दो अलग अलग शहरों में बने हैं महाभारत में कर्ण यानि पंकज धीर के मंदिर
1988 में आई बी आर चोपड़ा की महाभारत दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुई थी। और इसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था। अब जब लॉकडाऊन में इसे दोबारा टेलीकास्ट किया गया तो इसके किरदारों की खासतौर से चर्चा हो रही है। हर किरदार के लिए एक्टर का चुनाव बड़े ही ध्यान से किया गया था तभी तो हमें महाभारत जैसा एपिक सीरियल मिला। आज हम महाभारत में कर्ण बने पंकज धीर के बारे में आपको बेहद ही दिलचस्प जानकारी देने जा रहे हैं।
जी हां..पंकज धीर जिन्होने महाभारत में ऐसा रोल निभाया कि आज भी उन्हें कर्ण के तौर पर ही जाना जाता है। इस धारावाहिक के बाद कर्ण को इतना पसंद किया गया कि दो अलग - अलग शहरों में उनके दो मंदिर बनाए गए हैं जहां उनकी रोज़ाना पूजा की जाती है।
बस्तर और करनाल में मौजूद हैं मंदिर
महाभारत में कर्ण का किरदार कितना अहम है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1988 में आए इस सीरियल के बाद देश में दो जगहों पर कर्ण को समर्पित मंदिर स्थापित किएगए हैं। एक बस्तर में तो दूसरा करनाल में। और इससे भी ज्यादा खास बात ये है कि यहां पर पंकज धीर की 8 फीट की मूर्ति भी लगी हुई है। जिसकी रोज़ाना पूजा भी की जाती है। एक्टर पंकज धीर ने खुद इस बात की जानकारी दी है। उन्होने बताया- ‘मेरे दो मंदिर हैं, जहां रोजाना पूजा की जाती है। मैं उन दो मंदिरों में होकर भी आया हूं। एक मंदिर करनाल में है और दूसरा बस्तर में। वहां मेरी आठ फुट की मूर्ति है, जिस पर लोग पूजा करने आते हैं। जब भी मैं वहां जाता हूं, लोगों का बहुत प्यार मिलता है।
दूरदर्शन पर आई महाभारत के बाद फिर मिले थे कर्ण बनने के कई ऑफर
Source - Navbharat Times
साल 1988 में जब महाभारत में कर्ण का रोल पंकज धीर ने निभाया तो वो दर्शकों को इतना पसंद आया कि इसके बाद भी उन्हें कई बार कर्ण के और भी रोल ऑफर किए गए। लेकिन पंकज ने उन्हें करने से मना कर दिया। उनका मानना था - ‘मुझे महाभारत के अन्य संस्करणों में कई तरह के रोल ऑफर हुए लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने कर्ण का रोल निभाया, मेरे लिए यही काफी है। यहां बात सिर्फ पैसे की नहीं है। मैं अन्य किरदारों से भी पैसे कमा सकता हूं। लेकिन मैं अपने फैन्स को कन्फ्यूज नहीं कर सकता। यह मेरे फैन्स के साथ न्याय नहीं होगा.'
महाभारत से जुड़े दिनों को किया याद
बी आर चोपड़ा की महाभारत के दिनों को याद करते हुए पंकज धीर ने कहा - “लोग इतने सालों में मुझे लगातार प्यार करते आए है। इसका श्रेय शो को जाता है। अगर स्कूल की इतिहास की किताबों की बात करें तो जहां कर्ण का जिक्र आता है, वहां भी मेरी फोटो का इस्तेमाल किया गया है। जब तक स्कूलों में यह किताबें छपती रहेंगी, मेरा जिक्र उनमें रहेगा।