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Bobby Aur Rishi Ki Love Story
हाल ही में OTT प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार ('Disney+ Hotstar) पर रिलीज हुई अमरीश पुरी के पोते (Amrish Puri's grandson) वर्धन पुरी (Vardhan Puri) और शेखर कपूर और सुचित्रा कृष्णमूर्ति की बेटी (Shekhar Kapur and Suchitra Krishnamoorthi's daughter) कावेरी कपूर (Kaveri Kapur) की फिल्म ‘बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी’ (Bobby Aur Rishi Ki Love Story) को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. मायापुरी (mayapuri) की पत्रकार शिल्पा पाटिल ने फिल्म की स्टारकास्ट और निर्देशक (Director) कुणाल कोहली Kunal Kohli) से ख़ास मुलाकात की. इस दौरान वर्धन पुरी (Vardhan Puri), कावेरी कपूर (Kaveri Kapur) और कुणाल ने क्या कुछ कहा उन्होंने, आइये जानते हैं.
आप हमें अपनी फिल्म और अपने किरदार के बारे में कुछ बताये. इसकी कहानी ख़ास क्यों है, दर्शक इसे कैसे खुद से जोडकर देख पायेंगे?
कावेरी- इस कहानी में बहुत मासूमियत और मस्ती है. यह युवा प्रेम को खूबसूरती से पेश करती है, फिर चाहे वह दिल टूटना, ड्रामा, केमिस्ट्री हो इसमें सब है. इसमें सब कुछ युवा प्रेम के बारे में है
वर्धन- इस कहानी में एक अद्भुत बात है, जो आपको दूसरी कहानियों में देखने को नहीं मिलता और वह है इस फिल्म के ख़ास पल को साइलेंट से जुड़ा है. आमतौर पर रोमांटिक फिल्में और प्रेम कहानियां अपने संवादों के लिए जानी जाती हैं. लेकिन हमारी फिल्म में साइलेंट कमाल का है. फिल्म में एयरपोर्ट का एक सीन है, जिसमें हम दोनों ही चुप रहते हैं. ये खामोशी बहुत दर्दनाक है. एक फिल्म को साइलेंट मूवमेंट ही बनाते हैं.
मुझे एक बार यश जी ने कहा था कि अगर किरदार को I LOVE YOU बोलना पड़े तो फिल्म पर और काम करना चाहिए.
‘Bobby Aur Rishi Ki Love Story’ की केमिस्ट्री का क्या राज़ है, ये कैसे हुआ? हमें इसके बारे में बताये.
कावेरी- हमें इसमें एक्टिंग करनी नहीं पड़ी, ये अपने आप ही हो गया. हम बस उस पल को जी रहे थे. हम जब सेट पर मिले तो कुछ दिनों बाद ही हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए, तो हमें कुछ भी करना नहीं पड़ा. यह सब अपने आप ही आया है.
वर्धन- हां, हमने कभी भी इसे ज़बरदस्ती नहीं किया. हम ने सोचा कि हम अपनी पूरी एक्टिंग देंगे, लेकिन हमें ये नहीं पता था कि हमारी दोस्ती इतनी बढ़ जाएगी कि एक पॉइंट पर हमें अभिनय करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. हमें बस दृश्यों को जीना पड़ेगा. कुणाल सर ने हमें हमेशा यही कहा था, "अभिनय मत करो, बस पल में रहो, दृश्य को महसूस करो, इमोशंस को महसूस करो.” अगर आप सच में कुछ महसूस करते हो, तो कैमरा उसे पकड़ लेता है.
आपने इस कहानी के लिए कावेरी और वर्धन को कास्ट कैसे किया? और ऋषि कपूर जी का नाम फिल्म में कैसे आया?
कुणाल- मैं पहले यह कहना चाहूंगा कि, मायापुरी हमारे देश की पत्रकारिता और इतिहास में एक बहुत बड़ी संस्था है, जो सदियों से अच्छे कंटेंट का योगदान दे रही है. तो मायापुरी को और आपको बधाई. मैं आपको अच्छा कंटेंट दे सकता हूँ. mayapuri को 50 साल हो गए हैं. यह एक ऐतिहासिक संस्था है. चाहे आप देश में कहीं भी जाएं आपको मायापुरी मिल जाएगी. अगर आप किसी भी पत्रिका स्टोर पर जाएंगे, तो आपको मायापुरी जरूर मिल मिलेगी.
मुझे लगता है कि प्रेम कहानियां ‘मायापुरी ‘जैसी ही होती हैं, हम चाहते हैं कि हमारी पहुंच मायापुरी जैसी हो. यह देश के हर कोने में फैलनी चाहिए. देश के हर कोने में प्रेम कहानियां होनी चाहिए, जैसे मायापुरी के पाठक देश के हर कोने में मौजूद है. मुझे लगता है कि मेरी किसी भी प्रेम कहानी का यही विचार हैं. प्रेम एक सार्वभौमिक भावना है और हर कोई प्रेम को समझता है, इसलिए मुझे प्रेम कहानियां बनाना पसंद है. इसके अलावा कहूँ तो मुझे प्रेम कहानियां बनाने में मजा आता है. मैंने इन्होंने इसलिए कास्ट किया क्योंकि ये मुझे मासूम लगे.
जहाँ तक चिंटू जी (ऋषि) की बात है. वे मेरी सभी फिल्मों का एक अभिन्न हिस्सा हैं. वे मेरी तीन फिल्मों का हिस्सा रहे हैं और एक दोस्त के तौर पर मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं. अगर आप उनका ट्विटर अकाउंट देखें. उनका आखिरी ट्वीट मेरे लिए है. हमारे बीच दोस्ती का एक प्यारा बंधन था. यह उनके लिए एक छोटी- सी श्रद्धांजलि थी.
आप इतने लंबे समय से इंडस्ट्री में हैं. आपने कमाल की हिट फ़िल्में दी हैं. अगर हम आज के सिनेमा को देखें. ऐसी बहुत कम फ़िल्में बनती हैं जो दर्शकों के दिलों तक पहुँचती हैं. या हिट होती हैं. इस पर आपका क्या विचार है?
कुणाल- क्योंकि हम पूरे देश को ध्यान में रखकर फ़िल्में नहीं बना रहे हैं. एक बार किसी ने कहा था. कि बॉलीवुड बांद्रा जुहू के लिए फ़िल्में बना रहा है. वो गलत नहीं था. बॉलीवुड की कई फ़िल्में बांद्रा, जुहू तक ही सीमित हैं. मैं खुद भी यही कहता हूँ और जो नहीं है वो ब्लॉकबस्टर है. जैसे स्त्री, एनिमल, गदर, पुष्पा ये सभी ब्लॉकबस्टर है. मुझे सिनेमा को बाँटना नहीं पसंद. ये एक भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री है, आप ये नहीं कह सकते कि वो तेलुगु से है. या तमिल से. या बंगाली से.
आप भारतीय सिनेमा के इस दौर को कैसे देखते हैं, क्योंकि दर्शक बहुत बदल गए हैं. उनका स्वाद बहुत बदल गया है.
कुणाल- यह बहुत अच्छा दौर है क्योंकि इस दौर में आप पुष्पा, ‘Bobby Aur Rishi Ki Love Story’ बना सकते हैं, जिसे हमने ओटीटी के लिए डिज़ाइन किया है. अगर हमने इसे सिनेमा के लिए डिज़ाइन किया होता. हम इसे अलग तरह से डिज़ाइन करते. इसमें अलग-अलग तत्व होते, क्योंकि सिनेमाई अनुभव अलग है. ओटीटी का अनुभव अलग है.
मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा दौर है. पुष्पा ने 800 करोड़ कमाए, स्त्री ने 600, और गद्दार ने 500. इससे बेहतर दौर और क्या हो सकता है. आप अपनी फिल्म का उद्देश्य तय करें – अगर जेन Z को टार्गेट करना है तो बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी बनाएं, जो जियो हॉटस्टार पर अच्छा करेगी. यह समय ऐसा है जहां आप किसी भी विषय पर फिल्म बना सकते हैं – अगर नॉन-थियेट्रिकल है तो ओटीटी पर और थियेट्रिकल है तो थिएटर में, और ब्लॉकबस्टर नंबर हासिल कर सकते हैं.
क्या हमें ‘Bobby Aur Rishi Ki Love Story’ का दूसरा पार्ट देखने को मिलेगा?
हाँ. अगर इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली और OTT प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार को लगा तो हम इसका दूसरा पार्ट भी देखने को मिलेगा.
आप दोनों का कुणाल के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
कावेरी- यह मेरा अभिनय में पहला अनुभव था. मैं बहुत आभारी महसूस करती हूँ, सेट पर शांति का माहौल था, जो मेरे लिए जरूरी था, क्योंकि अगर लोग घबराने लगे तो मैं भी घबराने लगती हूँ. वर्धन से भी मुझे मदद मिलती थी. सेट पर कभी-कभी मुझे डांस करने में दिक्कत होती थी, तो मैं पेड़ के पीछे छिपकर रोने लगती थी, और फिर मैं उनके पास जाती थी और वो मुझे मदद करते थे.
वर्धन- कुणाल सर एक अद्भुत क्रिएटिव पार्टनर हैं, जो फिल्म बनाने की प्रक्रिया में सभी को स्वतंत्रता देते हैं. वह हमें यह महसूस कराते हैं कि हम सब मिलकर फिल्म बना रहे हैं. उनकी सफलता के बावजूद, वह कभी भी अपने कमरे में बंद नहीं होते. वह हमेशा युवाओं के विचारों को समझने की कोशिश करते हैं और सेट पर हर व्यक्ति से बात करते हैं. उनकी जिज्ञासा और समझ की वजह से ही वह युवाओं के मन को अच्छी तरह से समझ पाते हैं. इसके अलावा, उनकी बेटी राधा भी बहुत समझदार हैं, जो उन्हें प्रेरित करती हैं.
आप अपने फैन्स को की कहना चाहेंगे?
वर्धन- मेरे सभी फैंस, जो मुझे सपोर्ट करते हैं, मैं दिल से उनका धन्यवाद करता हूँ. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ . मैं आपको हमेशा एंटरटेन करता रहूंगा, यह मेरा वादा है.
आप ट्रोलिंग पर क्या कहेंगे?
वर्धन- देखिये आप काम करेंगे तो कहीं ना कही आपको आलोचना ज़रूर होगी. कोई अच्छा बोले तो THANKYOU बोल दो, कोई गलत बोले तो सुन कर निकल जाओ या फिर सॉरी बोल दो बस. आप बस अपने काम में लगे रहो.
कावेरी- एक पब्लिक फिगर के तौर पर, मैंने हमेशा म्यूजिक और एक्टिंग करने का सोचा था. मैं हमेशा यह जानती थी कि आलोचना होगी और मैं इसके लिए तैयार हूँ. मैं इसका सम्मान करती हूँ और इसे समझती हूँ, लेकिन मैं यह भी समझती हूँ कि आपको अपनी आत्म-सम्मान को बनाए रखने के तरीके खोजने होंगे.
इंटरव्यू के अंत में कुणाल ने कहा कि मैं मायापुरी की तरह अपनी फिल्म को देश- दुनिया के कोने- कोने में पहुंचना चाहता हूँ.
वहीँ वर्धन ने कहा कि मायापुरी से बात करते हुए मुझे ऐसा लगता है कि मैं एक परिवार के सदस्य से बात कर रहा हूँ. क्योंकि मायापुरी मुझे मेरी मामी या चाची की तरह लगती हैं. मायापुरी मेरे लिए बहुत इमोशनल है. मायापुरी हमेशा मेरे दिल में रहेगी.
आपको बता दें कि यह फिल्म 11 फरवरीको OTT प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार ('Disney+ Hotstar) पर रिलीज हो चुकी है.
WRITTEN by PRIYANKA YADAV
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