सालों बाद वायरल हो रही है महाभारत सीरियल के शूट की आखिरी वीडियो, हर कलाकार दिखा भावुक
1988 में आई बी आर चोपड़ा की महाभारत एक बार फिर दूरदर्शन पर प्रसारित की जा रही है। जिसे उस दौर की पीढ़ी ही नहीं बल्कि आज की जनरेशन भी पूरे चाव से देख रही है। वहीं अब सोशल मीडिया के ज़माने में महाभारत सीरियल की एक वीडियो सामने आई है जो शूट के आखिरी दिन की है।
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इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि शूट के आखिरी दिन सेट पर कैसा माहौल था, हर कलाकार क्या महसूस कर रहा है। और हम वादा करते हैं कि ये वीडियो देखकर आपकी आखों में भी नमी ज़रूर उतर आएगी।
उस वक्त लोगों में महाभारत को लेकर थी गज़ब की दीवानगी
Source- India Times
कहते हैं जिस दौर में महाभारत सीरियल का प्रसारण हुआ उस समय लोगों के बीच इसे लेकर दीवानगी का आलम कुछ और ही था। जब भी ये शो आता लोग टीवी से चिपक जाते और उसके आगे से टस से मस ना होते। दूर दराज के गावों में तो लोग ट्रैक्टर की बैट्री तक से कनेक्ट करके टीवी ऑन करते थे और फिर सभी मिलकर एक साथ महाभारत देखते।
हर किरदार ने छोड़ी अपनी अलग छाप
Source - Station Hollywood
शो में एक एक करके किरदारों का चयन इतनी गंभीरता से किया गया था कि मानो इन किरदारों के बिना महाभारत सीरियल संभव ही ना होता। द्रौपदी, दुर्योधन, शकुनि, अर्जुन, कृष्ण... सब के सब अपने रोल में पूरी तरह फिट। शायद तभी तो इन कलाकारों ने इन किरदारों को 1988 में लोगों के बीच फिर से जीवंत कर दिया और ऐसा जीवंत किया कि ये आज भी लोगों के ज़हन में जस के तस हैं।
अब वायरल हुई शो के आखिरी दिन की वीडियो
वहीं अब शो के आखिरी दिन की वीडियो भी खूब वायरल हो रही है जिसमें सभी कलाकार काफी भावुक नज़र आ रहे हैं। पहले आप ज़रा ये वीडियो देखिए।
तो देखा आपने वीडियो में हर कलाकार चाहे कोई भी हो किस तरह भावुक नज़र आ रहे हैं। लंबे समय तक चली शूटिंग के बाद जब आखिरी शूट हुआ तो ये भावुकता आनी लाज़िमी थी। फिर कौन दुर्योधन और कौन अर्जुन...सब एक दूसरे से लिपट कर रोते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो में मुकेश खन्ना, नितीश भारद्वाज, गजेंद्र चौहान और पंकज धीर, रूपा गांगुली सभी कलाकार नज़र आ रहे हैं। कोई किसी के आंसू पूछ रहा है तो कोई गले मिलकर ढांढस बंधा रहा है। इस वीडियो में जो म्यूज़िक बज रहा है वो भी गीता का ही एक उपदेश है।
आज भी प्रासंगिक है महाभारत और रामायण...
कहते हैं रामायण हमें सिखाता है कि हमें जीवन में क्या करना चाहिए, जबकि महाभारत हमें सिखाता है कि हमें जीवन में क्या नहीं करना चाहिए। दोनों ही बातें ज़िंदगी में काफी अहमियत रखती हैं। इसीलिए तो महाभारत और रामायण कल भी प्रासंगिक थीं और आज भी प्रासंगिक हैं।