक कहानी को सपोर्ट करता है और दिलों को छूता है। ये सुशांत की आखिरी फिल्म है सिर्फ इसी कारण से फिल्म ना देखें बल्कि इसकी स्टोरी, कलाकार, डायरेक्शन भी कमाल का है। कुल मिलाकर फिल्म देखी जा सकती है।
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