जनता कर्फ्यू क्या है....इसको लेकर ना हों भ्रमित, समझें मौजूदा परिवेश में इसके असल मायने ?

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By Pooja Chowdhary
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जनता कर्फ्यू क्या है....इसको लेकर ना हों भ्रमित, समझें मौजूदा परिवेश में इसके असल मायने ?

जनता कर्फ्यू क्या है? इसको लेकर ना हों कन्फ्यूज़, करें सहयोग

आज तक आपने कर्फ्यू के बारे में सुना होगा। जिसकी एक तस्वीर हमारे दिलों दिमाग में पहले से ही बनी है। लेकिन पिछले 12 घंटों में हमें इससे मिलता जुलता एक नया शब्द सुनने और पढ़ने को मिल रहा है। वो है ‘जनता कर्फ्यू’। कुछ लोग तो इस शब्द के असल मायने समझ चुके हैं लेकिन एक हिस्सा ऐसा भी है जो इसको लेकर भ्रमित हो रहा है। लिहाज़ा ज़रूरी है सीधी सरल शैली में ये समझना कि ‘जनता कर्फ्यू’ क्या है।

जानें ‘जनता कर्फ्यू’ क्या है?

चलिए अब आपको बताते हैं इसका मतलब। जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा लगाया गया कर्फ्यू। ये हुआ इसका शाब्दिक अर्थ और इसी में निहीत है इसके असल मायने भी। दुनिया कोरोनावायरस के डर से भयभीत है। वैश्विक महामारी बन चुकी ये समस्या बेकाबू होती जा रही है। लिहाज़ा अब ज़रूरी है कुछ ऐसे कदमों की जो इंसान, इंसानों की भलाई के लिए उठाए। खुद से की गई एक शुरूआत इस बीमारी को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसीलिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील की गई है। यानि किसी तरह का कोई दबाव नहीं, बस खुद से खुद के लिए एक पहल करनी है। तो समझ गए ना जनता कर्फ्यू क्या है...नहीं समझें तो कोई बात नहीं.. ज़रा आगे पढ़िए।

क्या करना है जनता कर्फ्यू में?

जनता कर्फ्यू क्या है? इसका मतलब तो हमनें आपको समझा दिया लेकिन अगर आप फिर भी विस्तार से जानना चाहते हैं कि आपको इसमें करना क्या है तो ज़रा गौर फरमाए। आपको बस करना इतना है कि 22 मार्च यानि कि रविवार को सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक आपको खुद को खुद की खातिर घर में रखना है। ना गलियों में धूप सेकें, ना नुक्कड़ पर महफिलें जमाएं। ना दुकानों में चाय पे चर्चा हो ना पार्क में सेहत के लिए कसरत। यानि पूरी तरह से घर में रहें...घर के काम करें, खाएं-पीएं और सोएं। खास बात ये है कि ये आदेश नहीं बल्कि अपील है। तो है ना कमाल का कर्फ्यू। समाज को कोरोनावायरस के कहर से बचाने के लिए इतना तो किया जा ही सकता है।

इमरजेंसी सेवाओं के लिए नहीं कोई पाबंदी

अब ज़रा ये भी समझ लीजिए....कोई भी इमरजेंसी होने पर घर से निकलने की कोई पाबंदी इस जनता कर्फ्यू में नहीं   है। अगर कोई बेहद ही ज़रूरी काम है तो बेझिझक उसे कीजिए। लेकिन अगर कोई ज़रूरी काम टाला जा सकता है तो उसे टालकर ‘जनता कर्फ्यू ‘को सफल बनाने में योगदान ज़रूर दें।

मौजूदा हालातों में क्या है इसके असल मायने?

इस वक्त जो वैश्विक स्थिति है उसमें इस जनता कर्फ्यू के कई मायने हैं। खासतौर से भारत में। एक दिन में 14 घंटों तक के इस कर्फ्यू से आप देश को इस महामारी से छुटकारा ना सही लेकिन कोरोना के खात्मे के लिए हो रहे महायज्ञ में एक छोटी ही सही आहूति ज़रूर दे सकते हैं।

क्या होगा फायदा

  • जनता कर्फ्यू होगा तो सड़कों, गली मोहल्लों, सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ कम होगी जिससे इस वायरस की चपेट में आने के ख़तरे को कम किया जा सकेगा।
  • 14 घंटों में ही असर ये होगा कि संक्रमित होने वाले मरीज़ों की तादाद एकाएक घट जाएगी। जिससे आगे इस ख़तरे को कम किया जा सकेगा।
  • सिर्फ यहीं नहीं भारत इस वैश्विक समस्या से निज़ात पाने में कितना समर्थ है इसकी परख करने का भी इससे बेहतर मौका और क्या होगा।
  • इसके अलावा अस्पतालो में बेवजह जुट रही भीड़ से कुछ हद से छुटकारा मिलेगा और रात दिन कोरोनावायरस की चपेट में आए मरीज़ों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को भी राहत की सांस लेने के कुछ क्षण नसीब होंगे।

तो समझ गए ना कि आखिर जनता कर्फ्यू क्या है। तो घर में रहें, सुरक्षित रहें और जनता कर्फ्यू के मामूली से नियमों का पालन करें। यही हमारी भी आप से अपील है।

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